दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की 'एक्सक्यूजमी' मुहिम के साथ जुड़े तमाम संगठनो के प्रतिनिधियों के सुझाव पर नगर निगम ने दी व्यवस्था

पब्लिक ने जताया कन्सर्न, टायलेट बनने के बाद उनका मेंटेंनेस कैसे होगा

मैं अकेला ही चला था मंजिल की तरफ, लोग मिलते गए और करवां बनता गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पिंक टायलेट मुहिम पर यह यह कहावत सौ फीसदी सही बैठती है। इस मुहीम के साथ बुधवार को तमाम संगठनो के लोग जुड़े। वह टायलेट बनवाने तक ही नही बल्कि इनके रखरखाव में भी अपना योगदान देना चाहते हैं। बुधवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ऑफिस में आयोजित परिचर्चा में व्यापार मंडल, महिला संगठनों और समाजसेवियों ने एक स्वर में कहा कि इस अभियान के जरिए बनने वाले टायलेट के रखरखाव की जिम्मेदारी भी सब मिलकर लेने को तैयार हैं।

पब्लिक की तरफ से आए सुझाव

टायलेट मेंटेनेंस की जिम्मेदारी एनजीओ को दी जानी चाहिए।

महिलाओं को इनकी साफ सफाई में तैनात किया जाना चाहिए।

मानीटरिंग करने के लिए सरकारी महकमे के लोगों की जवाबदेही तय हो।

रोजाना साफ सफाई की जाए और इसके लिए रेटिंग सिस्टम को फालो किया जाए।

रोजाना रेटिंग हेागी तो एनजीओ अपने टायलेट को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे।

टायलेट के रख-रखाव और सफाई के लिए भी टोल फ्री नंबर जारी किया जाना चाहिए।

शहर की तमाम संस्थाओं को इस संबंध में जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

पर्यावरण अभियंता को सौंपा ज्ञापन

डिबेट में शामिल सिविल लाइंस व्यापार मंडल की ओर से पर्यावरण अभियंता उत्तम वर्मा से मुलाकात कर उनको मेमोरेंडम सौंपा गया। जिसमें महामंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि एसपी मार्ग पर महिला पालीटेक्निक की जमीन पर पिंक टायलेट का निर्माण किया जाना चाहिए। साथ ही मल्टी लेवल पार्किंग के टायलेट को पिंक टायलेट की तरह फंक्शनिंग करना होगा। शहर के पेट्रोल पंपों में बने टायलेट की साफ सफाई का जिम्मा नगर निगम ले तो यह आम जनता के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। अभी इनमें ताला लगा रहता है। इन सुझावों पर पर्यावरण अभियंता ने सकारात्मक रुख अपनाया और जल्द हल निकालने का आश्वासन दिया है।

महिलाओं के टायलेट की शहर को जबदस्त आवश्यकता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अभियान से शहर में नए टायलेट बनने जा रहे हैं। पब्लिक और विभिन्न संगठनों को इनके देखभाल की जिम्मेदारी लेनी होगी। तभी बात बनेगी।

हेमंत शुक्ला, समाजसेवी

कई बार देखा गया है कि महिलाओं के पास फुटकर नहीं होते या गांव की औरतों के पास अतिरिक्त पैसे नही होने पर उनको वापस लौटा दिया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसी महिलाओं को फ्री ऑफ कास्ट टॉयलेट यूज करने की परमिशन मिलनी चाहिए।

प्रमोद अरोरा मोदी

अध्यक्ष, कटरा व्यापार मंडल

टायलेट को किसी न किसी एनजीओ को एडाप्ट करने को दिया जाए। जिससे इनका रखरखाव और जवाबदेही तय हो। वरना देखा गया है कि एक बार टायलेट बनने के बाद इनकी साफ सफाई और मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

बृजराज तिवारी

शिवपूजा मानस समिति

अगर इतने प्रयास के बाद टायलेट बन रहे हैं तो इनके रखरखाव की जिम्मेदारी तो तय होनी ही चाहिए। ऐसा न हो कि दूसरे टायलेट की तरह इनकी हालत भी गंभीर हो जाए और कोई देखने वाला न हो।

शेख दावर वकील

सिविल लाइंस व्यापार मंडल

जो कोई भी इस टायलेट को यूज कर रहा है उसको यह ध्यान देना चाहिए कि साफ सफाई बनी रहे। अगर कोई गंदगी फैला रहा है तो उसके खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसा नही होगा तो पुन: टायलेट गंदगी का शिकार हो जाएंगे।

रवित सचदेव

सिविल लाइंस व्यापार मंडल

ये बहुत बड़ा इनीशिएटिव है जो दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने लिया है। इस मुहिम से एक भी टायलेट बनता है तो यह बड़ा एचीवमेंट होगा। इससे बड़ा एचीवमेंट तब होगा जब लोग इसकी देखभाल करने की कोशिश करेंगे। यह बेहद जरूरी है।

