दीवाली पर पटाखे जलाना लोगों का प्रिय शगल होता है. हर साल त्योहार पर करोड़ों रुपए के पटाखों को आग लगा दी जाती है. लेकिन सैकड़ों घटनाएं ऐसी भी होती हैं जिनमे लोग पटाखों से जलकर चोटिल हो जाते हैं. जरा सी लापरवाही उनको भारी पडऩे लगती है. इसलिए पटाखे जलाते समय खुद चीजें ध्यान में रखना जरूरी है. अगर जल गए तो कुछ चीजों का पालन करना जरूरी होता है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दिवाली के पटाखे तैयार करने में फास्फोरस, सल्फर, आयरन आक्साइड आदि केमिकल्स का यूज किया जाता है जो त्वचा सहित दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इनसे बचकर रहना जरूरी है। इनके संपर्क में त्वचा के आने के बाद तमाम तरह की दुश्वारियां हो सकती हैं। घाव के ठीक होने के बाद लंबे समय तक इन केमिकल्स के साइड इफेक्ट का असर नजर आता है।

इन्होंने भुगती लापरवाही की सजा
केस वन खुल्दाबाद के रहने वाले संदीप सिंह दो साल पहले दीवाली पर पटाखों से जल गए थे। इसके बाद इनके दांए हाथ में लंबे समय तक घाव बना रहा। दवाएं खाने से उनको तमाम दूसरी प्राब्लम होने लगीं। वह कहते हैं कि जरा सी लापरवाही से कई माह तक वह परेशान रहे।

केस टू बेली गांव के निवासी रीतेश के पैर के पास तेज आवाज पटाखा फटने से उनके पैर में डीप बर्न हो गया था। यह घटना तीन साल पहले की है। वह कहते हैं कि इससे वह छह माह तक चलने से लाचार रहे। घाव को भरने में काफी समय लग गया।

कर लें ये इंतजाम
पटाखा जलाते समय अपने पास से भरी बाल्टी रख लें।
अगर जल जाते हैं तो हाथों को तत्काल पानी में डाल दें।
पटाखों को दूरी स जलाएं। उनके पास न जाएं।
बच्चे अगर पटाखे जला रहे हैं तो उनके साथ गार्जियन मौजूद रहें।
तेज आवाज पटाखों से दूर रहें। इससे जलने के साथ कान को नुकसान पहुंच सकता है।
आतिशबाजी से दूरी बनाए रखें। यह अचानक नुकसान पहुंचा सकती है।
डीन बर्न हो जाने से संबंधित जगह की चमड़ी मोटी हो जाती है और उसमें ईचिंग की समस्या हो जाती है।

ग्रीन पटाखों से नही होगा पाल्यूशन
ग्रीन पटाखे ना सिर्फ आकार में छोटे होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने में रॉ मैटीरियल (कच्चा माल) का भी कम इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में पार्टिक्यूलेट मैटर (पीएम) का विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले। ये गैसें पटाखे की संरचना पर आधारित होती हैं। यही कारण है कि सरकार ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की बात कर रही है।

पटाखों से हर साल जलने के मामले आते हैं। इनमें लापरवाही बड़ी वजह होती है। सबसे पहले तो जलने के बाद पानी का इस्तेमाल करें। बहुत बड़े और तेज आवाज वाले पटाखों से अधिक घटनाएं होती हैं। अगर अधिक जल गए तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ। अरुण कांत त्वचा रोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive