कैसे बने आईएएस मिल रहे टिप्स
'इलाहाबाद यूनिवर्सिटी परिवार' से जुड़े पुरा छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए दे रहे जानकारी
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की तरफ से तैयार फेसबुक ग्रुप में छह माह में जुड़े 51,198 मेंबर्स prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की गौरवगाथा की गरिमा आज भी उसके स्वर्णिम अतीत की याद दिलाती है। ऐसे में यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने स्वर्णिम अतीत को लोगों के सामने लाने और यूनिवर्सिटी के नए स्टूडेंट्स को उनकी समझ विकसित करने के लिए करीब छह माह पहले एक सोच के साथ फेसबुक पर एक ग्रुप तैयार किया। नाम दिया इलाहाबाद यूनिवर्सिटी परिवार। इसमें पुरा छात्रों से लेकर नवीन छात्रों को एक मंच दिया गया। जिससे नवीन छात्र अपने सीनियर्स से जुड़ सके और यूनिवर्सिटी की पुरानी गरिमामयी इतिहास को जान सके। ग्रुप की लोक प्रियता का अंदाजा ऐसे ही लगाया जा सकता है कि छह मंथ के अंदर ही इस ग्रुप से 50 हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। खासबात ये है कि इसमें 1961 में उपाध्यक्ष बनने वाले पुरा छात्र भी जुड़े।
एकेडमिक तैयारी को भी मिल रहे टिप्सग्रुप के जरिए प्रतियोगी छात्रों को सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। ग्रुप के एडमिन कौस्तुभ त्रिपाठी बताते हैं कि इस गुप के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को सिविल सर्विसेज समेत अन्य सर्विसेज में पोस्टेड पुरा छात्र तैयारियों को लेकर टिप्स दे रहे हैं। जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय सही दिशा मिल सके। इसका लाभ उनकी तैयारी पर भी दिख रहा है। यहीं कारण है कि लगातार ग्रुप में मेंबर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही सिविल सर्विसेज में तैयारी और सलेक्शन की स्टोरीज भी सीनियर मेंबर्स पोस्ट करते हैं। इससे प्रतियोगियों का हौसला बढ़ता है और वह सही दिशा में पूरे कांफिडेंस से आगे बढ़ते है। ये एक ऐसे प्लेटफार्म के रूप में तैयार हो रहा है। जो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पुरानी गरिमा को फिर से लाने के प्रयास में जुटा है।
1980 के पहले के सीनियर्स बता रहे उस समय का हालग्रुप में लाइव वीडियो के जरिए 1980 के पुरा छात्र अपना एक्सपीरियंस इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को लेकर बताते है। जिससे आज के छात्रों को उस समय के इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की जानकारी सही प्रकार से हो रही है। उस समय के माहौल आदि के बारे में भी उनके अच्छे से पता चलता है। इसके साथ ही कई आईपीएस व आईएएस अधिकारी भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एडमिशन से लेकर अपनी तैयारी और उसके बाद अपने सर्विस पीरियड के एक्सपीरियंस को भी सभी से शेयर करते है। इसका भी लाभ स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाने के लिए हो रहा है।
लाइव वीडियो क्लास की है प्लानिंग ग्रुप एडमिन कौस्तुभ त्रिपाठी बताते है कि 2000 के पहले के बैच के आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीसीएस जे क्वालीफाई करने वाले सीनियर्स से बात करके लाइव क्लास चलाने की तैयारी है। जिससे ग्रुप से जुड़े प्रतियोगियों को और अधिक लाभ हो सके। इसके लिए प्लानिंग शुरू हो गई है। जिसके अन्तर्गत अलग-अलग कोर्स और टॉपिक पर इन सीनियर्स की लाइव क्लास प्लान किया जा रहा है। इसके साथ ही हाल के दिनों में सलेक्ट हुए सीनियर्स से भी उनकी तैयारी करने की स्ट्रैटिजी आदि को लेकर क्लास चलाने का प्लान किया जा रहा है। - ग्रुप बनाने का मकसद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की गौरवशाली इतिहास को लोगों के सामने रखना और पुरा छात्राओं व वर्तमान छात्रों को एक मंच देना है। जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों को भी नई ऊर्जा मिल सके। कौस्तुभ त्रिपाठी, ग्रुप एडमिशन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी परिवार