काश, समय पर सुन लेते 'सरकार'
कांग्रेस नेता व प्रॉपर्टी डीलर मो। अकरम ने महीनों पहले अपनी हत्या की जतायी थी आशंका
एसपी गंगापार से पोस्टमार्टम हाउस में कांग्रेसियों की तीखी नोकजोख, हंगामा PRAYAGRAJ: कांग्रेस नेता व प्रॉपर्टी डीलर मो। अकरम ने महीनों पहले अपनी हत्या की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन को आगाह किया था। यदि रिक्वेस्ट पर पुलिस एक्टिव हो जाती तो हत्या न होती। ये बातें पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे परिजन व समर्थकों की जुबां पर थी। गौरतलब है कि मंगलवार शाम मो। अकरम की हत्या झूंसी स्थिति निवास स्थल से कुछ दूर पर कर दी गई थी। अकरम के भाई गुलजार की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई। उसके द्वारा भाई अकरम के कत्ल का इल्जाम अपने ही सगे मामा रईस उर्फ पिंटू पर लगाया गया। आरोपितों ने मारी थी तीन गोलीकांग्रेस नेता व प्रॉपर्टी डीलर मो। अकरम के कत्ल की प्लानिंग और मंशा दोनों ही क्लियर थी। यही वजह रही कि कातिलों द्वारा काफी करीब से उस पर गोली चलाई गई। एक के बाद एक कुल तीन गोलियां हमलावरों ने उनके शरीर में घुसा दी। चूंकि फायरिंग नजदीक से की गई थी, लिहाजा गोलियां बदन को छेदते हुए पार कर गई। तीनों गोली अकरम के सीने और पेट पर ही चलाई गई थीं। यह बातें बुधवार को पोस्टमार्टम बाद सामने आई। पुलिस को भी छानबीन में मौके से तीन ही खोखे मिले हैं।
एसपी गंगापार से तीखी झड़प साथी के कत्ल की खबर सुनते ही पोस्टमार्टम हाउस में तमाम कांग्रेस नेता जा पहुंचे। यहां कांग्रेसियों द्वारा मांग को लेकर एसपी गंगापार से तीखी झड़प की गई। देखते ही देखते कांग्रेस कार्यकर्ता व पदाधिकारी हंगामे और नारेबाजी पर उतर आए। बाद में हंगामा कर रहे लोगों ने लिखित मांग पत्र देकर समझौता किया। इसके बाद बॉडी लेकर परिवारीजन व कांग्रेसी झूंसी के लिए रवाना हुए। भाई ने पुलिस को दी तहरीरहोली के दूसरे दिन मंगलवार रात झूंसी के कनिहार निवासी मो। अकरम की गोली मारकर हत्या की गई थी। अकरम के भाई गुलजार की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई। उसके द्वारा भाई अकरम के कत्ल का इल्जाम अपने ही सगे मामा रईस उर्फ पिंटू पर लगाया गया। पुलिस को उसने बताया कि मामा रईस ने ही अपने बेटे अयान और दोस्त करिया सहित एक अन्य के साथ मिलकर अकरम की हत्या की। तीन नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई। कत्ल के बाद से ही तीनों आरोपित घर छोड़ कर भागे हुए हैं। गुलजार के मुताबिक मामा रईस और भाई अकरम के बीच एक प्रॉपर्टी को लेकर करीब डेढ़ दो साल से विवाद चला आ रहा था। कई दफा दोनों के बीच विवाद हुए थे। अकरम के ऊपर रईस साथियों के साथ मिलकर पहले भी जानलेवा हमला और लूट आदि कर चुका था। पूर्व में हुई इस घटना की रिपोर्ट झूंसी में अकरम द्वारा दर्ज करवाई गई थी। जिसमें रईस आदि आरोपित बनाए गए थे। इस बात को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे कांग्रेसी और नाराज थे। कहना था कि जब अकरम ने खुद के ऊपर हमले की रिपोर्ट दर्ज करवाया था तो आरोपित गिरफ्तार क्यों नहीं किए? पुलिस उन्हें ढील दिए रही और अकरम जान की सुरक्षा का गुहार लगाता रहा। कांग्रेसियों के आरोप थे कि मो। अकरम की हत्या का कारण पुलिस लापरवाही है।
