एसआरएन अस्पताल में आग बुझाने के नहीं हैं इंतजाम, खराब पड़े हैं अग्नि शमन यंत्र

अस्पताल की स्थिति देखकर फायर ब्रिगेड अफसरों की भौहें तनी, डीएम को भेजेंगे रिपोर्ट

vinay.ksingh@inext.co.in

अस्पतालों पर सरकार का पूरा फोकस है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निबटने के लिए सरकार अस्पतालों को लगातार अपग्रेड कर रही है। यह एक पहलू है तो इसका दूसरा पहलू यह है कि अस्पताल में पहले से लगे उपकरणों को मेंटेन रखने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। यह खुलासा शुक्रवार को हुआ जब फायर ब्रिगेड की टीम एसआरएन हॉस्पिटल में अग्निशमन यंत्रों का स्टेटस चेक करने के लिए पहुंची। मंडल स्तर के इस अस्पताल में अग्नि शमन के लिए लगाये गये ज्यादातर उपकरण खराब मिले। स्थिति यहां तक थी कि वर्तमान समय में पुरानी बिल्डिंग में आग लगने की घटना हो जाए तो यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है।

फायर अलार्म खराब, पानी की टंकी खाली

शुक्रवार को एसआरएन अस्पताल में अग्नि शमन यंत्रों की कंडीशन चेक करने के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी अपनी टीम के साथ पहुंचे थे। यहां की व्यवस्था को देखकर वे दंग रह गए। इसकी सूचना जैसे ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को मिली वह मौके पर पहुंच गया। अपना परिचय दिये बिना वह टीम के साथ एक-एक कमरे में पहुंचा यह जानने के लिए आग लगने की स्थिति से निबटने के लिए अस्पताल कितना अप टु डेट है। वहां सामान्य तरीके से बातचीत हो रही थी। तकरीबन एक घंटे तक उन्होंने अस्पताल के अंदर अग्नि शमन यंत्रों की जांच की। एसआरएन अस्पताल के पुरानी बिल्डिंग में लगे पम्पिंग सेट खराब पड़े मिले। अस्पताल में आग बुझाने के लिए हाईड्रेंट भी ढूंढे से नहीं मिले। जो मिल भी गये वे वर्किंग नहीं थे। इन्हें स्टोर में रख दिया गया था। फायर अलार्म भी बंद पड़े मिले। अस्पताल में वाटर टैंक भी खाली था। यह देख अफसर भी दंग रह गये।

अधिकांश उपकरण हो चुके एक्सपायर

अस्पताल में आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाने के लिए पर्याप्त संख्या में फायर इक्विपमेंट्स लगे हैं। चेकिंग के दौरान इसमें से अधिकांश उपकरण वर्किंग कंडीशन में नहीं मिले। इनकी डेट एक्सपायर हो चुकी थी। चंद उपकरणों को अस्पताल प्रशासन ने रिफिल कराया था। संयोग से यह रिफिलिंग भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिली। कई के पाइप तक गायब थे। कई जगहों पर अग्नि शमन यंत्र लगा मिला लेकिन उसे पानी से कनेक्ट ही नहीं किया गया था। पुरानी बिल्डिंग से ही सटे एक कमरे में किचन बनाया गया है। जहां पर रोजाना हजारों व्यक्ति का खाना पकाया जाता है।

फायर फाइटिंग के लिए जरूरी अरेंजमेंट

सभी अस्पतालों में बड़ा पानी का टैंक होना अनिवार्य है

इस टैंक से पानी की सप्लाई सभी वार्डो में होनी चाहिए

ताकि आग लगने पर बुझाने में इस पानी का इस्तेमाल किया जा सके

इसके अलावा पम्प, हीट रीडर, स्मोक रीडर, मोड्यूलर फायर उपकरण अनिवार्य रूप से लगे होने चाहिए

हाइड्रेंट सिस्टम, राइजर, हौज लाइन, होजरील, होज टेबल (छोटे अग्निशमन यंत्र) भी वर्किंग कंडीशन में होना जरूरी है

कार्बन डाइआक्साइड सिलेण्डर के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए

एसआरएन के किस वार्ड में कितने मरीज

वार्ड मरीज बेड

इमरजेंसी - 30 32

मेल आर्थो 40 50

फिमेल आर्थो 22 30

बर्न, सíजकल-11 13

हृदय विभाग-- 09 11

इंसेफेलाइटिस आईसीयू- 10 ---12

फीमेल मेडिसीन--14---16

आई वार्ड----11---14

मेल मेडिसीन वार्ड--14---15

मेल सíजकल वार्ड--20---25

जनरल वार्ड---30---40

कोविड पेशंट - 09

उन सभी स्थानों जहां पब्लिक का आना-जाना ज्यादा होता है। वहां फायर सेफ्टी अरेंजमेंट्स को चेक किया जाना सिक्योरिटी रूल्स के तहत है। आज एसआरएन अस्पताल में चले फायर इक्विपमेंट्स को चेक किया गया है। चेकिंग के दौरान काफी खामियां पायी गयी हैं। प्रशासन को खामियों से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा गया है ताकि इसे दुरुस्त कराया जा सके। हमारे साथ सीएफओ राजीव कुमार भी मौजूद रहे।

नागेंद्र द्विवेदी

फायर स्टेशन अधिकारी

अग्निशमन अधिकारी द्वारा जांच की गई है। जो भी कमियां उनके द्वारा लिखित में बताई जाएंगी उनको दूर कराया जाएगा। नई बिल्डिंग में तो अभी काम चल रहा है पुरानी बिल्डिंग में फायर फाइटिंग अरेंजमेंट से रिलेटेड जो इश्यूज हैं, उसे जरूर दूर कराया जाएगा। सेफ्टी हमारी भी प्रॉयोरिटी है।

अजय सक्सेना

प्रमुख अधीक्षक, एसआरएन अस्पताल

Posted By: Inextlive