कुत्तों में भी बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा
प्रयागराज ब्यूरो । शहर में विदेशी नस्ल के कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें राट वीलर, जर्मन शेफर्ड, लेब्रोडोर, पामेरियन, बॉक्सर, पग आदि शामिल हैं। इनके रखरखाव के दौरान मालिक इन्हें हाई कैलोरी वाला भोजन देते हैं। जिसके खाने से इनका फैट बढ़ रहा है। वजन बढऩे से इनमें डायबिटीज के लक्षण भी दिखने लगे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक नर से अधिक मादा में डायबिटिक होने का खतरा दोगुना है। मोटापे की वजह से फैटी लीवर, हड्डियों और फेफड़ों की गंभीर बीमारी से भी कुत्ते गुजर रहे हैं।लगातार बढ़ रहा है वजन
मोटापे की वजह से कुत्तों की उम्र भी कम हो रही है। एक्सपट्र्स की माने तो अधिक वजन बढऩे से कुत्ते दो से तीन साल कम उम्र हो जाती है। देखा जाए तो आमतौर पर लेब्रोडोरका वजन 30 से 40 किलो तक होता है जो बढ़कर 60 किलो हो जा रहा है, 13 से 15 किलो का पग भी 17 से 20 किलो का हो रहा है। 15 किलो वाला बीगल भी 20 किलो से अधिक हो जाता है। इससे जानवरों के मालिक भी परेशान हैं। वह डॉक्टरों के यहां चक्कर काटने को मजबूर हैं।ऐसे पहचाने अधिक है चर्बी- कमर के दोनों हिस्सों को छूने पर चर्बी लटकती हुई नजर आए।
- छूने पर पसलियों के न होने का अंदाजा हो।- सांस लेने में दिक्कत हो रही हो।- दिनभर सुस्त रहे और दौडऩे में दिक्कत हो।ऐसे होगा बचाव- रोजाना चार से पांच किमी तक कुत्ते को अपने साथ टहलाएं।- उनको कम कैलोरी वाला भोजन दें।- डाइट में प्रोटीन वाला खाना अधिक दें।- रोजाना एक घंटे अपने कुत्ते के साथ फिजिकल एक्टिविटी में बिताएं। उसके साथ खेलें।- कुछ दवाईयों का सेवन करने से भी कुत्तों का वजन बढ़ता है, जिसकी जानकारी अपने पास जरूर रखें।पहले लोग टहलते थे तो उनके साथ कुत्ते भी वाकिंग करते थे। अब लोग आलसी हो रहे हैं और इसका असर उनके साथ जानवरों पर भी पड़ रहा है। जिससे मोटापा बढ़ रहा है और कुत्तों में कई बीमारियां जन्म ले रही हैं।डॉ। सीपी सिंह कुशवाहा, पशु चिकित्सक
लोग कुत्तों की डाइट पर अधिक पैसा खर्च करते हैं लेकिन उनकी फिटनेस पर ध्यान नही देते हैं। यही कारण है कि कुत्तों का शरीर बेडौल हो जाता है और उनकी एक्टिवनेस खत्म हो जाती है। इसके लिए जरूरी है कि पेट्स की पूरी केयर की जाए।डॉ। डीके जायसवाल, पशु चिकित्सक