अजीत जायसवाल

सिविल लाइंस व्यापार मंडल

शहर में जितने भी टायलेट हैं उनमें महिलाओं के लिए खास व्यवस्था नही है। जो संचालक हैं वह इस पर ध्यान भी नहीं देते हैं। मेरी राय है कि इन टायलेट की साफ सफाई पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। जिससे महिलाएं आसानी से इनका यूज कर सकें।

शुभम सिंह

मुंडेरा व्यापार मंडल

जो संस्थाएं सांस्कृतिक और धार्मिक मुद्दों का प्रचार प्रसार करती हैं उनसे भी बातचीत करके इन टायलेट के रख रखाव पर सुझाव मांगे जाने चाहिए। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस मामले में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी तभी बेहतर समाज का निर्माण होगा।

धनंजय सिंह

अध्यक्ष मुंडेरा व्यापार मंडल

मेरा सुझाव है कि शहर के जितने भी पेट्रोल पंप हैं उनके टायलेट की साफ सफाई में नगर निगम भी हाथ बंटाए। जिससे इनमें लगा ताला हट जाए और इसका यूज दूसरे लोग भी कर सकें। इससे महिलाओं को काफी आराम मिलेगा और उन्हे भटकना नही होगा। ऐसा हुआ तो यह भी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम का बड़ा एचीवमेंट होगा।

शिव शंकर सिंह

महामंत्री, सिविल लाइंस व्यापार मंडल

इस सुझाव का समर्थन किया जाता है। मेरी राय में व्यापारियों और नगर निगम को इस मामले में पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठक करनी चाहिए और एकमत होकर इन टायलेट के रखरखाव पर अपना योगदान देना चाहिए। नए टायलेट के साथ अगर इन टायलेट की उपलब्धि हो गई तो यह अभियान की बड़ी जीत होगी।

सुशील खरबंदा

अध्यक्ष, सिविल लाइंस व्यापार मंडल

शहर के कई इलाकों में अभी भी पिंक टायलेट नही बना है। इस मुहिम के जरिए वहां पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने से आम जनता का भला होगा। जितने टायलेट बन रहे हैं वह तारीफ के काबिल है और जा नही हैं वहा बनने से इसका अधिक प्रभाव होगा।

रितेश सिंह

वाइस प्रेसीडेंट, सिविल लाइंस व्यापार मंडल

मैंने देखा है कि जहां पर एनजीओ को जिम्मेदारी दी गई वहां जनता उनका कहना नहीं मानती है। ऐसे में मानीटरिंग के लिए दूसरे टूल का इस्तेमाल करना होगा। एनजीओ के साथ सरकार खुद मौके पर अपने लोगों से इंस्पेक्शन कराए जिससे बेहतर ऑपरेशन हो सके।

डॉ। शैलेष पांडेय

सह संयोजक, शिक्षक प्रकोष्ठ काशी प्रांत

पिंक टायलेट के रखरेखाव के लिए लोकल संस्थाओं का उपयोग करना होगा। इनको भी जिम्मेदारी देनी होगी। क्योंकि, ठेकेदार कभी टायलेट का ख्याल नहीं रखता। उसे केवल कमाई से लेना देना होता है और इसका नुकसान पब्लिक का उठाना पड़ता है।

शशांक जैन

अध्यक्ष, इलाहाबाद इलेक्ट्रानिक एसोसिएशन

महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि शहर के किसी भी मार्केट में टायलेट मौजूद नही है। अगर सभी मिलकर आवाज उठाएं तो आज नही तो कल सफलता मिल ही जाएगी। इसका उदाहरण मौजूदा अभियान है जो अपना रंग दिखा रहा है।

पिंकी पाल

अशोक नगर महिला अधिकार संगठन

महिलाएं खुद अपनी जिम्मेदारी उठाती नही हैं। अगर किसी के प्रयास से हमें टायलेट बनकर मिल रहा है तो उसकी देखभाल का जिम्मा भी लेना होगा। ऐसा नही करने से कुछ दिन बाद पुरानी स्थिति पैदा हो जाएगी और टायलेट बेकार हो जाएंगे।

सीमा सिंह

महिला अधिकार संगठन, झलवा

महिलाएं कई बार इसलिए टायलेट में नहीं जाती क्योंकि वहां पर साफ सफाई का इंतजाम नहीं होता है। अगर बनवा दिया तो इसके बाद इनकी देखभाल भी जरूरी है। सुबह शाम इनकी सफाई के साथ मानीटरिंग करना भी बेहद जरूरी है।

दुर्गा देवी

महिला अधिकार संगठन, झलवा

कोई गंदगी फैला रहा है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसा हुआ तो लोगों में डर पैदा होगा और वह टायलेट के रखरखाव को हल्के में नही लेंगे। किसी भी चीज का लाभ लेने के लिए उसका ध्यान भी रखना जरूरी होता है।

