पहचानें पनीर, तेल, घी और मसालों में मिलावट
होली पर बढ़ गई तेल, घी और पनीर की डिमांड
शरीर के लिए घातक हो सकता है मिलावटी पनीर होली के त्योहार पर पनीर और तेल की बिक्री बढ़ गई है। लोग ऊंचे दामों पर यह सामान घर लेकर जा रहे हैं। लेकिन मोटा पैसा देने के बाद भी मिलावटी सामान मिल जाए तो आपको कैसा लगेगा। मार्केट में यही खेल चल रहा है। लोगों से मोटा पैसा लेकर उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है। त्योहार को देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलावट को पकड़ने के तरीके जाने। आप भी जानिए यह विधि घी और तेल में सबसे ज्यादा मिलावटबता दें कि सरसों तेल, वनस्पति और रिफाइंड में सबसे ज्यादा मिलावट होती है। सरसों तेल में जहां राइसब्रान (चावल की भूसी), औद्योगिक पॉम ऑयल के साथ जानलेवा आर्जीमोन, बटर यलो और इंडस्ट्रियल कलर तक का इस्तेमाल होता है, वहीं वनस्पति घी में चर्बी और ब्यूट्रिक एसिड और रिफाइंड में ब्लेंडिंग ऑयल की मिलावट होती है।
ऐसे पकड़ें मिलावट - सरसों तेल को हाइड्रो क्लोरिक एसिड (एचसीएल) में डालकर हिलाने पर रंग नीचे बैठ जाता है।- अगर गंध ज्यादा आ रही है तो समझ जाएं कि इसे असली सरसों तेल जैसा दिखाने के लिए एसिड मिलाया गया है।
- तेल में राइसब्रान की मिलावट इसकी ऊपरी परत पर हल्का सा जमाव दिखाने लगती है।
- तीन घंटे फ्रीजर में रखकर बाहर निकालने पर इसमें सफेद दाने से दिखने लगे तो तेल मिलावटी होगा। - पांच एमएल घी और पांच एमएल एचसीएल मिलाकर हिलाने के बाद दो बूंद फरफुऑयल डालें। रंग लाल हो जाए तो समझ जाएं कि डालडा मिलाया गया है। - चर्बी की पहचान घर पर जांच में संभव नहीं। वनस्पति घी हाथ पर रगड़ने से शरीर की गर्मी से पिघल जाए तो यह शुद्ध है। अगर दानेदार रहे और न पिघले तो मिलावटी। आसानी से नही कटता पनीर सिंथेटिक पनीर बाजार में भारी मात्रा में बिकता है। यह रबर जैसा होता है और आसानी से दांत से नही कटता। इसे रिफाइंड ऑयल से बनाया जाता है। इसका सेवन करने से पेट में दर्द, मरोड़न और तमाम बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे करें मिलावट की जांच पनीर को पानी में डालकर ठंडा करें। उस पर टिंचर आयोडीन की कुछ बूंद डालें अगर वह नीला या बैगनी हो जाए तो वह नकली हो सकता है। सब्जी मसालों में सिंथेटिक रंग संग बुरादामिलावटखोर लाल मिर्च, धनिया पाउडर, पिसी हल्दी व गरम मसाले में सिंथेटिक रंग के साथ लकड़ी का बुरादा, लेड आक्साइड, लेड क्रोमेट और पीली मिट्टी, बटर येलो और ट्रटाजिन की मिलावट कर रहे हैं। इसके अलावा काली मिर्च में लाइट बेरी और पपीते के बीज, राई में आर्जीमोन के बीज मिलाकर बेच रहे हैं।
ऐसे करें जांच - एथिल एल्कोहल में डालने से काली मिर्च में मिलाई लाइटबेरी ऊपर आ जाएगी। - कुल मात्रा की 5 से 10 प्रतिशत अगर ऊपर आ जाए तो समझें काली मिर्च शुद्ध है। - अगर इससे अधिक मात्रा में लाइटबेरी ऊपर आए तो इसमें मिलावट है। - हल्दी में पानी मिला लें और इसे फिल्टर कर लें, फिर इसमें एचसीएल डाल दें तो यह गुलाबी रंग देगा। - पानी डालने के बावजूद पिंक रहता है तो समझ जाएं कि मिटेनिल यलो मिला है। - हल्दी शुद्ध है तो कोई रंग नहीं निकलेगा। - लाल मिर्च को ईथर में भिगा लें। अगर मिर्च में कलर है तो यह ईथर में आ जाएगा। परखनली में रखकर एचसीएल डालें और अगर रंग बदल जाए तो समझें कि मिलावट है।जरूरी नही कि मिलावटी चीजों की जांच के लिए उन्हे लैब भेजा जाए। कई बार घर पर ही स्मार्ट तरीके से चीजों की जांच की जा सकती है। सरकार घरेलू तरीकों को पब्लिक के बीच पुहुंचा रही है। जिसे आप भी फालो कर सकते हैं।
केके त्रिपाठी, चीफ फूड आफिसर, प्रयागराज