उदघाटन हो गया, बसों का पता नही
प्रयागराज (ब्यूरो)। नैनी में बन रहे चार्जिंग स्टेशन की वर्क प्रोग्रेस जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने मंगलवार को मौके का जायजा लिया। स्पॉट विजिट करने से पता चला कि अभी पचास फीसदी काम भी नहीं हुआ है। केवल सर्विस सेंटर बनकर तैयार हुआ है। इसके अलावा आधा दर्जन निर्माण अभी शेष हैं। सबसे अहम कि अभी तक चार्जिंग पैनल ही नही लग सके हैं। चार्जिंग स्टेशन बनाने वाली एजेंसी पीएमआई पर धीमी गति से काम करने का आरोप पहले ही लग चुका है। सोमवार को शासन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में हाई लेवल अधिकारियों ने इस पर नाराजगी भी जाहिर की है।
चार्जिंग प्वाइंट नहीं हो तो बस भी नही
चार्जिंग स्टेशन पर कुल 18 पैनल लगने हैं और इनमें एक साथ 18 बसें चार्ज हो सकेंगी। बाकी बसों को अपनी बारी का इंतजार करना होगा। लेकिन अभी पैनल लगने में काफी समय लग सकता है। यही कारण है कि लखनऊ में मौजूद पचास बसों को प्रयागराज के लिए रवाना नही किया जा रहा है। पीएमआई एजेंसी पर आरोप है कि उन्होंने सितंबर में पैनल लगाने का काम शुरू किया। उस समय बारिश चरम पर थी और इसकी वजह से पिलर खड़ा करने में समय लग गया।
कब पूरे होंगे यह काम
बिजली की लाइन अभी नही खिची है।
नाले का निर्माण नही किया गया है।
तेज बारिश होने पर चार्जिंग स्टेशन के भीतर घुसना मुश्किल हो जाएगा।
एजेंसी एमएफ एसोसिएट्स ने सर्विस स्टेशन बना दिया है लेकिन अभी गेट और रोड आदि का निर्माण नही हो सका है।
एजेंसी के कांट्रेक्टर बीपी सिंह का कहना है कि जब तक पैनल लगाने का काम पूरा नही होगा तब तक इंटरलाकिंग रोड बनकर तैयार नही हो सकेगी।
वह इस लेट लतीफी का जिम्मेदार पीएफआई कंपनी को ठहरा रहे हैं।
एजेंसी का कहना है कि उसका काम जनवरी से चल रहा है और उसे अगस्त में कम्प्लीट करना था लेकिन चार्जिंग पैनल नही लगने से देरी हो गई।
मिस कर रहे हैं शानदार सवारी
वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यूपी के 14 शहरों में ई बसें चलाने का निर्णय लिया है। यह इलेक्ट्रिक से चलेंगी। शहर एरिया से एयर पॉल्यूशन का लेवल कम करने में ये बसें मील का पत्थर साबित होने वाली हैं। एक बस में तीस यात्री बैठ सकेंगे। प्रत्येक सीट पर पैनिक बटन होगा। यह बसें पूरी तरह से एयर कंडीशंड हैं और शॉक प्रूफ बनाई गई हैं। इनमें से आवाज भी काफी कम है। बसों मे एलईडी स्क्रीन और सीसी टीवी कैमरे लगे होंगे। मोबाइल पर ऐप के माध्यम से इन बसों की लोकेशन भी पता चल जाएगी।