बाढ़ में डूबे घर, जिंदगी दूभर
नदियों का ट्रेंड
स्थान जलस्तर खतरा बिंदु फाफामऊ 85.82 84.73 छतनाग 85.04 84.73 नैनी 85.68 84.73 गऊघाट टर्निग बंद, दारागंज के सौ फिट रोड पर भी आवागमन बंद रसूलाबाद, फाफामऊ घाट पर बंद हुआ क्रिमिनेशन, दारागंज में सड़क पर हो रहा अंतिम संस्कार ढाई हजार से ज्यादा लोग अपने ही शहर में हो गए शरणार्थीगंगा और यमुना में आई बाढ़ के चलते शहर के चारों तरफ तराई बेल्ट में हालात बदतर हो गए हैं। हजारों मकानों का एक फ्लोर पानी में डूब गया है। ज्यादातर लोग घर छोड़ चुके हैं। चंद लोग ऐसे हैं जो दूसरे और तीसरे फ्लोर पर शरण ले रखे हैं। अपने ही घर में कैदियों सरीखे जिंदगी बिता रहे लोगों की जिंदगी दूभर हो गई है। घरों में पानी के घुसने से लोग काफी परेशान हैं। कमर और गले तक पानी से होकर किसी तरह खाने पीने का सामान अरेंज कर रहे हैं। एक तो बाढ़ का पानी ऊपर से सर्प आदि का खतरा बना हुआ है। जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो चुका है। बीच शहर को छोड़ दें तो चारों ओर बाढ़ की वजह से हाहाकार की स्थिति है। यह हालात बाढ़ की दशा को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा किए गए पड़ताल में सामने आए हैं।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थितिदारागंज से लेकर सलोरी, गोविंदपुर तेलियरगंज शंकर घाट, रसूलाबाद, नयापुरवा, म्योराबाद व बेली कछार, राजापुर होते हुए अशोक नगर, धूमनगंज नीवां उधर करेली क्षेत्र के करेलाबाग नारायणपुर, हड्डी गोदाम, इस्लाम नगर, जमीर नगर, गौसनगर के बाजूपुर, गड्ढा कॉलोनी सहित अन्य एरिया होते हुए बलुआघाट के आगे किला हनुमान मंदिर से दारागंज मनकामेश्वर मंदिर तक के तराई वाले बेल्ट तालाब में तब्दील हो गए हैं। इन इलाकों के कछारी व निचले हिस्से में बने धर बाढ़ की चपेट में हैं। हजारों मकानों के एक फ्लोर तक पानी चढ़ गया है। नैनी और झूंसी इलाके के तराई वाले एरिया में भी बाढ़ ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर रखा है। फाफामऊ साइड बांध बने होने के बावजूद पानी नालों से होते हुए रिहायसी इलाकों में घुस गया है। शहरी क्षेत्र के तराई व कछारी बेल्ट की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय है। यहां बने हजारों मकानों के एक फ्लोर पानी में डूब गए हैं। पहले फ्लोर को छोड़कर ज्यादातर लोग परिवार सहित दूसरे व तीसरे तल पर शरण लिए हैं।
गलियां सकरी होने से नाव चलाने में दिक्कतबाढ़ प्रभावित घरों के लोग खाने व पीने के सामान नाव से आवागमन के जरिए अरेंज कर रहे। बेली कछार व राजापुर और अशोक नगर एवं नीवां इलाके की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां गलियां संकरी होने के कारण नाव भी नहीं चल पा रही। इससे लोग कमर व गर्दन तक पानी से होकर खाने पीने के सामान का बंदोबस्त कर रहे हैं। राजापुर के गंगानगर एरिया नाले के उस पर की स्थिति भयावह हो गई है। उंचवागढ़ी का आधे से ज्यादा एरिया में बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है। इन इलाकों के कुछ मकान जो थोड़ा ऊंचाई पर हैं उनमें भी पानी नाली व नालों से होकर भर गया है।
राजापुर इलाके में बाढ़ की वजह से सैकड़ों परिवार के लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति गंगा नगर व उचवागढ़ी नाले के आसपास की है। आधे उचवागढ़ी में पानी कहीं कमर तक तो किसी जगह गले तक है। शिवम श्रीवास्तव, राजापुर राजापुर उचवागढ़ी के आसपास इलाकों में पानी भरने लगा है। कई गलियां ऐसी हैं जिनमें अंदर तक पानी घुस गया है। सड़कों पर पानी भरे होने से आवागमन में लोगों को दिक्कत हो रही है। मुसीबत का वक्त है, ईश्वर काट दें बस। अमन सिंह, राजापुर उवागढ़ीमेरे मोहल्ले में नाव चल रही है। सारे मकान नए बने हैं। जिनके मकान एक या दो फ्लोर तक हैं वह घर छोड़ कर जा चुके हैं। तीसरे फ्लोर पर अब भी कुछ लोग परिवार संग ईश्वर से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। हालात काफी बदतर हैं।
आदित्य कुमार, गंगानगर राजापुर हम परिवार संग एक दूसरे मकान में रहते हैं। हफ्ता दस दिन की बात है, सब ठीक हो जाएगा। थोड़ी सस्ती जमीन मिल गई थी तो ले लिए थे। बाढ़ का क्या वह तो आधे शहर में आती है। शहर के चारों तरफ लोग परेशान हैं। केवल हम अकेले थोड़ी हैं। शफीक अहमद उर्फ गुन्ना गऊघाट पुल के नीचे का रास्ता बंद, हटाए गए लोगमंगलवार को गऊघाट स्थित पुराने यमुना पुल के नीचे से जाने वाले रास्ते पर यमुना का पानी आ गया जिस कारण रास्ता बंद हो गया है। यहां झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को भी हटा दिया गया है। गऊघाट स्थित पुराने यमुना पुल के नीचे से बालू मंडी की तरफ सड़क जाती है जो बोट क्लब के पास निकलती है। यहां पर सौ से अधिक परिवार झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते हैं। यमुना नदी के उफनाने से तीन दिन से यहां पानी बढ़ने लगा था। मंगलवार सुबह तेजी से पानी आगे बढ़ा और देखते ही देखते सड़क पर आ गया। जिस कारण पुल के नीचे आवागमन बंद कर दिया गया। यहां रहने वाले परिवारों को भी बाहर निकाल दिया गया।