फ्रेंड को आईडेंटीफाई करें नहीं तो लगा देगा डेंट
प्रयागराज ब्यूरो । इंटरनेट का कंटेंट प्री टीन और टीन एज के लिए बेहद उपयोगी भी हो सकता है और उसे गलत राह भी दिखा सकता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया के चलते उपरोक्त दोनो एज ग्रुप का स्क्रीन टाइम बेहद हाई लेवल पर चला गया है। इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सिक्योरिटी मेजर्स को पूरी तरह से फॉलो किया गया है तो यह आपकी किस्मत बना भी सकता है। इसके तमाम उदाहरण हैं। लेकिन, यहां मिलने वाला हर फ्रेंड उपयोगी है? इसकी कोई गारंटी नहीं है। वह आपसे ऐसे कंटेंट शेयर कर सकता है जो टीनएजर्स को कम उम्र में मेच्योरिटी की तरफ ले जा सकता है। यह पैरेंट्र्स के लिए हाई एलर्ट पर ले जाने वाला फैक्टर है।
अट्रैक्ट करता है अपोजिट सेक्स
सोशल साइट्स पर अपोजिट सेक्स का अट्रैक्सन टीनएजर्स के लिए नुकसानदायक है। पढ़ाई के दौरान खुद को हल्का करने के लिए टीन एजर्स फेस बुक, इंस्टाग्राम पर सैर करने के लिए निकल पड़ते हैं। जिसका नतीजा होता है कि टीन एजर्स रील के करेक्टर की तरह खुद को भी सोचने लगते हैं। और यहीं से उनके सोचने समझने का तरीका बदलने लगता है। उनके विहैबियर में चेंज आने लगता है। जिस पर नजर रखने की जरुरत है। खासतौर से गार्जियन को चाहिए कि वे टीन एजर्स के मोबाइल को चेक करें।
साइबर अवेयरनेस को लेकर जगत तारन गोल्डेन जुबली स्कूल में दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की ओर से फेक फ्रेंडस पर अवेयरनेस वर्कशाक हुई। जिसमें स्कूल के बच्चों को सोशल साइट्स और साइबर क्राइम से संबंधित जानकारी दी गई। पुलिस की साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स की टीम ने बच्चों को तमाम ऐसी जानकारियां दी, जिसे जानकार बच्चे कौतुहल से भर गए। अनजान नंबर से रहें सावधान
पुलिस साइबर टीम के एक्सपर्ट जयप्रकाश सिंह ने बताया कि मोबाइल पर आने वाले अनजान नंबर से सावधान रहें। अनजान नंबर से कॉल करने वाले लोग आपका बैंक एकाउंट खाली कर सकते हैं। साइबर क्रिमिनल कुछ इस तरह से बात करते हैं कि आपको लगता है कि वे आपकी हेल्प करना चाहते हैं। मगर ये फ्रेंड्स आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं। ये फेक फ्रेंडस कुछ ही मिनट में अपनी मीठी बातों से आपको इतना भरोसे में ले लेते हैं कि लगता ही नहीं कि ये आपके साथ गलत करने वाले हैं।
हो सकते हैं धोखाधड़ी के शिकार
साइबर एक्सपर्ट जय प्रकाश सिंह ने बताया कि स्टूडेंट्स के हाथ में अक्सर पढ़ाई को लेकर मोबाइल फोन रहता है। पढ़ाई के दौरान मोबाइल पर कोई कॉल आ सकती है। जिससे बातचीत के दौरान मामूली सी गलती से आपके बैंक एकाउंट से मनी ट्रांसफर हो सकता है। कॉलर खुद को बैंक का मैनेजर बताते हैं। ये बैंक एकाउंट बंद होने की बात करते हैं। इस असुविधा से बचने के लिए कॉलर एकाउंट की पूरी डिटेल ले लेते हैं। इस दौरान कॉलर ओटीपी भेजते हैं। फिर ओटीपी पूछते हैं। ओटीपी बताते ही एकाउंट से पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं।
साइबर एक्सपर्ट जय प्रकाश ने बताया कि कभी भी जब एटीएम बूथ में पैसे निकालने के लिए जाएं तो फिर किसी अनजान शख्स से मदद न लें। क्योंकि अनजान शख्स आपके एटीएम कार्ड को बदल सकता है। पुलिस की साइबर एक्सपर्ट की टीम में दरोगा अमृता सिंह, कांस्टेबल जय प्रकाश सिंह, अनुराग यादव, अतुल त्रिवेदी और गणेश प्रसाद गौड़ शामिल रहे।
ये रखें सावधानी
एटीएम में हमेशा अकेले ट्रांजेक्शन करें।
