घरों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी प्रदूषण फैलाने में निभा रहे हैं महत्वपूर्ण रोलघर के भीतर ही पब्लिक को मिल रही हैं सांस और फेफड़े से जुड़ी बीमारियांअपने शहर में पाल्यूशन का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. शहर में शुद्ध हवा मिल रही है और न ही पानी. शोर भी प्रदूषण फैलाने में अहम रोल प्ले कर रहा है. इसका स्तर पूरे नवंबर महीने में प्रयागराज शहर में खराब रहा है. शहर के लोगों को एक भी दिन शुद्ध हवा में सांस लेने का मौका नहीं मिला. यह स्थिति तो सड़क पर है. लेकिन जिस घर में हम रह रहे हैं वहां की स्थिति भी सर्दियों मेें बेहद खतरनाक है. ठंड से बचने के लिए घर के दरवाजे खिड़कियों को बंद रखना भी जान जोखिम में डालने जैसा है. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने पॉल्यूशन के बढऩे और उसका समाधान विषय पर पड़ताल शुरू की तो ऐसा ही सच सामने आया है. स्थिति चौंकाने वाली भी है और खतरनाक भी.

बाहरी एयर पॉल्यूशन से ज्यादा खराब
आम तौर पर गाडिय़ों व फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुआं को पॉल्यूशन फैलाने का प्रमुख कारण माना जाता है। घरों में इलेक्ट्रनिक सामान से निकलने वाली गैस और खाना पकाते समय व दीया, कपूर अगरबत्ती के जलाने से निकलने वाला धुंआ भी घर के अंदर हवा की गुणवत्ता खराब करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंडोर पॉल्यूशन बाहरी एयर पॉल्यूशन की तुलना में ज्यादा घातक होता है। हर साल लाखों लोग इस प्रदूषण के कारण बीमार होते हैं। कई मामलों में लोग फेफड़ों की गंभीर बीमारी से भी पीडि़त हो जाते हैं।

नहीं होती है लोगों को जानकारी
इविवि के प्रोफेसर एनबी सिंह (हरियाली गुरु) बताते हैं कि ठंड के मौसम में लोग घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखते हैं। घरों में जो इनवर्टर बैटरी, रेफ्रिजरेटर रखा हुआ होता है उनसे निकलने वाली गैस बाहर नहीं जा पाती। इससे घर की हवा बेहद प्रदूषित हो जाती है और उसी खराब हवा में सभी लोग सांस लेते हैं। इससे लोगों को अस्थमा और सांस लेने में परेशानी की शिकायत हो जाती है। प्रोफेसर के मुताबिक, घर के अंदर के पॉल्यूशन के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। कई घरों में तो वेंटिलेशन के लिए भी जगह नहीं छोड़ी जाती है, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

पॉल्यूशन फैलने के सात बड़ कारण
घर में दीया, अगरबत्ती और कपूर बंद कमरे में जलाना
पावर प्लांट से निकलने वाला वेस्ट मॅटिरियल
फैक्टरियों से निकलने वाली जहरीली गैसें और अवशेष
गाडिय़ों, जेनरेटरों से निकलने वाला धुआं
फसल कटाई के बाद खेतों में लगाई जाने वाली आग
पेंट, हेयर स्प्रे, वार्निश आदि चीजों से फैलने वाला पॉल्यूशन
(यह पॉल्यूशन ज्यादा खतरनाक है क्योंकि पर्यावरण के अलावा इसका सीधा असर इंसानों पर भी पड़ता है और यह पॉल्यूशन लगातार फैलता है.)

यह है समाधान
घर में सही वेंटिलेशन होना चाहिए।
ऐसा नहीं है तो घर में छोटे-छोटे पौधे रखें।
पौधे ऑक्सीजन छोड़ते हैं और हवा को साफ करते हैं।
घरेलू सजावट में पौधों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
कोशिश करें कि थोड़ी देर के लिए खिड़कियों को खोल दे।
यह भी जरूरी है कि घर के अंदर धूम्रपान न करें।
घर में मौजूद रेफ्रिजरेटर, बैटरी, ओवन जैसे उपकरण बंद कमरे में न रखें

पर्दे और कालीन को साफ करते रहें
हवा के जरिए घरों तक पहुंचने वाले धूल के कण पर्दों के साथ कालीन पर जमा होते हैं। यह भी पाल्यूशन का कारण है। इससे लोगों को एलर्जी और सांस की समस्या हो सकती है। घर के भीतर इस्तेमाल होने वाले इंस्ट्रूमेंट्स या तो गैस से चलते हैं या फिर इनसे किसी न किसी रूप में गैस निकलती है। घर के अंदर हवा पास होने का प्रापर इंतेजाम नहीं है तो यह घर के भीतर प्रदूषण है। इसका इंपैक्ट सीधे आपकी बॉडी पर आता है। इसलिए इससे बचाव का पूरा इंतेजाम जरूर होना चाहिए।

बेवजह आंखों में जलन महसूस होती है या फिर घर से निकलते ही सांस लेने में तकलीफ-सी महसूस होती है? अखांसी आने लगती है या शरीर में खुजली लगने लगती है? जवाब हां है तो इसकी वजह पॉल्यूशन हो सकता है। पॉल्यूशन हमें बीमार कर रहा है। घर के भीतर होने वाले प्रदूषण से भी हमें सचेत रहना होगा।
अरुण गुप्ता
बीएचएमएस

वायुमंडल में हर गैस की एक निश्चित मात्रा होती है। इन गैसों में से किसी की मात्रा जब तय मात्रा से ज्यादा हो जाए तो वह एयर पॉल्यूशन का कारण बन जाता है। हर स्थिति हेल्थ के साथ ही सोसाइटी के लिए नुकसानदेह होती है।
एनबी सिंह
प्रोफेसर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive