कैसे मिले 'संजीवनी', नहीं मिल रहा रेगुलेटर
- परेशान है अस्पताल संचालक, मरीजों को भी हो रही दिक्कत
सिटी में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत किसी से छिपी नहीं है। फिर भी लोगों को किसी तरह से सिलेंडर मिल भी जा रहा हैं लेकिन अगली क्राइसिस रेगुलेटर की हो रही है। बिना रेगुलेटर सिलेंडर यूज करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग दुकानों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं निकल रहा है। यहां तक कि अस्पतालों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनके यहां सिलेंडर तो मौजूद हैं लेकिन रेगुलेटर नहीं होने से वह मरीजों को सुविधा मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। दिल्ली तक चल रहा सर्चआपको जानकर ताज्जुब होगा लेकिन रेगुलेटर की सìचग कानपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही है। लोग किसी भी कीमत पर इसे मंगाने का प्रयास कर रहे हैं जिसका फायदा आराम से बिचौलिए उठा रहे हैं। जिन लोगों ने रेगुलेटर दबा लिया है वह इसकी आसानी से ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हें। निजी ही नही सरकारी अस्पताल भी इस कमी से जूझ हे हैं। यह लोग चाहकर भी रेगुलेटर नहीं होने से मरीजों को आक्सीजन नहीं लगा पा रहे हैं।
क्या करता है रेगुलेटरआक्सीजन सिलेंडर के साथ रेगुलेटर का काम काफी अहम होता है। इससे यह पता चलता है कि मरीज को कितनी आक्सीजन दी जानी है। अगर रेगुलेटर नहीं हो तो प्रेशर का अंदाजा नही होता और अधिक प्रेशर होने से मरीज को नुकसान भी पहुंच सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि सिलेंडर में कितनी आक्सीजन अभी मौजूद है। दुकानदार पैसे लेकर आक्सीजन सिलेंडर तो दे देते है लेकिन रेगुलेटर नहीं दे रहे हैं।
आ रही है लिक्विड आक्सीजन - अधिकारियों ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से लिक्विड आक्सीजन की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार से लगातार आक्सीजन मंगवाने की कोशिश की जा रही है। - शनिवार को बिहार से 11 मीट्रिक टन आक्सीजन आई थी और रविवार को देर रात तक 17 मीट्रिक टन आक्सीजन पहुंच जाएगी। - जिससे 1700 आक्सीजन सिलेंडर तैयार हो सकेंगे। - डीएम भानुचंद्र गोस्वामी की ओर से आक्सीजन की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी मानीटिरंग के लिए भी लगा रखा है।आक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन की मदद से सिटी में लिक्विड आक्सीजन की खेप पहुंच रही है। जिससे क्राइसिस को कम करने में मदद मिलेगी। अस्पतालों को लगातार सिलेंडर की सप्लाई की जा रही है।
डॉ। वीके मिश्रा, नोडल आक्सीजन सप्लाई, एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज