टॉयलेट आये तो थाने के बाहर चले जाएं
विनय कुमार सिंह
स्वच्छता को लेकर जागरुक नहीं हैं शहर के थानेदारएसएसपी की फटकार के बाद भी नही हुआ कोई असर
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक सामने आया सच प्रयागराज (ब्यूरो)। थाना - सिविल लाइंस
रिपोर्टर सिविल लाइंस थाने के अंदर बने शौचालय में पहुंचा तो पता चला कि दरवाजा ही टूटा हुआ है। यहां लोग टॉयलेट के लिए आते हैं और चले जाते हैं लेकिन पानी डालने की जरूरत कोई नहीं समझता। इसके चलते दुर्गन्ध का आलम था। गंदे स्थानों को चूना छिड़क कर छिपाने का प्रयास किया गया था।
थाना - कर्नलगंज
यहां थाने के अंदर बने सभी टॉयलेट अप-टू-डेट मिले। वॉशरूम से लेकर बाथरूम तक नीट-क्लीन मिला। सबसे अच्छी बात यह थी कि यूरिनल तक नीट एंड क्लीन था। प्रापर चूने का छिड़काव किया गया था। शौचालय के बाहर हैंडवॉश रखा हुआ था। इस्तेमाल के बाद फ्लश करने की गुजारिश करने वाला पोस्टर भी लगा था।
थाना - शिवकुटी
इस थाने का शौचालय देखने के बाद ऐसा लगा मानों हफ्तों से केाई इस तरफ गया ही न हो। वहां खड़ा एक व्यक्ति यह बोलता नजर आया। इस शौचालय को इस्तेमाल कर आदमी बीमार जरूर पड़ सकता है। पानी का टोटी तक काम नहीं कर रही थी। पाइप पर जंग और जमीन पर काई लगी हुई थी। शौचालय के कुछ दूरी से ही बदबू आने का अहसास दिला रहा था।
इस थाने में बने शौचालय के ठीक बगल सेकंड अफसर के बैठने के लिए रूम बना है। महिला कांस्टेबल शास्त्र लेकर खड़ी रहती है। इस शौचायल के अंदर घुसते ही बदबू इतनी आ रही थी कि नाक बंद करने के बाद भी दो मिनट खड़ा होना मुश्किल था। यूरिनल के पास ही बीड़ी-सिगरेट पीकर फेंका गया दिखा। गुटखा खाकर उसकी रैपर फेका गया था। दीवार तक पर लोगों ने थूक रखा था। थाना - जार्जटाउन
इस थाने के अंदर साफ-सफाई का काम चल रहा था। पान व गुटखा खाकर लाल की गई दीवारों पर रंगाई पुताई का काम हो रहा था। कुछ दूरी शौचालय में साफ-सफाई मिली। जगह-जगह गुटखा खाकर थूका गया था। एसओ के कमरे के पीछे का हिस्सा ऑफिशियल पीकदान जैसी फील दे रहा था। पीक मारने के लिए कोई डब्बा नहीं था। मिट्टी के ढेर पर पीक फैली हुई थी। इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं था। जो आ रहे थे वही आकर थूक जा रहा थे।
थाना करेली
यहां एसओ का कमरा चमकता हुआ दिखा। लेकिन, इस कमरे में इंट्री के बेस पर टॉयलेट का परसेप्शन नहीं किया जा सकता है। एक व्यक्ति ने बताया कि साहब के जाने वाला शौचालय अलग है। वह बिल्कुल साफ है। यह सिपाहियों और आम लोगों का है। इसलिए इस पर ध्यान कम दिया जाता है।
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी चेक के दौरान कैंट थाने के बाहर जंग पड़े एक चेयर पर थानों के तमाम जरूरी कागजात कूड़ों की तरह पड़े मिले। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर थाने के एक सिपाही ने बताया कि यह वे शिकायती पत्र हैं जो पब्लिक रोज लेकर थाने आती है। शिकायत पर कार्रवाई के बाद लेटर को इस तरह से फेंक दिया गया है। जरूरत पड़ी को शिकायत पत्र कैसे मिलेगा? इसका जवाब सिपाही ने नहीं दिया और आगे बढ़ गया। अभी कुछ दिन पहले कुछ थानों के औचक निरीक्षण के दौरान कुछ कमियां मिली थीं। इसके बाद सभी थाना प्रभारियों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का दिशा निर्देश दिया गया है। फिर भी कोई लापरवाही बरत रहा है तो दंडात्मक और विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
अजय कुमार पांडेय, एसएसपी प्रयागराज