जिंदा हूं मैं.....
प्रयागराज ब्यूरो । ये भी कैसी विडंबना है। उम्र के जिस पड़ाव पर बुजुर्गों को घर बैठे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए, उस परिस्थिति में उन्हें कोषागार कार्यालय जाकर खुद के जिंदा होने का सुबूत देना पड़ रहा है। वह भी तब जब शासन व प्रशासन की ओर से ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने के तमाम विकल्प उपलब्ध करा दिए गए हैं। जागरुकता के अभाव में बुजुर्गों को इन सुविधाओं का लाभ नही मिल रहा है।
सहारा लेकर पहुंच रहे कोषागार
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित मुख्य कोषागार में फ्रीडम फाइटर 70 वर्षीय हाशी सेन अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने पहुंची थीं। परिजनों के सहारे से जैसे तैसे चल पा रही थीं। पूछने पर बताया कि उन्हें नहीं पता कि ऑनलाइन भी प्रमाण पत्र जमा कराया जा सकता है। वरना इस हालत में वह कैसे यहां आतीं। इसी तरह से मोहत्सिमगंंज के रहने वाले फिरोज अहमद अपने बेटे का सहारा लेकर कोषागार में गए थे। वह आडिट विभाग में थे। बेटे ने बताया कि हर साल उनके पिता यहां किसी तरह चलकर आते हैं। ऑनलाइन लाइव सर्टिफिकेट जमा कराने की सुविधा की उन्हें जानकारी नहीं है।
ऑनलाइन लाइव सर्टिफिकेट जमा कराने के विकल्पों की प्रॉसेस
1- जीवन प्रमाण पोर्टल-द्धह्लह्लश्च://द्भद्गद्ग1ड्डठ्ठश्चह्म्ड्डद्वड्डठ्ठ.द्दश1.द्बठ्ठ/ड्डश्चश्च/स्रश2ठ्ठद्यशड्डस्र पर जाएं।
- जीवन प्रमाण पत्र पोर्टल से अपने कम्प्यूटर या मोबाइल पर जीवन प्रमाण ऐप डाउनलोड कर इंस्टाल करें।
- अपने गैजेट से एसटीक्यूसी प्रमाणित बायोमेट्रिक डिवाइस को कनेक्ट करें।
- अब आपरेटर का आधार नंबर, मोबाइल नंबर व ई मेल आईडी डालकर जेनेरेट ओटीपी पर क्लिक करें।
- ओटीपी डालने के बाद आपरेटर का फिंगर स्कैन करने पर उसका रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक हो जाएगा।
- अब पेंशनर का आधार नंबर, मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी डालकर जनरेट ओटीपी पर क्लिक करें।
- ओटीपी डालने पर पेंशन का नाम आदि समस्त विवरण भरकर फिंगर स्कैन करना होगा। इसके बाद डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार हो जाएगा।
विकल्प नंबर दो
- पोस्ट इन्फो ऐप डाउनलोड करें।
- सर्विस रिक्वेस्ट का चयन करें।
- नाम पता, पिनकोड व मोबाइल नंबर भरें।
- आईपीपीबी सर्विस के तहत जीवन प्रमाण पत्र जेनरेशन पर क्लिक करें।
- अब मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी डालकर अपनी डोर स्टेप सर्विस बुक करें।
- 48 घंटे के भीतर पोस्ट मैन, ग्रामीण डाक सेवक द्वारा डोर स्टेप सर्विस प्रदान की जाएगी। जिसके लिए अल्पराशि का भुगतान कर सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
विभाग भी नहीं चाहता भीड़
खुद कोषागार विभाग का स्टाफ भी नही चाहता कि पेंशनर्स वहां तक आएं। अधिकारियों का कहना है हमारे पास 53 स्टाफ के अगेंस्ट केवल 10 कर्मचारी ही बचे हैं। ऑफलाइन जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के बाद प्रत्येक पेंशनर का रिकार्ड ढूंढना पड़ता है जिसमें काफी मेहनत लगती है। जबकि ऑनलाइन यह प्रॉसेस करने से सबकुछ मिनटों में हो जाता है। वह खुद चाहते हैं कि पेंशनर्स घर बैठे सुविधाओं का लाभ लेकर अपना लाइव सर्टीफिकेट जमा कराएं।
हालांकि कुछ पेंशनर्स को मजबूरी में भी कोषागार आना पड़ता है। इसका कारण अधिक उम्र होने पर उनका आयरिश और फिंगर पिं्रट का स्कैन नही होना है। ऐसे में पेंशनर्स को परिजन कोषागार लेकर चले आते हैं। ऐसे मामले रेयर ही होते हैं। इस परिस्थिति से बचने के लिए सेकंड आप्शन को यूज किया जा सकता है। इसमें डाक विभाग से आया कर्मचारी पेंशनर के जीवित होने के सभी प्रमाण कलेक्ट करता है। वर्जन- फोटो
नवंबर की शुरुआत से ही कोषागार के बाहर पेंशनर्स की भीड़ लग रही है। जबकि आनलाइन लाइव सर्टिफिकेट जमा कराने का आप्शन मौजूद हैं फिर भी जागरुकता के अभाव में लोग यहां आ रहे हैं। हमारे पास स्टाफ भी कम है। ऑनलाइन प्रॉसेस होने पर सभी को लाभ होगा।
प्रत्यूष कुमार, मुख्य कोषागार अधिकारी प्रयागराज