एनआरसी में रेफर हुए बच्चे किया जाएगा ट्रीटमेंटदस्तक अभियान के दौरान चलाए गए अभियान में आए सामनेटीबी और कोविड के लक्षण वाले मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया

प्रयागराज (ब्यूरो)।जिले में बच्चों की सेहत ठीक नही है। न्यूट्रिशन का सही इंतजाम नही होने से वह अंडर वेट हो रहे हैं। जिससे उनकी जान जाने का खतरा बना हुआ है। यह सच सामने आया स्वास्थ्य विभाग के दस्तक अभियान के जरिए। जिसमें 321 बच्चे कुपोषित मिले और इसमें से 36 बच्चे ऐसे थे जिनको इलाज और बेहतर खानपान के लिए एनआरसी यानी न्यूट्रिशन रिहेबिलिटेशन सेंटर रिफर करना पड़ा है।
एक साल से कम बच्चों की जांच
इस अभियान में 87 फीसदी घरों का भ्रमण किया गया और इनमें मिले 6 माह से एक साल तक के बच्चों की जांच हुई तो यह अंडर वेट पाए गए। न्यूट्रिशन नहीं मिलने की वजह से इनका वजन काफी हो गया था और यह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए थे। जब इसकी जानकारी सीएमओ को हुई तो उन्होंने तत्काल इन्हें एनआरसी में भर्ती कराया। यहां पर इनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और जरूरत पडऩे पर इलाज किया जाएगा। साथ ही इनके खानपान का विशेष इंतजाम किया जाएगा।

माताएं कुपोषित तो कैसे बने बच्चों की सेहत
13 दिन तक चलाए गए अभियान में कुपोषित बच्चों की माताओं की सेहत भी ठीक नही पाइ गई।
उनको भी पर्याप्त न्यूट्रिशन नही मिलने की वजह स सेहत खराब नजर आई। उनको भी बच्चों के साथ एनआरसी में रखा गया है।
अभियान संयोजक ने बताया कि बेहतर खानपान से इनकी सेहत में सुधार होगा।
आशा कार्यकर्ताओं बकायदा कुपोषित बच्चों और माताओं की सूची तैयार की है और इनकी मानीटरिंग भी की जा रही है।

स्कूल क्यों नही जा रहे हैं बच्चें
दस्तक अभियान में यह भी पाया गया कि 3080 बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नही जा रहे हैं।
इनकी सूची शिक्षा विभाग के साथ साझा की गई है। इतना ही नही ग्राम प्रधानों से पूछा गया है कि यह बच्चे स्कूल क्यों नही जा रहे हैं।
जबकि यहां पर विद्यालय और शिक्षक भी मौजूद हैं।
सरकार द्वारा पठन पाठन की सभी व्यवस्था भी की जा रही है। फिर यह बच्चे स्कूल नही जा रहे हैं।

बुखार के मरीजों की कराई जा रही जांच
अभियान में 4329 क्षेत्रीय आशाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान कुल 4818 लोगों में बुखार के लक्षण मिले।
मलेरिया रोग की 4818 लोगों की स्लाइड जॉच के लिए भेजी गयी।
टीबी के लक्षण युक्त 284 व कोविड-19 के 1165 व्यक्तियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए।
दस्तक अभियान में कुपोषित बच्चों की पहचान, टीकाकरण, दस्त रोग, मां के दूध के फायदे, निमोनिया की पहचान, एनआरसी और एसएनसीयू से डिस्चार्ज बच्चों के फॉलोअप संबंधी गतिविधियां की गई।
इस केअलावा लोगों को मां के दूध के फायदे बताए गए। डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां से बचाव के बारे में बताया गया।

अतिकुपोषित बच्चों को एनआरसी रिफर किया गया है। इनका वजन काफी कम पाया गया है। जो बच्चे स्कूल नही जा रहे हैँ उनकी सूची भी ग्राम प्रधान और शिक्षा विभा गको दी गई है। लोगों की स्वास्थ्य जांच के साथ उन्हें जागरुक भी किया गया है।
आनंद सिंह, डीएमओ व प्रभारी दस्तक अभियान

Posted By: Inextlive