शूटर विजय 'उस्मानÓ कैसे बन गया?
प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने एक और आरोपी का एनकाउंटर कर दिया। इस बार विजय कुमार नाम के बदमाश का एनकाउंटर हुआ। जिसने उमेश पाल पर सबसे पहली गोली चलाई थी। मारा गया विजय कुमार उर्फ उस्मान पर पचास हजार का इनाम रखा था। कैसे विजय कुमार से बन गया उस्मान? उसके धर्म परिवर्तन की अटकलों पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि विजय से उस्मान बनाने का मामला हमारे संज्ञान में है। कोई समान्य व्यक्ति अपना नाम उस्मान क्यों रखेगा। उन्होंने उसके धर्म परिवर्तन से इंकार नहीं किया है। उनका कहना है कि यह जांच का विशेष है।
उस्मान का पता नहीं उर्फ छर्रा था ये पता है
सोमवार को कौंधियारा थाना क्षेत्र में हुये मुठभेड़ में मारा गया विजय कुमार उर्फ उस्मान का नाम जब सामने आया तो बड़ा कंफ्यूज कर रहा था। इसको लेकर रिपोर्टर ने भी अपनी पड़ताल शुरू की। रिपोर्टर यमुनापार के कौंधियारा थाना क्षेत्र में जा पहुंचा, जहां विजय उर्फ उस्मान का एनकाउंटर हुआ था। शहर से 32 किलोमीटर का सफर तय कर रिपोर्टर स्पॉट पर जा पहुंचा। वहां गांव के कुछ लोग खड़े थे। वहीं कुछ दूर पर पुलिस के सिपाही मौजूद थे। रिपोर्टर ने पूछताछ शुरू की तो उसी गांव के लोग उसका उस्मान नाम नहीं जानते थे। वह विजय कुमार चौधरी उर्फ छर्रा नाम से जानते थे। पहले रिपोर्टर ने छर्रा नाम के बारे में समझने की कोशिश की। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विजय वाहन चोर था। वह वाहन चोरी व लूट करते समय एक कट्टा पास रखा करता था। लोगों पर फायर भी करता लेकिन गोली का सिर्फ छर्रा ही अगले व्यक्ति को लगता था। वह वारदात को अंजाम देकर निकल जाता। कई बार की घटना में अगले को सिर्फ छर्रा ही लगा। इसलिए उसका नाम छर्रा पड़ गया। लेकिन उस्मान कब पड़ा, ये उसको नहीं पता।
करीबी बनने की चाहत में तो नहीं!
रिपोर्टिंग के दौरान कई बातें निकल कर सामने आई। सूत्र बताते हंै कि विजय कुमार चौधरी क्राइम की राह पर चल पड़ा था। उसके कई नए दोस्त यार बनते जा रहे थे। सूत्रों का दावा है कि इसी दौरान उसकी अतीक गैंग के कुछ खास लोगों से दोस्ती हो गई। जब वह गैंग के साथ रहता तो उसको वह इज्जत नहीं मिलती थी। किसी ने अपने नाम के बाद उस्मान रखने की सलाह दे दी। अतीक गैंग के करीबी बनने के चक्कर में विजय से उस्मान हो गया। उसने धर्म परिवर्तन कर लिया था या नहीं? इसकी पुष्टि गांव या आसपास के क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति ने नहीं की। उन लोगों की तरफ से दावा जरूर किया गया कि अतीक का करीबी बनने की चाहत में विजय उर्फ उस्मान बन गया। इसी के चलते क्राइम करने के बाद उसको कोई पहचान नहीं पाए। उसके पास से लिखा-पढ़ी में उस्मान नाम का कोई पहचान पत्र भी नहीं मिला है। पुलिस इस पर भी अपनी जांच कर रही है। शिवकुटी क्षेत्र में भी वह रहता था वहां भी लोग उसे उस्मान के नाम से ही जानते थे।