अगर आदतें बुरी हैं तो तत्काल करवाइए हेपेटाइटिस की जांच
प्रयागराज (ब्यूरो)। अगर आपको नशे और एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने की आदत है तो होशियार हो जाइए। जितनी जल्दी हो सके अपना हेपेटाइटिस टेस्ट जरूर करवाएं। क्योंकि यह वायरस आबादी में तेजी से फैल रहा है और इसके निशाने पर लापरवाह लाइफ स्टाइल वाले लोग ज्यादातर हैं। खुद डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं। उनका कहना है कि वायरस के संक्रमण से लीवर में विकार पैदा होता है और समय से इलाज नही मिलने पर यह जानलेवा हो जाता है। स्वस्थ लोगों को भी समय समय पर हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए।लक्षणों को इग्नोर करता खतरनाक
डॉक्टर्स का कहना है कि हेपेटाइटिस की लक्षणों को शुरुआत में लोग इग्नोर करते हैं लेकिन बाद में यह गंभीर रूप धारण कर लेता है। इसलिए लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। हेपेटाइटिस से लोगों को होशियार करने के लिए हर साल 28 जुलाई को वल्र्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस बार की थीम वन लाइफ वन लीवर है। आंकड़ों के मुताबिक हेपेटाइटिस से संक्रमित 30 फीसदी मरीज अस्पतालों में देरी से पहुंचते हैं। तब तक रोग लीवर को काफी हद तक हानि पहुंचा चुका होता है। बता दें कि हेपेटाइटिस पांच प्रकार ए, बी, सी, डी, ई होता है। यह सभी लीवर को प्रभावित करते हैं।
इन लक्षणों का रखिए ध्यान- थकान महसूस होना- स्किन का रंग पीला पडऩा- पेट में दर्द- बार बार बुखार आना- भूख नही लगनाइनको है हेपेटाइटिस का अधिक खतरा- स्वास्थ्यकर्मी- एक से अधिक व्यक्तियों के साथ यौन संबंध स्थापित करना- नशीली दवाओं का सेवन करने वाले जो इंजेक्शन लगाते हैं- संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों के साथ रहने वाले लोग एल्कोहल के बाद दूसरा बड़ा कारणदेखा जाए तो लोगों में लीवर की खराबी का सबसे बड़ा कारण एल्कोहल का सेवन है। लेकिन हेपेटाइटिस का इसके बाद दूसरा नंबर है। हर साल दुनियाभर में दस करोड़ लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। इन वैक्सीनेशन के जरिए हेपेटाइसिस से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा दूसरों से अपने रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों को भी साझा करने से बचना चाहिए। डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर मां को हेपेटाइटिस है तो उससे जन्मे बच्चे को बारह घंटे के भीतर एंटीबाडीज का टीका लगाने पर वह इस बीमारी की चपेट मं आने से बच जाता है। बॉक्सकैंसर का कारण बन सकता है हेपेटाइटिस
क्रोनिक हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। वायरस लीवर को प्रभावित करता है, इसलिए लिवर सिरोसिस, लीवर कैंसर और लीवर फेलियर हो सकता है। इससे ब्लीडिंग डिसऑर्डर और किडनी भी खराब हो सकती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी से पीडि़त लोगों को शराब से बचना चाहिए, क्योंकि यह लीवर की बीमारी और विफलता को बढ़ा सकता है। साथ ही इस बीमारी से किडनी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वर्जनइस बार वल्र्ड हेपेटाइटिस डे की थीम वन लाइफ वन लीवर है। इसलिए होशियार रहने की जरूरत है। क्योंकि एक बार हेपेटाइटिस की चपेट में आने के बाद इलाज पर बहुत ध्यान देना पड़ता है। लोगों को इंजेक्शन वाले नशे, असुरक्षित यौन संबंध और दूषित खानपान से बचना होगा।डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन