तीन सेशन में पुलिस कर्मियों की दी जाएगी ट्रेनिंग हो चुकी है शुरुआतआगंतुकों से विनम्र भाषा में बात करने के निर्देश आटो और टैंपों वालों की भी होगी ट्रेनिंग

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महाकुंभ 2025 में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा होगा? यह बड़ा सवाल है। इसको बेहतर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मेले में ड्यूटी करने वाले जवानों को तीन सेशन में ट्रेनिंग दी जानी है। जिसका पहला सेशन 16 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। इसमें बताया जा रहा है कि पुलिस के जवाब श्रद्धालुओं से किस तरह का व्यवहार करेंगे। आमतौर पर पुलिस की ठेठ भाषा की जगह वह श्रद्धालुओं से पूछेंगे कि मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं? जिससे भक्त और श्रद्धालु पुलिस कर्मियों से अपनेपन का भाव महसूस कर उनसे अपनी बात बता सकें।

40 करोड़ लोग आएंगे
इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यह संख्या बहुत अधिक बड़ी है। इनको डील करना भी आसान नही होगा। हर कदम पर इनकी भिड़ंत पुलिस के जवानों से ही होगी। ऐसे में उप्र सरकार चाहती है कि मेले में आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज की बेहतर छवि अपने मन में बसाकर जाएं। यही कारण है कि उनको श्रद्धालुओं से विनम्रता से पेश आने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

टे्रनिंग का ड्यूरेशन अलग
पुलिस की ट्रेनिंग तीन अलग अलग सेशन में कराई जानी है। इसमें पहला सेशन 21 दिन, दूसरा 14 दिन और तीसरा सेशन 7 दिन का रखा गया है। पहला सेशन फिलहाल 16 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। पुलिस कर्मियों को दो तरह का प्रशिक्षण दिया जाना है। जिसमें पहला वाह्य प्रशिक्षण, जिसमें उनकी फिटनेस और एक्शन प्लान पर बात कही जाएगी। दूसरा अंत: प्रशिक्षण है। जिसमें पुलिस कर्मियों की श्रद्धालुओं के प्रति साइकोलाजी में बदलाव किया जाना है। जिससे उनके भीतर श्रद्धालुओं के प्रति मन में अपनेपन का भाव जाग सके।

मस्ट है जेंडर सेंसेटाइजेशन
अंत: प्रशिक्षण के दौरान ही पुलिस कर्मियों को सात प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। उनकी साफ्ट स्किल को डेवलप किया जा रहा है। इसमें एक जेंडर सेंसटाइजेशन प्रशिक्षण भी शामिल है। जिसका उददेश्य मेले में आने वाली महिला श्रद्धालुओं के साथ पुरुष पुलिस कर्मियों के व्यवहार को बेहतर बनाना है। बता दें कि मेले का आकार बहुत बड़ा है और हर जगह महिला पुलिस कर्मी तैनात नही की जा सकती हैं। ऐसे में जेंडर सेंसेटाइजेशन के तहत पुरुष पुलिस कर्मियों को बताया जा रहा है कि कैसे महिलाओं को डील करना है। महिलाएं किस तरह से व्यवहार के जरिए पुरुष पुलिस कर्मियों पर भरोसा जता सकें, इसके गुण भी सिखाए जा रहे हैं।

बेहद जरूरी है तनाव प्रबंध
महाकुंभ के दौरान शहर का तापमान काफी कम हो जाता है। जनवरी फरवरी में घने कोहरे और कंपकंपाने वाली ठंड के बीच सुबह से रात तक ड्यूटी करना आसान नही होता है। मौसम की दुश्वारियों के बीच श्रद्धालुओं के प्रति संतुलित रवैया बेहद कठिन हो जाता है। ऐसे मे ट्रेनिंग के दौरान पुलिस कर्मियों को सिखाया जा रहा है कि वह कैसे अपने तनाव प्रबंधन को बेहतर बनाकर विपरीत परिस्थितियों में श्रद्धालुओं की आगे आकर हेल्प कर सकें।

जनाब जरा अदब से पेश आइए
इसी तरह से आटो और टैंपों चालकों को भी प्रशिक्षित करने की तैयारी चल रही है। सिखाया जाएगा कि किस प्रकार निर्धारित कराया लेने के साथ श्रद्धालुओं से विनम्र व्यवहार किया जाएगा। उनकी खराब भाषा या रवैया मेले की तैयारियेां पर पानी फेर सकता है। इसी तरह से नाविकों को भी व्यवहारिक प्रशिक्षण देेने की तैयारी चल रही है। उनको भी श्रद्धालुओं के साथ बात करने के तरीके बताए जाएंगे।

Posted By: Inextlive