भाजपा विधायक प्रवीण पटेल के सांसद बन जाने के चलते रिक्त हुई है सीटकांग्रेस भी ले चुकी है उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूचना

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। फूलपुर सीट पर आने वाले दिनों में होने जा रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक फिर से मुज्तबा सिद्दीकी पर दांव लगाने का फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी ने बुधवार को प्रदेश की उपचुनाव वाली छह सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये। मुज्तबा का नाम एक बार फिर से सामने आने के बाद सपाई जोश में दिखे। बुधवार को शहर के मौजूद रहे पार्टी के विधानसभा में नेता माता प्रसाद ने कहा कि पार्टी उपचुनाव पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी। टिकट वितरित करने का फैसला पार्टी के स्तर पर लिया गया है।

फूलपुर के ही निवासी हैं मुज्तबा
मुज्तबा सिद्दीकी मूलत: फूलपुर के वीरकाजी गांव के रहने वाले हैं। शहर के रोशनबाग खुल्दाबाद में भी उनका आवास है। वर्ष 1988 से 1995 तक प्रधान रहे। वर्ष 2002 में बसपा के टिकट पर सोरांव से विधानसभा का चुनाव जीते। 2007 में यहीं से जीत हासिल की। 2012 में विधानसभा का चुनाव प्रतापपुर से लड़े और हार गए। 2017 में बसपा के टिकट पर प्रतापपुर से पुन: उतरे और विधायक बने। 2020 में बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। 2022 विधानसभा के चुनाव में सपा ने फूलपुर से उतारा था। मुज्तबा सिद्दीकी 100865 मत पाकर भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल से 2765 वोटों से पराजित हो गए थे। प्रवीण के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट से उपचुनाव में सपा ने मुज्तबा सिद्दीकी पर फिर दांव लगाया है। उनके प्रत्याशी बनने पर जिलाध्यक्ष गंगापार अनिल यादव, उपचुनाव प्रभारी इंद्रजीत सरोज, एमएलसी डा। मानङ्क्षसह यादव, विधायक विजमा यादव, गीता शास्त्री, धर्मराज पटेल, पंधारी यादव ने प्रसन्नता व्यक्त की।

यूपी में इंडिया गठबंधन पर ग्रहण
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और सपा ने अपने अपने उम्मीदवार उतारे थे। सपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर था। लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट पर सपा ने अपना प्रत्याशी उतारा था। कांग्रेस ने इलाहाबाद संसदीय सीट पर गठबंधन में रहते हुए जीत हासिल की तो कांग्रेसी उत्साहित हो गये। कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी। कांग्रेस के कई बड़े नेता यहां का दौरा करके मिटिंग कर चुके हैं। पार्टी प्रत्याशियों से दावेदारी मांग चुकी है। इस पर फैसला आने से पहले सपा की लिस्ट आ जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं में मायूसी दिखी। हालांकि अभी कोई कुछ भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है।

Posted By: Inextlive