प्रीति विश्वास

महिला अधिकार संगठन, अलोपीबाग

हम लोगों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत है कि अगर कोई चीज किसी के सहयोग से मिली गई तो जिम्मेदारी नहीं उठाते हैं। जबकि यह जरूरी है। अगर आप अपने यूज की चीज का ख्याल नही रखेंगे तो दूसरा उसका जरूर मिसयूज करेगा।

मेहताब बेगम

महिला अधिकार संगठन, सर्कुलर रोड

एक दूसरे के सहयोग के बिना टायलेट का लंबा यूज नही किया जा सकता है। अगर आप देखें कि कोई गंदगी फैला रहा है तो उसे तत्काल रोक दें। नही माने तो संबंधित संस्थान से शिकायत दर्ज कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई कर करवा दें।

अनीता वर्मा

महिला अधिकार संगठन राजापुर

इस अभियान में महिलाओं द्वारा बड़ा काम किया जा रहा है। इसके लिए हमें शुक्रगुजार होना चाहिए। बहुत जल्द महिलाओं को नए पिंक टायलेट मिलेंगे। इससे उनको बाजार में जाने पर शर्मिदगी का सामना नही करना होगा। इसाके लिए दैनिक जागरण आइर् नेक्स्ट को हमारी ओर से थैक्स।

राजकुमारी

महिला अधिकार संगठन, सर्कुलर रोड

बहुत सी महिलाएं अधिक देर तक यूरीन रोकने से बीमार हो जाती है। उनको यूरिन इंफेक्शन होता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि शहर में जगह जगह पिंक टायलेट बनाए जाएं और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अभियान से जुड़कर महिलाओं के लिए बड़े काम किए जाएं।

अर्चना

महिला अधिकार संगठन, राजापुर

इन टायलेट की रखरखाव और सफाई का काम महिलाओं को ही दिया जाना चाहिए। जिससे पिंक टायलेट बेहतर तरीके से वर्क कर सकें। साथ ही मानीटरिंग का विशेष इंतजाम होना चाहिए। जिससे इन टायलेट की उम्र लंबी हो और अधिक से अधिक महिलाएं यूज कर सकें।

नाजिया नफीस

समाजसेवी

पिंक टायलेट का यूज करने वालों को यह भी देखना होगा कि यह ठीक से वर्क कर रहा है या नहीं। यह चोक तो नही है। अगर ऐसा है तो पिंक टायलेट में एक टाले फ्री नंबर जारी किया जाए जिस पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराई जा सके।

वंदना सिंह

लेक्चरर, चंद्रशेखर आजाद कॉलेज

शहर के प्रत्येक बाजार में पिंक टायलेट बनाना जरूरी है। अगर, ऐसा किया जाए तो बहुत सी महिलाएं यूरीन संबंधी बीमारियों की चपेट में आने से बच जाएंगी। इसके लिए नगर निगम को विशेष अभियान चलाकर काम करना होगा।

शानू केसरवानी

महानगर अध्यक्ष महिला अधिकार संगठन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इस मुहिम के लिए उनको थैंक्स बोलना होगा। उनके प्रयास से ही इतना बडी सफलता हासिल हो सकी है। बस महिलाओं को इन टायलेट के बनने के बाद इनकी देखरेख भी करनी होगी जिससे वह लंबा यूज कर सकें।

मंजू पाठक

अध्यक्ष, महिला अधिकारी संगठन

बहुत दिन बाद ऐसा अभियान चलाया गया जिसका जमीन से जुड़ाव है। लोग अक्सर ऐसी समस्याओं पर ध्यान नही देते हैं जबकि इनका महत्व बड़ा है। अगर जगह जगह टायलेट हों तो महिलाओं को दिक्कत नही होगी।

शोभा वर्मा

महिला अधिकार संगठन

वार्ड अध्यक्ष राजापुर

टायलेट बनवाना जितनी बड़ी बात है उतनी बड़ी बात इनकी देखभाल करना भी है। इस डिबेट में यह देखकर अच्छा लगा कि तमाम संगठनों के लोग अभी भी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति काफी जागरुक है। बस उन्हें इसके लिए थोड़ा सा जगाना पड़ता है जो काम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया है।

उमेश केसरवानी

कटरा व्यापार मंडल कटरा

मेरा काम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आसान कर दिया है। हम लोग आम जनता के पास जाकर कहते हैं कि टायलेट बनाना है तो वह आब्जेक्शन करते हैं। आपकी मुहिम में यही लोग आगे आकर समर्थन क रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही जगह मिल जाएगी और शहर में तमाम नए टायलेट बन जाएंगे। सबसे बड़ी बात की महिलाओं के लिए पिंक टायलेट बन जाएंगे जो एक बड़ी सफलता होगी। पेट्रोल पम्पों के टॉयलेट का यूज शुरू कराने के साथ उसकी नगर निगम द्वारा सफाई कराने को भी वर्कआउट किया जाएगा।

उत्तम वर्मा

पर्यावरण अभियंता नगर निगम

Posted By: Inextlive