कांग्रेसियों की मांग और आरोप पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा कर रहे कांग्रेस नेताओं कई मांगें थे। एसपी गंगापार से उनका कहना था कि मारे गाए मो। अकरम के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाय। परिवार को शस्त्र लाइसेंस और मुआवजा सरकार तत्काल दे। जिस जमीन को लेकर विवाद था और दूसरे के कब्जे में है उसे खाली करवा कर अकरम की पत्नी के नाम कराएं।गोली मारने वाले नामजद लोगों शातिर व पेशेवर अपराधी हैं, इस लिए इनके भी मकान को ध्वस्त किया जाय।
झूंसी के दरोगा जीतेंद्र सहित अन्य दोषी पुलिस वालों को तत्काल सस्पेंड किया जाय। पोस्टमार्टम हाउस पर नाराज कांग्रेसी व परिवार वालों ने पॉवर हाउस के बिजली कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की मांग की आरोप थे कि मंगलवार रात कत्ल के पांच मिनट पहले लाइट काट दी गई और जैसे ही कातिल अंधेरे में भाग निकले सप्लाई चालू कर दी गई कहना था कि कत्ल के आरोपितों ने इन बिजली कर्मचारियों से सेटिंग थी, इनकी भी जांच करके सख्त कार्रवाई की जाय एक झलक पाने को तरस गई महिलाएंपोस्टमार्टम हाउस जा रहे मो। अकरम की मां, बहन और पत्नी सहित परिवार की अन्य महिलाएं व बच्चों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। मुख्य सड़क से एसआरएन हॉस्पिटल की ओर जाने वाली रोड पर ही सभी की गाडि़यां पुलिस के जवार रोककर खड़े हो गए। उन्हें पोस्टमार्टम हाउस तक जाने ही नहीं दिया गया। पोस्टमार्टम हाउस से अकरम की बॉडी लेकर जब एम्बुलेंस व पुलिस मोड़ पर पहुंची तो एक झलक पाने के लिए महिलाएं एम्बुलेंस की ओर दौड़ पड़ीं। महिला पुलिस कर्मचारियों द्वारा सभी महिलाओं को पकड़ लिया गया। इतने में वहां मौजूद पुरुष पुलिस के जवान एम्बुलेंस को आगे बढ़ा दिए। इस बात को लेकर अकरम के परिवार की महिलाओं में जबरदस्त आक्रोश रहा।
प्रमोद तिवारी बोले, यूपी में जंगल राज अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य प्रमोद तिवारी बुधवार सुबह मो। अकरम के घर झूंसी कनिहार पहुंचे। यहां वह पर अकरम के पिता रफीक और भाई गुलजार से मिले। गमजदा परिवार को ढांढस बंधाते हुए उन्होंने भाजपा की प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया। प्रमोद तिवारी ने कहा कि योगी सरकार में अपराध और अपराधी मनबढ़ हो चुके हैं। पुलिस पीडि़तों की गुहार सुन ही नहीं रही है। आम पब्लिक की आवाज दबाई जा रही है। यूपी में रामराज के बजाय जंगलराज चल रहा है। वह सरकार से पीडि़त परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग किए। कहा कि अकरम की मौत से पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी व्यथित हैं। उनके साथ सुरेश यादव, नफीस अनवर, मुकुंद तिवारी, हसीब अहमद, अनिल पांडेय, जीशान अहमद, जावेद, दीपचंद्र शर्मा, महेश त्रिपाठी, सिब्तैन बब्लू, निजामुद्दीन, जितेंद्र तिवारी, मो। हसीन , शकील अहमद समेत आदि कांग्रेसी रहे। मो। अकरम मर्डर केस के आरोपितों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं। शीर्ष अफसर खुद चीजों की मानीटरिंग कर रहे हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी में क्राइम ब्रांच, एसओजी गंगापार, नारकोटिक्स टीम के साथ थाना पुलिस भी काम कर रही है। जल्द ही आरोपित गिरफ्तार किए जाएंगे। धवल जायसवाल, एसपी गंगापार