वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने जवानों का हौसला बढ़ाया


प्रयागराज ब्यूरो । वायु सेना दिवस पर मध्य वायु कमान बमरौली में हुई परेड, संगम क्षेत्र में एयर शो


भारतीय वायु सेना की 91वीं वर्षगांठ पर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मध्य क्षेत्र कमांड बमरौली में परेड की सलामी ली और नए ध्वज का अनावरण करने के बाद जवानों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पहली बार वायु सेना दिवस के मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी मध्य वायु कमान बमरौली को दी गई। 2047 तक भारत ने विकसित राष्ट्र बनने का सपना देखा है और उस सपने को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भी काम हो रहे हैं। उसी के अनुरूप योजनाएं बन रही हैं। 2032 में वायुसेना के 100 वर्ष पूरे होंगे तब तक वायुसेना को सर्वोत्तम नहीं तो सर्वोत्तम राष्ट्रों में से एक होना चाहिए। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को अपनी-अपनी भूमिका पूरी लगन से निभानी होगी। इस मौके पर उन्होंने भारतीय वायु सेना के नये ध्वज का अनावरण भी किया।हर प्रयास में दिखे उत्कृष्टता

कहा कि आप जो कुछ भी करते हैं उसमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करें। हमें अपने संचालन, प्रशिक्षण, रखरखाव और प्रशासन के हर पहलू में खुद को उच्चतम मानकों पर रखना होगा। प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी बनने का प्रयास करें। तकनीकी श्रेष्ठता बनाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास और अधिग्रहण में निवेश करना होगा। नवाचार हमारे डीएनए का हिस्सा बनना चाहिए, जिससे हम उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपट सकें। स्वयं का ईमानदारी से मूल्यांकन करने और परिवर्तन में आने वाली किसी भी बाधा का समाधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम न केवल जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। बल्कि यह दिन हमारे समृद्ध इतिहास, हमारी वर्तमान उपलब्धियों को प्रतिङ्क्षबबित करने, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षक के रूप में भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए भी है। पिछला एक वर्ष हमारे लिए काफी चुनौतियां लेकर आया। लेकिन वायुसेना ने अच्छा प्रदर्शन किया है और हर परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है। वर्तमान भू-राजनीतिक परि²श्य ने हमें स्वदेशी क्षमता विकसित करके आयात पर निर्भरता कम करने का अवसर प्रदान किया है। दो वर्ष पहले भारतीय वायुसेना को अपने पहले संबोधन में मैंने बताया था कि सभी वायु योद्धाओं से मेरी क्या अपेक्षाएं हैं? ताकि भारतीय वायुसेना प्रासंगिक और समसामयिक बनी रहे। 2022 में अपने संबोधन में मैंने परिवर्तन की आवश्यकता के बारे में बात की थी। इस वर्ष मैं भारतीय वायुसेना के लिए अपने ²ष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा कि हम कहां हैं और उस ²ष्टिकोण को वास्तविकता बनाने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है। इस वर्ष के वायु सेना दिवस की थीम एयर पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज है। यह विषय वायु शक्ति की अंतर्निहित वैश्विक पहुंच को दर्शाता है। भविष्य के संघर्षों में वायु शक्ति कैसे निर्णायक साबित होगी? वायु सेना का संचालन दुनिया भर में फैला हुआ है, जो तीव्र गतिशीलता और वैश्विक पहुंच प्रदान करता है। हमें वायु शक्ति को विकसित करने, शांति बनाए रखने की गति निर्धारित करने, आवश्यक हो तो युद्ध लडऩे और जीतने की बारीकियों को समझने की जरूरत है। हमारे लोग हैं सबसे मूल्यवान सम्पत्तिवायु सेनाध्यक्ष ने कहा कि हमारे लोग हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं। हमें बाकी सभी चीजों से ऊपर अपने वायु योद्धाओं की भलाई, पेशेवर विकास और तत्परता को प्राथमिकता देनी चाहिए। आपका समर्पण और कौशल वायु सेना की अंतर्निहित ताकत की नींव है। हमें युद्ध के चरित्र में बदलाव को अपनाना चाहिए। आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे है। हमें युद्ध क्षेत्र पर हावी होने के लिए वायु, अंतरिक्ष, साइबर और जमीनी क्षमताओं को सहजता से एकीकृत करना होगा। वायुसेना का इतिहास

बता दें कि अधिकारिक तौर पर आठ अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी। इस अवसर पर चीफ एयर मार्शल ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसकी पेशेवर दक्षता और उपलब्धियों को देखते हुए मार्च 1945 में बल को रॉयल उपसर्ग से सम्मानित किया गया था। इसलिए यह रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) बन गई थी। साल 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद वायुसेना ने अपना रॉयल उपसर्ग हटा दिया था और ध्वज में संशोधन किया था।

लाखों की भीड़ ने लिया आनंद
दूसरी ओर वायुसेना की वर्षगांठ के मौके पर रविवार दोपहर ढाई बजे से परेड ग्राउंड पर राफेल, तेजस, अपाचे, चिनूक, जगुआर, एएन 32, डकोटा आदि विमानों ने जमकर धूम मचाई। यह विमान दो घंटे तक संगम एरिया के आसमान पर कलाबाजियां खाते रहे। जिसको देखकर वहां मौजूदा लाखों की भीड़ आनंदित हो गई। लोगों ने इस शो के एक एक पल का आनंद लिया। कार्यक्रम की शुरुआत आकाशगंगा के पैराशूटर्स ने आठ हजार फीट से छलांग लगाकर की। जिसका स्वागत दर्शकों ने ताली बजाकर किया। इसके बाद सूर्य किरण की टीम ने आसमान में तिरंगा बनाकर सबका दिल जीत लिया। सारंग हेलीकाप्टर ने आसमान में दिल बनाकर दर्शकों से प्रेम का इजहार किया। इसके बाद राफेल और तेजस ने अपनी ताकत और रफ्तार का परिचय दिया। उन्होंने आसमान में रंग बिरंगी आतिशबाजी कर दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के अंत में कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले मिग 21 को सेना ने विदाई दी। इसकी जगह राफेल को स्थान दिया गया है।

Posted By: Inextlive