स्टेट यूनिवर्सिटी में नए सेशन से इंट्रीग्रेटेड प्रोग्राम
- न्यू एजुकेशन पॉलिसी को देखते हुए स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने पाठ्यक्रम में किए बदलाव
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: प्रो। राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी में भी न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। यहीं कारण है कि यूनिवर्सिटी नए सेशन 2021-22 में दाखिले के साथ ही कैंपस में इंट्रीग्रेटेड प्रोग्राम लागू करने जा रहा है। यूनिवर्सिटी की ओर से आर्ट और कामर्स में पांच वर्षीय चार इंट्रीग्रेटेड कोर्स में स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा। न्यू एजुकेशन पॉलिसी की तर्ज पर ही नए सेशन से स्टूडेंट्स को आर्ट और कामर्स में तीन महत्वपूर्ण विषयों में से एक विषय किसी भी अन्य स्ट्रीम से चुनने की आजादी का विकल्प दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी की ओर से नई व्यवस्था को इसलिए लागू किया जा रहा है, जिससे स्टूडेंट्स में स्किल डवलेप हो सके। बुधवार को कुलपति प्रो। अखिलेश सिंह ने इस बारे में जानकारी शेयर की।पहले चार सेमेस्टर में प्रोफेशनल कोर्स का भी रहेगा विकल्प
- कुलपति प्रो। अखिलेश सिंह ने बताया कि प्रत्येक स्टूडेंट को पहले दो सालों यानी चार सेमेस्टर व चौथे वर्ष में एक अन्य विषय का भी चयन करने की व्यवस्था लागू की गई।- जो अनिवार्य रूप से किसी दूसरे डिपार्टमेंट या स्ट्रीम का होगा। यानी कामर्स के स्टूडेंट्स को आर्ट से किसी भी एक विषय या आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट को कामर्स से किसी एक विषय को चुनने का आप्शन अनिवार्य रूप से करना होगा।
- साथ ही स्टूडेंट्स को पहले चार सेमेस्टर में एक-एक प्रोफेशन कोर्स या पहले 6 सेमेस्टर में एक-एक अनिवार्य रूप से कोकरिकुलम की भी पढ़ाई करनी होगी। - आर्ट में हिंदी व संस्कृत मुख्य विषय के साथ तीसरा मुख्य विषय किसी भी स्ट्रीम से चुनने की आजादी रहेगी। - ये व्यवस्था दूसरे कांबिनेशन में भी शामिल रहेगी। - सभी कांबिनेशन में इस बार 60-60 सीटों पर दाखिले दिए जाएंगे। - साथ ही यूनिवर्सिटी में च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम यानी सीबीसीए, क्रेडिट एवं सेमेस्टर प्रणाली पर आधारित रहेगी। क्रेडिट सिस्टम लागू होने से खराब नहीं होगा साल - कुलपति प्रो। अखिलेश सिंह ने बताया कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार यूनिवर्सिटी में भी क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। नए सेशन से लागू इस व्यवस्था में स्टूडेंट्स इंटर के बाद जब पहले साल दाखिला लेकर पास होने के बाद पढाई छोड़ता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा। - दो सालों तक पढ़ाई के बाद कोर्स छोड़ता है, तो उसे डिप्लोमा सर्टिफिकेट मिलेगा।- इसी प्रकार तीन वर्ष पूरा करने पर बैचलर डिग्री,
- चार साल पूरा करने पर बैचलर रिसर्च सर्टिफिकेट और पंाच साल पूरा कराने पर पीजी की डिग्री दी जाएगी।
-हालांकि तीन साल का कोर्स पूरा करने के लिए अधिकतम 6 साल का समय दिया जाएगा। पहली बार लागू हो रहा ग्रेडिंग व क्रेडिट सिस्टम स्टेट यूनिवर्सिटी में पहली बार क्रेडिट सिस्टम के साथ ही ग्रेडिंग की व्यवस्था लागू हो रही है। यानी स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट में नम्बर के स्थान पर ग्रेड दिए जाएंगे। जिसे सीजीपीए कहते है। 25 फीसद का मूल्यांकन आंतरिक और 75 फीसद का मूल्यांकन यूनिवर्सिटी के एग्जाम से होगा। एक सेमेस्टर 23 से 25 क्रेडिट का होगा। जबकि एक साल के लिए 46 से 50 क्रेडिट निर्धारित होंगे। इसमें एबी यानी अबसेंट, एफ यानी फेल, पी यानी पास, सी यानी एवरेज, बी यानी एबव एवरेज, बी प्लस यानी, गुड, ए यानी वेरी गुड, ए प्लस यानी एक्सीलेंट और ओ यानी आउटस्टैंडिंग का ग्रेड दिया जाएगा। यानी नई व्यवस्था में स्टूडेंट्स को अब फेल, पास होने से लेकर आउटस्टैडिंग तक का ग्रेड दिया जाएगा। 11 सब्जेक्ट में लागू हो रहा है सीबीसीएसयूनिवर्सिटी में वर्तमान सत्र से पीजी लेवल पर कुल 11 विषयों में सीबीसीएस प्रणाली लागू होगा। अभी तक इनमें सेमेस्टर प्रणाली लागू था। अब क्रेडिट एवं ग्रेडिंग प्रणाली के तहत मूल्यांकन होगा। इसमें हिंदी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व, राजनीति विज्ञान, भूगोल, समाजशास्त्र, समाजकार्य, व्यवहारिक अर्थशास्त्र, रक्षा अध्ययन एवं कामर्स शामिल है।
यूनिवर्सिटी में नए सेशन से इंटीग्रेटेड प्रोग्राम लागू किया जायेगा, इसके साथ ही प्रोफेशनल कोर्स को भी अनिवार्य रूप से इंट्रोड्यूज किया जा रहा है, जिससे स्टूडेंट्स में स्किल डेवलप किया जा सके। प्रोफेसर डॉ अखिलेश सिंह, कुलपति, प्रो। राजेंद्र सिंह रज्जू भइया स्टेट यूनिवर्सिटी