अनजान शख्स के होने पर ट्रांजेक्शन न करेें।
एटीएम में भीड़ होने पर पिन कोड भरते समय सावधानी रखें।
की पैड पर पूरी उंगलियां रखें, ताकि पिन कोड प्रेस करते समय कोई देख न सके।
किसी अनजान शख्स को अपना एटीएम कार्ड न दें।
साइबर एक्सपर्ट जय प्रकाश ने बताया कि अगर मोबाइल पर कोई नोटिफिकेशन आता है तो इसके बाद फोन करने वाले अपने मोबाइल पर आए ओटीपी की जानकारी न दें। क्योंकि ओटीपी बताने पर ही साइबर क्रिमिनल बगैर आपकी जानकारी के मनी ट्रांसफर कर सकता है।
अब मोबाइल वल्र्ड में खुद को सेफ रखना है तो फिर साइबर क्राइम की जानकारी सभी को होनी चाहिए। खासतौर से बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल करते समय बेहद सतर्क रहने की जरुरत है। छोटी चूक से भारी नुकसान हो सकता है।
सुस्मिता कानूनगो, प्रिंसिपल मोबाइल में तमाम ऐसे एप हैं, जिनका इस्तेमाल बगैर जानकारी के नहीं करना चाहिए। एप डाउनलोड करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। मोबाइल में केवल काम के ही एप अपलोड करना चाहिए।
जयप्रकाश सिंह, साइबर एक्सपर्ट वेरीफाइड एप ही डाउनलोड करें। प्ले स्टोरी से वेरीफाई किए गए एप के इस्तेमाल से कोई खतरा नहीं है। कोई भी पायरेटेड वर्जन यूज न करें। कर रहे हैं तो वहां अपना पासवर्ड कतई सेव करके न रखें। यह आसानी से साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंच सकता है। पर्सनल डिटेल का मिसयूज किया जा सकता है।
गणेश प्रसाद गौड़, साइबर एक्सपर्ट
किसी भी सिस्टम का इस्तेमाल करें उसे लॉगिन अपनी आईडी से ही करें। इससे आपके पास नोटिफिकेशन आएंगे। आपने अपनी मेल आईडी यूज की है तो आपके एज ग्रुप के अनुसार ही कंटेंट फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और यू ट़्यूब पर दिखेगा। पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों को अपनी मेल आईडी या लॉगिन आईडी इस्तेमाल करने के लिए दे रहे हैं तो टू स्टेप वेरीफिकेशन को इनेबल करके रखें। इससे नोटिफिकेशन पैरेंट्स के पास भी पहुंचता रहेगा।
अतुल त्रिवेदी, साइबर एक्सपर्ट
अमृत सिंह, उपनिरीक्षक, साइबर थाना बच्चों ने पूछे ये सवाल
फेसबुक पर फोटो के साथ छेड़छाड़ पर क्या करें कार्रवाई।
व्हाट्सएप और फेस बुक पर कैसे रहें सुरक्षित।
घटना होने पर पुलिस की कैसे लें मदद।
पुलिस किन साइबर मामलों में कर सकती है मदद।
पासवर्ड रखें स्ट्रांग
फेसबुक पर अपनी लॉगिन आईडी का पासवर्ड हमेश स्ट्रांग रखें। क्योंकि आपकी लॉगिन आईडी से ही साइबर क्रिमिनल आपके मोबाइल में घुस सकता है। हैकर पासवर्ड हैक कर लेते हैं। इसके बाद आपके सारे डॉटा हैकर के पास पहुंच जाते हैं। बच्चों का कोट
साइबर क्राइम की घटनाएं अक्सर सुनाई पड़ती हैं। हम लोग कोशिश करते हैं कि कोई गलती मोबाइल चलाते समय न हो। वर्कशाप में काफी कुछ सीखने को मिला।
शानवी, छात्रा न्यूज में हम देखते हैं कि कैसे साइबर क्रिमिनल लालच देकर पैसे गायब कर देते हैं। मैं तो हमेशा सतर्क रहती हूं। अपने साथ पढऩे वाली फ्रेंड्स को भी बताती हूं कि कोई भी नोटिफिकेशन आए लालच में नहीं पडऩा चाहिए।
पारुल, छात्रा सोशल साइट्स पर बहुत अनफेयर कन्टेंट रहते हैं। स्टूडेंट्स इसे समझ नहीं पाते हैं। वर्कशाप में इसे लेकर कई जानकारी मिली। ऐसी वर्कशाप होनी चाहिए।
प्रियंका दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की साइबर वर्कशाप से काफी नालेज मिली। काफी कुछ सीखने को मिला। आईनेक्स्ट और साइबर एक्सपर्ट की टीम को धन्यवाद।
वैभवी, छात्रा