इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की एग्जाम कमेटी का महत्वपूर्ण फैसला अप्रैल में होगी यूजी सेकंड थर्ड इयर की परीक्षा, फस्र्ट इयर की परीक्षा अगस्त में
प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की एग्जाम कमेटी की मिटिंग शुक्रवार को बुलायी गयी थी। इसमें परीक्षा के मोड और कोर्स कटौती के साथ सेशन से रेग्युलर करने पर फैसला लिया जाना था। एजेंडे पर बात के बाद लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए यूनिवर्सिटी की पीआरओ डा। जया कपूर ने बताया कि परीक्षा समिति ने स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाएं 22 अप्रैल से आफलाइन मोड में कराने का निर्णय लिया है। इनकी प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी आफलाइन मोड में कराई जाएंगी। इन दोनों सेशन के कोर्स में 30 फीसद की कटौती भी की जाएगी। स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं अगस्त के पहले सप्ताह में कराने का निर्णय लिया गया है। प्रवेश प्रक्रिया में देरी के चलते पाठ्यक्रम में 20 फीसद कटौती के साथ नवप्रवेशियों को परीक्षा के लिए तीन महीने की मोहलत दी गई है।इंटरनल एसेसमेंट आएगा पीजी छात्रों के काम
परास्नातक विषम सेमेस्टर के तहत (तीसरे, पांचवे, सातवें और नौवें) सेमेस्टर के तकरीबन 15 हजार छात्र-छात्राओं को इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। पीजी प्रथम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं मई में कराई जाएंगी। इनके पाठ्यक्रम में 20 फीसद की कटौती की गई है। विभागों में अभी प्रथम सेमेस्टर की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा सम सेमेस्टर के तहत (चौथे, छठवें, आठवें और 10वें) सेमेस्टर की परीक्षाएं मई के पहले सप्ताह में कराई जाएंगी। इनके पाठ्यक्रम में भी 30 फीसद कटौती का निर्णय लिया गया है। नार्थ हाल में आयोजित बैठक में कुलपति के अलावा परीक्षा नियंत्रक प्रो। रमेंद्र कुमार ङ्क्षसह, रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ल,वित्त अधिकारी सुनील कांत मिश्र, डीएसडब्ल्यू प्रो। केपी ङ्क्षसह, चीफ प्राक्टर प्रो। हर्ष कुमार समेत सभी संकायों के डीन मौजूद रहे।
ट््िवटर पर होता रहा ट्रेंडपरीक्षा समिति की बैठक की भनक लगने पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी फैमिली टीम ने ट््िवटर ट्रेंड का आह्वान किया था। छात्रों को अंदेशा था कि बैठक में सिर्फ परीक्षा के माध्यम पर चर्चा होगी। इस पर छात्रों ने हैजटैग ्रह्वष्ठशठ्ठह्लञ्जशह्म्ह्लह्वह्म्द्गस्ह्लह्वस्रद्गठ्ठह्लह्य के साथ 1.15 लाख ट््वीट किए। छात्रों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भी मेंशन किया था। इसके बाद इवि प्रशासन ने माध्यम के साथ प्रमोशन और परीक्षा की तिथि पर भी निर्णय लिया। छात्र अभी भी आनलाइन परीक्षा की मांग पर अड़े हैं। फैमिली के संस्थापक और इवि के पुरा छात्र अंकित द्विवेदी ने कहा कि निर्णय मिलाजुला है। आगे छात्रों से वार्ता कर रणनीति तैयार की जाएगी।