मथुरा से आए 14 कलाकारों द्वारा दी गई जीवंत प्रस्तुति


प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे दीपावली महोत्सव में न केवल प्रयागराज बल्कि अन्य शहरों के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। खासकर, मथुरा से आए करीब 14 कलाकारों ने ब्रज नृत्य का प्रदर्शन करने आए हैं। यह नृत्य भगवान कृष्ण और राधा की विभिन्न कथाओं को प्रस्तुत करता है। ब्रज नृत्य में विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन शामिल हैं, जैसे मायूर नृत्य, ब्रज वंदना और चर्कुला नृत्य। मायूर नृत्य में कलाकार राधा, कृष्ण, गोपियां और अन्य पात्रों का रूप धारण करते हैं। यह नृत्य न केवल मनोरंजक है, बल्कि इसमें राधा और कृष्ण के बीच की प्रेम कहानी को भी दर्शाया जाता है।
करते हैं भूमि वंदना
ब्रज वंदना के दौरान कलाकार राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की मंगल आरती करते हैं, जिसमें वे उस भूमि की वंदना करते हैं, जहां भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। चर्कुला नृत्य की परंपरा राधा रानी की दादी द्वारा शुरू की गई थी, जो आज भी निरंतर चल रही है। कलाकार दीपक शर्मा ने बताया कि वे तीसरी पीढ़ी के कलाकार हैं जो इस नृत्य को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। दीपक ने कहा, हमारी कोशिश रहती है कि हम अलग-अलग शहरों में जाकर इस नृत्य को प्रस्तुत करें, ताकि लोग इसे जानें और इसे बढ़ावा मिल सके।
दीपक शर्मा ने आगे बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से इस नृत्य को सिखा रहे हैं और सभी कलाकार रोज मेहनत करते हैं ताकि उनका प्रदर्शन जीवंत और आकर्षक हो। बताया कि कलाकारों को सरकार की ओर से पूरी सहायता मिलती है, जिससे वे अपने कला को और आगे बढ़ा सकें।

मैं 4 साल से इस लोक नृत्य को सीख रहा हूं और कृष्ण का किरदार निभाता हूं। मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं अलग-अलग नृत्यों में कृष्ण का प्रदर्शन अच्छे से कर सकूं। इस लोक नृत्य को बढ़ावा देने के लिए मैं काफी मेहनत और लगन करता हूं और हर रोज इसकी प्रैक्टिस करता हूं।
सोहेत राघव, कलाकार


राधा का किरदार निभाना और इस व्रज लोकनृत्य को करना मुझे काफी पसंद है। मैं 5 साल की उम्र से इस नृत्य को सीख रही हूं और और कई जगहों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुकी हूं।
अनु राघव, कलाकार

Posted By: Inextlive