आप की आईडी पर कितने सिम बताएगा 'लिंक
प्रयागराज (ब्यूरो)। दूसरों की आईडी या फेक आईडी बनवा कर साइबर शातिर विभिन्न कंपनियों के मोबाइल सिम कार्ड से साइबर क्राइम कर रहे हैं। ऐसे सिम कार्ड का प्रयोग कर साइबर शातिर लोगों को कॉल करके झांसा देने व अपराधी क्राइम करने में इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे ज्यादा ऐसे सिम का प्रयोग साइबर ठगों के द्वारा किया जा रहा है। यही वजह है कि साइबर ठगी की घटना में लाख कोशिश के बाद साइबर शातिर पुलिस की पकड़ में नहीं आते। क्योंकि वह दूसरे के नाम का सिम कार्ड यूज करते हैं। ऐसी घटना में नंबर के आधार पर जांच कर रही पुलिस उसी के पास पहुंच जाती है जिसके नाम से सिम कार्ड होते हैं। पुलिस द्वारा जब ऐसे लोगों को मालूम चलता है कि उसके नाम के सिम कार्ड से फ्राड हुआ या हो रहा तो वे आश्चर्य में पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में बेगुनाह लोग फंस जाते हैं और साइबर ठग या अपराधी खुलेआम घूमते रहते हैं। मगर, साइबर थाने के एक्सपर्ट की थोड़ी सी बात पर गौर करके ऐसे शातिरों को आप भी गच्चा देने के साथ खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इस काम में बहुत ज्यादा मेहनत या किसी के मदद की भी कोई जरूरत नहीं है।
जानिए लिंक और सर्च करने का तरीका
साइबर थाने के एक्सपर्ट कहते हैं कि द्धह्लह्लश्चह्य://ह्लड्डद्घष्शश्च.स्रद्दह्लद्गद्यद्गष्शद्व.द्दश1.द्बठ्ठ/द्बठ्ठस्रद्ग3.श्चद्धश्च एक सरकारी व उपयोगी लिंक है
कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल या लैपटॉप अथवा टैबलेट के जरिए गूगल पर इसे आसानी से सर्च कर सकता है
दिए गए पूरे लिंक को गूगल पर टाइप करते समय गलत न टाइप हो इस बात का विशेष ध्यान देना होगा
क्योंकि यदि एक डॉट भी छूट जाएगा तो लिंक किसी भी दशा में सर्च नहीं होगा या फिर गलत लिंक खुल जाएगा
इस लिए लिंक को सावधानी पूर्व कही गूगल पर टाइप करें, जैसे ही सर्च ऑप्शन पुश करेंगे पेज खुल जाएगा
स्क्रीन पर दिखने वाले पेज पर आम का वह मोबाइल नंबर मांगा जाएगा, कॉलम में मोबाइल नंबर को लिख देना है
मोबाइल नंबर को इंटर करते ही ओटीपी का पेज आएगा जिसमें दिए गए मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी नंबर फिल करना है
ओटीपी नंबर फिल करने के बाद बीच में दिए गए प्वाइंट को पुश करना होगा, यहां ध्यान रहे कि आप को रीसेंट ओटीपी को टच नहीं करना है
जैसे ही पेज में ओटीपी डालकर सर्च करेंगे आप की आईडी पर चलने वाले सारे सिम कार्ड के नंबर स्क्रीन पर आ जाएंगे
स्क्रीन पर दिखने वाले नंबरों की लिस्ट में यह देखें कि कौन कौन से नंबर चल रहे हैं, जो नंबर आप के परिवार में हो छोड़ दें
शेष अनजान नंबरों जो आप या आप के जानने वाले नहीं चलाते उसके नीचे लिखे दिश इज नॉट माई पर जाकर बंद करा दें
इस तरह आप की आईडी पर चल रहे वह अनजान नंबर बंद हो जाएगा, फिर उसे साइबर ठग चला रहे हों या कोई और कोई फर्क नहीं पड़ता
आप की आईडी पर चल रहा व नंबर बंद होने के बाद आप सेफ हो जाएंगे और उस नंबर को चलाने वाला परेशान हो जाएगा।
वह फ्राड या व्यक्ति चाह कर भी उस नंबर को आप की आईडी पर दोबारा चालू नहीं करा पाएगा
ढाई लाख से अधिक रुपये कराए वापस
ठगी के शिकार कौशाम्बी निवासी राज कुमार के अकाउंट से गायब हुए 295,524 रुपये साइबर थाने के एक्सपर्ट द्वारा वापस कराया गया। शिकायत के बाद थाना प्रभारी ने बताया कि केवाईसी अपडेट करने के नाम शातिरों द्वारा उनसे रिमोट एक्सेसिंग एप डाउनलोड करा दिया गया था। इसी के जरिए उनके खाते से करीब तीन लाख 90 हजार रुपये निकाले गए थे। जांच में थाने के उप निरीक्षक राघवेंद्र पांडेय, कांस्टेबल जितेंद्र सिंह पाल, आशीष यादव, अनुराग यादव को लगाया गया था।
राजीव कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना