एमएलएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स की हडताल से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. पांचवें दिन शुक्रवार को डॉक्टर्स धरने पर बैठे रहे इतना ही नही अपनी मांगों को लेकर उन्होंने मार्निंग में रजिस्टे्रेशन काउंटर भी बंद करा दिया.

प्रयागराज ब्यूरो ।एमएलएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स की हडताल से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पांचवें दिन शुक्रवार को डॉक्टर्स धरने पर बैठे रहे, इतना ही नही अपनी मांगों को लेकर उन्होंने मार्निंग में रजिस्टे्रेशन काउंटर भी बंद करा दिया। जिससे 1500 से अधिक मरीज घर वापस लौट गए। इक्का दुक्का ओपीडी ही चल सकीं। उधर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में आ गया है। शनिवार को सभी प्राइवेट अस्पताल व जांच केंद्र बंद रखने का ऐलान किया गया है।

इसकी तो उम्मीद ही नही थी
पिछले चार दिन से रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के बावजूद कुछ मरीजों के पर्चे बन जा रहे थे, जिससे वह ओपीडी तक पहुंच जाते थे और सीनियर्स उन्हें देख लेते थे। लेकिन शुक्रवार को ये भी संभव नही हो सका। रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सुबह 9:30 बजे ही रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कराकर दोनों ओर से दरवाजा बंद कर दिया। इस समय तक सौ से भी कम पर्चे बन सके थे। इसके बाद मरीज काफी देर तक पर्चा काउंटर खुलने का इंतजार करते रहे और इसके बाद बाद निराश होकर लौट गए।

फिर टल गए कई आपरेशन
शुक्रवार को यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, हड्डी रोग, सर्जरी, ईएनटी, स्त्री रोग, पल्मोनरी, कैंसर सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी में एक-दुक्का छोड़ कोई ओटी नहीं हुई। दूसरी ओर एसआरएन अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही बहाल रखी गईं। मेडिसिन, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी सहित कुछ ओपीडी चलीं। लेकिन यहां पर रूटीन मरीजों को ही देखा गया। नए मरीजों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा। डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन व एमआरआई की गिनी चुनी जांचे ही की गई। जिस प्रकार से रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं, उसको देखते हुए फिलहाल राहत नजर नहीं आ रही है।

प्रिंसिपल ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
हड़ताल के चलते लगातार बिगड़ते माहौल को देखते हुए मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो। वत्सला मिश्रा ने एसआरएन पुलिस चौकी से सुरक्षा की मांग की है। जिसमें कहा गया है कि अस्पताल परिसार के साथ वार्डों, इमरजेंसी मेडिसिन सर्जरी और ट्रामा इमरजेंसी में फोर्स को तैनात किया जाए। उनका कहना था कि अस्पताल में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था होना जरूरी है। मरीजों की भलाई के लिए सीनियर डॉक्टर्स लगातार ओपीडी में बैठ रहे हैं।
बॉक्सबढऩे वाली है मरीजों की परेशानी
उधर मरीजों की परेशानी घटने के बजाय बढ़ सकती है। शुक्रवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से रेजीडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल का समर्थन किया गया। एएमए की ओर से आयाजित प्रेस कांफ्रेंस में इलाहाबाद शाखा के अध्यक्ष डॉ। कमल सिंह ने कहा कि शनिवार को 24 घंटे के लिए शहर के सभी प्राइवेट अस्पताल व जांच सेंटर बंद रहेंगे। शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक यह निजी अस्पताल व जांच सेंटर विरोध स्वरूप 24 घंटे बंद रहेंगे। केवल इमरजेंसी केसेज ही हैंडल किए जाएंगे। सरकार कोई ठोस समाधान नहीं निकलती है, तो आईएमए बड़े आंदोलन के लिए बाध्य हो सकता है। इस दौरान एएमए सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता, डॉ। सुबोध जैन व डॉ। सुजीत सिंह सहित रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

ये हैं डॉक्टर्स की मांगें
1-दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा उन पर शीघ्र मुकदमा चलाकर अधिकतम सजा दिलाई जाए।
2-डॉक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सभी प्रकार के अत्याचारों से बचाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाया जाए।
3- सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।
4- राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को भारत में कहीं भी कार्यरत सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों तथा मेडिकल छात्रों की सुरक्षा से संबंधित सख्त नियमों को लागू करने का अधिकार दिया जाए।
काली पट्टी बांधकर दवा बेचेंगे केमिस्ट
कोलकाता घटना का विरोध कर रहे डॉक्टर्स के समर्थन में अब दवा व्यापारी भी आ गए हैं। प्रयागराज में प्रयाग केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट फुटकर संगठन ने शुक्रवार को एक आम बैठक कर कर डॉक्टर के इस हड़ताल का सहयोग किया ह.ै इस दौरान शनिवार को सभी फुटकर केमिस्ट अपनी बाहों में काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शित करेंगे ताकि सरकार और प्रशासन तक उनकी आवाज पहुंच सके। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष राना चावला, महामंत्री धर्मेंद्र द्विवेदी, कोषाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, वरिष्ठ संगठन निखिल मलंग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive