दुश्मनी और खुन्नस का टारगेट मासूम बच्चे
प्रयागराज ब्यूरो ।घर में पढऩे लिखने वाले नाबालिग बच्चे हैं तो उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि परिवार से रंजिश व खुन्नस रखने वाले शातिर बच्चों को भी टारगेट कर सकते हैं। कई नाबालिगों की हत्याएं हो चुकी हैं। कत्ल के बाद छानबीन में जो तथ्य सामने आए वह सतर्क करने व चौंकाने वाले हैं। ज्यादातर हत्या की घटनाएं परिवार व मोहल्ले के लोगों ने ही अंजाम दी। एक ऐसी घटना रही जिसमें परिवार का ही एक शख्स फिरौती के लिए रिश्ते के भतीजे को मौत के घाट उतार दिया था। बच्चों के साथ हुईं यह घटनाएं हर किसी को झकझोर कर रख दी हैं। पुलिस भी थाने पहुंचने वाले लोगों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति खबरदार करने में जुट गई है।
पुलिस के जवान भी कर रहे खबरदार
नाबालिगों की हत्या के बाद पुलिस द्वारा की गई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों द्वारा कत्ल के जो कारण बताए गए हैं वह हैरान और परेशान करने वाले हैं। तफ्तीश और पूछताछ करने वाले पुलिस कर्मियों के मुताबिक बालकों की ज्यादातर हत्याएं पारिवारिक रंजिश व खुन्नस में हुईं। यह बातें पुलिस की तफ्तीश और अभियुक्तों से की गई पूछताछ में सामने आई हैं। बालकों की यह हत्याएं ज्यादातर परिवारिक लोगों के द्वारा की गई हैं। इस स्थिति पर गौर करें तो बालक घर परिवार में ही अपनों से भी सुरक्षित नहीं हैं। कहना है कि उस परिवार को भी सतर्क रहने की जरूरत है जिसके पास अच्छी खासी नौकरी और पैसा है। ऐसे व्यक्तियों के बच्चे का अपहरण फिरौती के इरादे से गांव परिवार के लोग भी करवा सकते हैं। यह बात हाल ही में घूरपुर इलाके के बालक की हुई हत्या से साबित हो चुकी है। इसलिए इन घटनाओं से सबक लेते हुए अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। किसी को अपना समझकर अंधविश्वास करना बच्चों के अपहरण और हत्या का कारण बन सकता है।
इस तरह बच्चों पर रखें पैनी नजर
नाबालिग बच्चों के अभिभावक हैं तो उनकी सुरक्षा को लेकर हर पल सतर्क रहें, वह कहां और कब आते जाते हैं इस स्थिति पर नजर बनाए रखें
बच्चे कहां और किसके साथ उठते और बैठते हैं इस बात की भी जानकारी रखें ताकि यदि वह घर न लौटें और लापता हों तो उनके बारे में पुलिस को बता सकें
पारिवारिक व्यक्तियों के साथ भी बच्चे को कहीं भेज रहे हैं तो उसकी लोकेशन बराबर लेते रहें, रास्ते में क्या और कैसे है इस बात के बारे में भी बच्चे से जरूर पूछे
नाबालिग बच्चों को यह अच्छी तरह समझाएं कि बगैर घर में बताए वह किसी भी व्यक्ति के साथ कहीं नहीं जाएं फिर वह परिवार का ही कोई शख्स क्यों नहीं हो
बच्चा जिस व्यक्ति के साथ जा रहा उससे हिस्सा बांट या पैसे को लेकर कोई मनमुटाव या रंजिश हो तो उस व्यक्ति के साथ बच्चे को नहीं भेजें
यदि बच्चा समय से घर नहीं पहुंचे तो तत्काल पुलिस को सूचना दें और जिस व्यक्ति के साथ गया हो उसके बारे में भी बताएं ताकि पुलिस उससे पूछताछ कर सके
किसी पार्टी या फंक्शन में जा रहे हैं और बच्चे साथ हैं तो उन पर से नजर नहीं हटाएं, इंज्वाय करें और करने दें पर नजर बनाए रखें कि वे कहां और किसके साथ जा रहे हैं
जान पहचान के लोगों पर विश्वास करना अच्छी बात है पर अति विश्वास धोखे का कारण बन सकता है, इस लिए हर पल उन बच्चों की सुरक्षा का खयाल रखें
केस-1
मऊआइमा थाना क्षेत्र के बहराना खानपुर में छह वर्षीय मो। नाजिम की 16 जनवरी को गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गांव से थोड़ी दूर झाड़ी में उसकी बॉडी मिली थी। बेटे की बॉडी मिलने से मो। कासिम व उसका परिवार चीख पड़ा था। बात मालूम चलने के बाद पहुंची पुलिस बॉडी बरामद कर पोस्टमार्टम हाउस भेज दी थी। पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके पुलिस परिवार के ही एक शख्स को गिरफ्तार की थी। पूछताछ में वह हत्या की वजह प्रॉपर्टी की रंजिश और खुन्नस सामने आई थी।
घूरपुर एरिया के बाबूपुर गांव निवासी बिजली कर्मी के सात वर्षीय बेटे नमन की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। यह घटना भी इसी माह 27 जनवरी को सामने आई थी। उसकी तलाश में भटक रहे परिवार संग अभियुक्त भी उसे खोजने का नाटक कर रहा था। लापता होने के छह बाद उसकी बॉडी औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित सण्डवा विद्युत उपकेंद्र परिसर के सेफ्टी टैंक में मिली थी। घूरपुर पुलिस द्वारा मामले में परिवार के ही एक शख्स को गिरफ्तार कर जेल भेजी थी। वह युवक का रिश्ते में चाचा लगता था। घटना के पीछे फिरौती मूल कारण बताई गई थी।
केस-3
नाबालिग बच्चों की हत्या का मामला नैनी थाना क्षेत्र के गंजिया में भी सामने आया था। यहां गंजिया निवासी नसीम अहमद के 11 वर्षीय बेटे जसीम अहमद की हत्या की गई थी। उसकी बॉडी घर से कुछ दिन स्थित एक गड्ढे में मिली थी। उस वक्त प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। इस घटना की छानबीन में के बाद पुलिस द्वारा पुरानी दुश्मनी की बात बताई गई थी। घर वालों ने बताया था कि वह अचानक नजरों को ओझल हुआ था।
मऊआइमा थाना क्षेत्र के गदाईपुर गांव के पास स्थित तालाब में 16 वर्षीय मो। अफसर उर्फ जैद की बॉडी 30 जनवरी को मिली थी। वह गदाई गांव निवासी मो। हारुन का बेटा था और करीब हफ्ते से लापता था। उसके गायब होने की तहरीर परिवार के द्वारा 25 जनवरी को पुलिस को दी गई थी। बॉडी बरामद होने के बाद पुलिस पोस्टमार्टम हाउस भेज दी थी। परिवार के लोगों द्वारा बालक की हत्या का शक जताया गया था। हालांकि पुलिस द्वारा उसकी मौत का कारण डूबने से बताया गया है। नाबालिग बच्चों की सुरक्षा को बेशक हर अभिभावक को सतर्क रहना चहिए। क्योंकि कौन सा व्यक्ति किस बात को लेकर रंजिश रखता है यह बात किसी को मालूम नहीं होती। ऐसी स्थिति में वह इन बच्चों के साथ घटना करके खुन्नस निकाल सकता है। यदि अभिभावक कुछ बातों पर ध्यान दें तो ऐसी घटनाओं से बचा सकता है।
सतीशचंद्र, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध