कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं लॉज
-न एडमिनिस्ट्रेशन को खबर, न नगर निगम को
-सलोरी में तो नाले के ऊपर भी बना दिए गए हैं लॉज -कई नेताओं भी चला रहे, घरेलू बिजली का हो रहा इस्तेमाल ALLAHABAD: किराए को लेकर एक बार फिर से बवाल के बाद पुलिस का ध्यान जंगल की तरह उग आए लॉज पर गया है। सिटी नॉर्थ के बड़े एरिया में दो साल के दौरान एक हजार से अधिक लॉज कुकुरमुत्ते उग आए हैं। लॉज किसके हैं व इसमें कौन-कौन रहता है, इसका रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है। बवाल के बाद कॉन्क्रीट के जंगलों में रहने वालों के वैरीफिकेशन की बात उठी है। पुलिस सलोरी में भी बघाड़ा की तर्ज पर लॉज मालिक व स्टूडेंट्स के बीच समन्वय समिति बनाने पर मंथन कर रही है। अधिकांश लॉज हैं अवैधअल्लापुर के साथ ही, छोटा बघाड़ा, एलनगंज, गोविंदपुर, रसूलाबाद, शिवकुटी, सलोरी, शुक्ला मार्केट, मटियारा रोड, टैगोर टाउन, जार्जटाउन, कटरा, कर्नलगंज, बैंक रोड में भी लगभग यही हाल हैं। सलोरी में तो नालों को पाटकर पांच मंजिला तक लॉज खडे़ कर दिए गए हैं। एक लॉज में तो 200 से अधिक कमरे हैं, लेकिन इसकी खबर न तो नगर निगम को है, न ही एडमिनिस्ट्रेशन को। स्टेट लैंड पर अवैध तरीके से लॉज तो बनवाए ही गए हैं, नगर निगम को टैक्स भी नहीं दिया जाता। राजापुर, ऊंचवागढ़ी में भी दो साल के भीतर कई लॉज बन गए हैं। टैक्स चोरी तो हो ही रही है, अधिकांश में बिजली का कामर्शियल कनेक्शन भी नहीं है। ज्यादा लॉज में घरेलू बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। स्टूडेंट्स के बवाल के डर से बिजली विभाग ने भी आंखें मूंद रखी हैं। यह भी चर्चा है कि चोरी की बिजली के एवज में महीना भी पहुंचाया जाता है।
स्टूडेंट्स का होता है शोषण इस बात से कोई इंकार नहीं करता कि लॉज मालिक स्टूडेंट्स का शोषण करते हैं। 80 वर्ग फिट के कमरे में तीन-तीन स्टूडेंट को रखा जाता है और उनसे किराए के एवज में हर महीने ढाई हजार रुपए तक वसूले जाते हैं। ऊपर से समय समय पर बेहिसाब किराया भी बढ़ा दिया जाता है। स्टूडेंट्स में इसी बात को लेकर गुस्सा है और इस बात को लेकर दो साल के भीतर दर्जन भर बार बवाल हो चुके हैं। बघाड़ा, अपट्रान चौराहा और सलोरी में बवाल की यह चौथी बड़ी घटना है। किराए पर भी कोई अंकुश नहींलॉज के किराए को लेकर भी अंकुश नहीं है। कहने को तो रूम रेंट कंट्रोल का एक डिपार्टमेंट है लेकिन इसकी जानकारी स्टूडेंट्स के पास भी नहीं है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि हर दो से तीन महीने में किराया बढ़ा दिया जाता है। स्टूडेंट्स को बेइज्जत भी किया जाता है और जब भी लॉज मालिक चाहता है, सामान उठाकर फेंक देता है। पुलिस भी लॉज मालिकों और स्टूडेंट्स के झगड़े में नहीं पड़ना चाहती।
तीन लाख से अधिक हैं स्टूडेंट्स सिटी में तीन लाख से अधिक स्टूडेंट्स हैं जो प्रतियोगी एग्जाम के लिए इलाहाबाद में आए हैं। अधिकांश एसएससी, आरआरबी, पीसीएस एवं अन्य भर्ती एग्जाम की तैयारी करते हैं। सरकारी नौकरी की चाहत में स्टूडेंट्स लॉज मालिकों का अत्याचार सहते हैं और अक्सर आवाज भी नहीं उठाते। जब छात्र एकजुट होकर आवाज उठाते हैं तो सलोरी जैसी घटनाएं सामने आती हैं।