रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी में काम करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आज बुधवार को संत रविदास जयंती पर 'संत रविदास के आध्यात्मिक विचार एवं रेल परिचालन विषय पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में सहायक मंडल बिजली इंजीनियर कोचिंग ओपी पाठक संजय कुमार एसके सिंह रमाशंकर लक्ष्मी प्रसाद ने अपने विचार रखे. संचालन राजभाषा अधिकारी शेषनाथ पुष्कर ने किया.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस अवसर पर श्री पुष्कर ने कहा कि संत रविदास ने कहा था कि 'मन चंगा तो कठौती में गंगाÓ अर्थात जब व्यक्ति का मन चंगा रहेगा तो उसका तन भी चंगा रहेगा। जब व्यक्ति का मन और तन दोनों चंगा रहेगा तो व्यक्ति चंगा (स्वस्थ) रहेगा और जब व्यक्ति चंगा रहेगा तो वह सुखी रहेगा अर्थात उसके पास सुख रहेगा तो उसके पास ही गंगा है। इसके साथ साथ जब वह चंगा रहेगा तो बेहतर रेल संचालन करेगा। उन्होंने आगे कहा कि आध्यात्मिक विचार ही मनुष्य को चंगा रखते हैं। आध्यात्मिक विचार वे विचार होते है जो मन में अच्छी भावनाओं जैसे समानता की भावना, प्रेम की भावना, निष्पक्षता की भावना, सहयोग की भावना, कर्तव्य पालन एवं जिम्मेदारी की भावना आदि का विकास करते हैं।

Posted By: Inextlive