जुड़ेंगे तो जीतेंगे
प्रयागराज ब्यूरो । जुड़ेंगे तो जीतेंगे। इस नारे के साथ सोमवार को हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के समक्ष जुटे। अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान करके प्रदर्शन करने पहुंचे प्रतियोगी छात्रों के चलते आयोग के आसपास के एरिया को ब्लाक करके भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके बाद भी छात्रों और पुलिस के बीच कई बार धक्का मुक्की हुई। पुलिस आंदोलनकारियों से धरनास्थल पर पहुंचकर शातिपूर्वक धरना देने का आग्रह करती रही लेकिन बात बनी नहीं। देर रात तक प्रतियोगी आयोग दफ्तर के सामने डटे रहे। उनका कहना था कि जब तक आयोग परीक्षा एक ही दिन में कराने की घोषणा नहीं करता, वे हटेंगे नहीं। प्रतियोगी छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए यूपी के अलावा दिल्ली और एमपी से भी छात्र पहुंचे थे।
दो दिन में परीक्षा का विरोध
बता दें कि दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) दो बड़ी परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। पहली परीक्षा है यूपी पीसीएस और दूसरी है आरओ एआरओ। पीसीएस प्री आयोजित करने की डेट दो बार पहले चेंज की जा चुकी है। आरओ एआरओ की परीक्षा 11 फरवरी को पेपर लीक हो जाने के चलते निरस्त कर दी गयी थी। अब इसे भी दो दिन में कराने का प्रस्ताव किया गया है। नियुक्ति का विज्ञापन जारी किये जाने के समय दोनों परीक्षाएं एक दिन में कराने का प्रस्ताव था। दो दिन में परीक्षा कराने की स्थिति के चलते आयोग नार्मलाइजेशन का फॉर्मूला तैयार किया है। छात्रों को यह फॉर्मूला मंजूर नहीं है। प्रतियोगी छात्र परीक्षा एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं ताकि नार्मलाइजेशन को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
हटने को तैयार नहीं
सुबह नौ बजे से ही प्रतियोगी छात्रों के आयोग पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पुलिस ने भी तैयारी कर रखी थी। आसपास के इलाके को ब्लाक कर दिया गया था। दोपहर होते-होते प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में पहुंच गये। इसमें बड़ी संख्या में छात्राएं भी शामिल थीं। छात्रों ने दबाव बनाया तो रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां फटकारीं। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। उनका आक्रोश फूट पड़ा और बैरिकेड्स तोड़कर वे आयोग के गेट नंबर दो पर जा पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। दिन भर आंदोलन जारी रहने के चलते आयोग के अधिकारी कर्मचारी भी कैंपस में ही कैद हो गये। आयोग के भीतर इसे लेकर क्या चलता रहा? इसका पता नहीं चला। उसकी तरफ से कोई फैसला नहीं आया तो छात्रों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला ले लिया।
केन्द्रों की संख्या पर्याप्त न होना आधार
फरवरी में आरओ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आये उप्र परीक्षा अध्यादेश ने केंद्र निर्धारण मानक कड़े कर दिये हैं
इसके तहत किसी भी सेल्फ फाइनेंस स्कूल या कॉलेज को सेंटर नहीं बनाया जा सकता है
गनर्वमेंट के ही स्कूलों में सेंटर बनाया तय किये जाने के बाद आयोग में परीक्षा आयोजित करने के लिए जिलों की संख्या नहीं बढ़ायी
पांच नवंबर को जारी आदेश में आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को तथा आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित कर दी
दो दिन परीक्षा कराने के पीछे आयोग ने तर्क दिया कि पर्याप्त सेंटर न होने के चलते ऐसा किया जा रहा है
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि मानक बदले गये हैं तो जिलों की संख्या बढ़ाकर परीक्षा एक दिन में करायी जा सकती है
फिलहाल आयोग ने 41 जिलों में ही परीक्षा का सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव किया है
बाक्समनमानी की छूट देगा नार्मलाइजेशन फार्मूला
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग ने पर्सेंटाइल स्कोर का फार्मूला सार्वजनिक किया है। मानकीकरण कैसे होगा, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है। उनके अनुसार पीसीएस प्री में पूछे जाने वाले 150 सवालों में से 8-10 सवाल अक्सर गलत या विवादास्पद होते हैं। परीक्षा कई शिफ्ट में होने से प्रत्येक शिफ्ट में प्रश्नों में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाएगी। जब हर शिफ्ट में सवाल गलत होंगे, तो नार्मलाइजेशन प्रणाली काम नहीं करेगी। आयोग को मनमानी करने की छूट मिल जाएगी और छात्रों पर प्रेशर बढ़ जायेगा। यह कैसे तय किया जाएगा कि दोनों दिन सामान्य अध्ययन के सवालों का स्तर एक जैसा ही रहेगा।
अभिषेक भारती
डीसीपी सिटी
छात्रों की मांग पूर्णत: जायज है। आयोग जब तक मांग नहीं मानता, यह आंदोलन समाप्त नही होने वाला है। एक सूत्री मांग है हम सभी की परीक्षा पूर्व की भांति हो तथा भ्रष्टाचार के लिए आयोग कोई नया दरवाजा न खोले। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए छात्रों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करे। सरकार से आग्रह है कि छात्रों के व्यापक हित में परीक्षा एक दिवस में कराने के लिए आयोग को व्यवस्था और सहयोग प्रदान करे। हम किसी भी कीमत पर अयोग को दलाली और भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनने देंगे।
प्रशांत पांडेय
मीडिया प्रभारी, प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति
नॉर्मलाइजेशन को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस एवं आरओ एआरओ की परीक्षा में लागू करना एकतरफा फैसला है जो प्रतियोगी छात्रों के हित में नहीं है। आयोग टेक्निकल रूप से भ्रष्टाचार का नया तरीका तलाशने की कोशिश कर रहा है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
अनुग्रह नारायण सिंह
पूर्व विधायक
उज्जवल रमण सिंह
सांसद, इलाहाबाद