यूपीपीएससी के नए चेयरमैन होंगे आईआरएस संजय श्रीनेत
- गवर्नर ने लगाई यूपीपीएससी के नए चेयरमैन के नाम पर मोहर
- ईडी में नार्दन रीजन के स्पेशल डायेक्टर के रूप में कार्यरत रह चुके है संजय श्रीनेत prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी को नए चेयरमैन मिल गए। यूपीपीएससी के नए चेयरमैन आइआरएस अधिकारी संजय श्रीनेत होंगे। संडे को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनके नाम पर मुहर लगा दिया है। श्रीनेत 1993 बैच के आइआरएस अधिकारी हैं। इससे पूर्व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में नार्दन रीजन के स्पेशल डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे। उस दौरान उन्होंने चार हजार करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब्त किया और 100 करोड़ से ज्यादा कर चोरी और तस्करी के मामलों को पकड़ा है। 17 अप्रैल को खत्म हुआ था निवर्तमान अध्यक्ष का कार्यकालयूपीपीएससी के अध्यक्ष रहे डॉ। प्रभात कुमार का कार्यकाल 17 अप्रैल को खत्म हुआ था। इसके बाद से नए अध्यक्ष के रूप में कई नाम चर्चा चल रही थी। आखिरकार राज्यपाल ने उस पर विराम लगाते हुए आईआरएस अधिकारी संजय श्रीनेत के नाम पर मुहर लगा दी। संजय श्रीनेत की छवि दक्ष, निष्पक्ष, ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के रूप में रही है। इनकी कार्य को समयबद्ध सीमा में, वस्तुपरक दृष्टिकोण से करने का संस्थागत प्रयास करने की छवि है। इन्हीं बातों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर उनके चयन की संस्तुति राज्यपाल से की थी।
एयू से रहा है गहरा नाता आईआरएस रहे संजय श्रीनेत का इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से गहरा नाता रहा है। उनकी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की है। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और फिर जेएनयू से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) से एम.फिल किया है। इसके बाद आइआरएस में इनका चयन हो गया। इन प्रमुख पदों पर रहे है संजय श्रीनेत संजय श्रीनेत 2005 से 2009 तक प्रथम सचिव भारतीय उच्चायोग लंदन में कार्यरत थे। इसके बाद वर्ष 2009 से 2014 तक डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस राजस्थान के प्रभारी रहे। 2015 से 2020 तक ईडी के नॉर्दन रीजन के विशेष निदेशक थे। ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (व्यापार) के पद पर नियुक्ति के दौरान श्रीनेत अनेक यूरोपीय देशों के प्रभारी रहे। इस दौरान उन्हें अंतरराष्ट्रीय आíथक अपराध और नशीले पदार्थो की तस्करी के अर्थतंत्र का भंडाफोड़ किया। वह आíथक भ्रष्टाचार, तस्करी और मनी लांड्ररिंग से संबंधित कई मामलों में सख्त कार्रवाई करके चर्चा में आए। राष्ट्रपति ने किया है सम्मानितश्रीनेत को सर्विस के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए देश के राष्ट्रपति की ओर से 2010 में गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भारत सरकार के लिए अत्यधिक राजस्व संग्रहित करने पर 1998 में 'सम्मान पत्र' प्राप्त हुआ है।