्र्र्र्रअवैध टेलीफोन एक्सचेंज की चार्जशीट में पेंच ही पेंच
प्रयागराज (ब्यूरो)।अवैध रूप से टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर राजस्व की चोरी करने वाले गैंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी हो गई है। जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। मामले में पकड़े गए तीन आरोपियों में से दो सगे भाई हैं। तीनों नैनी जेल में है। इनका बयान पूरा हो चुका है। आरोपियों के बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार कर ली गई है। जल्द ही इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, गैंग के सरगना की तलाश में एटीएस कई बार मुंबई की खाक छान चुकी है, मगर उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। ऐसे में चार्जशीट दाखिल करने में पेंच ही पेंच है।
30 दिन में पूरी कर ली विवेचना
किसी भी मुकदमें की विवेचना में पुलिस का हाल किसी से छिपा नहीं है। मगर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के नाते पुलिस ने तेजी दिखाई। पकड़े गए तीनों आरोपियों से बयान लिया गया। बताया जा रहा है कि मामले में तीनों आरोपी केवल छोटे पुर्जा हैं। ये गैंग है। जोकि अवैध टेली फोन एक्सचेंज संचालन के लिए टेक्नीकल डिवाइस उपलब्ध कराता है। इसके बाद टेली फोन एक्सचेंज चलता है। एटीएस और पुलिस ने बीती 22 मई को धूमनगंज में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालन होता पाया गया।
कौशांबी के पिपरी थाना क्षेत्र के कठगांव के रहने वाले मोहम्मद सरफराज अहमद सिद्दीकी अपने सगे भाई वाजिद सिद्दी के साथ मिलकर अवैध टेली फोन एक्सचेंज का संचालन करते थे। दोनों ने मुंडेरा मंडी के रहने वाले अपने रिश्तेदार मो.अमन को भी साथ रखा था। अमन के सहारे ही दोनों भाई ने धूमनगंज में किराए पर ऑफिस लिया था। जिसमें पूरा सिस्टम बनाकर अवैध टेली फोन एक्सचेंज का संचालन किया जा रहा था। विदेशी काल को कर देते थे लोकल में कनर्वट
प्रयागराज के शहर पश्चिमी और कौशांबी के बहुत से लोग विदेश में रहते हैं। इस इलाके में विदेशों से बड़े पैमाने पर कॉल आती है। विदेश से आने वाली कॉल को यहां पर लोकल कॉल में कनर्वट कर दिया जाता था। इसके लिए एक कम्प्यूटर से कई डिवाइस को जोड़कर पूरा सिस्टम चलाया जा रहा था।
सरगना से पता चलेगा मनी ट्रांसफर का राज
सरफराज और वाजिद रोज पांच, छह दर्जन से ज्यादा विदेशी कॉल को लोकल कनवर्ट कर बात कराते थे। एक विदेशी काल पर सामान्य स्थिति में बीस से पच्चीस रुपये खर्च आता है। इसे लोकल में कनवर्ट करने पर टेलकॉम कंपनी को राजस्व का नुकसान होता है। ये पैसे इस गैंग को कैसे मिलते थे, इसका पता गैंग के लीडर के पकड़े जाने के बाद होगा।
इस गैंग का लीडर मुंबई के गोंडवी का रहने वाला आसिफ है। पुलिस और एटीएस की टीम कई दफा उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे चुकी है। मगर उसे पकड़ा नहीं जा सका है। आसिफ के पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि वह कैसे टेली फोन एक्सचेंज के सहारे पैसे कमाता था। क्योंकि इन दोनों भाइयों के पास पैसा आसिफ भेजता था। इन दोनों भाइयों का काम केवल कोड सेट करना रहता था।
कई पेंच हैं इस मामले में
क्या केवल चार लोग ही अवैध टेली फोन एक्सचेंज का संचालन कर रहे थे।
इन्हें गेटवे का पासवर्ड कहां से मिलता था।
कॉल को लोकल कनवर्ट करने के लिए टेक्निकल डिवाइस कहां से मिली।
दोनों भाइयों को कहां पर दी गई ट्रेनिंग।
ट्रेनिंग देने वाले लोग कौन हैं, क्या उनके खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई
अवैध टेलीफोन संचालन कई महीनों तक हुआ, देर से क्यों एटीएस की जानकारी में आया।
क्या बात करने वाले सभी नंबरों की होगी जांच।