घर पर ही होगी जांच, एचआई पेंशेंट्स को दवा की होम डिलीवरी
होम आइसोलेशन के मरीजों को दवाएं पहुंचाने का आदेश
82 आरआरटी टीमें चलाएंगी अभियान, सर्वे के लिए अलग से बनाई गई टीमें होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों को अब घर-घर दवाएं पहुंचाई जाएंगी। जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को यह कार्य जल्द निपटाने के आदेश दिए हैं। इसके तहत शहर में 82 टीमें बनाई गई हैं और यह इनके जरिए मरीजों को आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसीन, पैरासिटामाल समेत विटामिन की गोलियां बांटी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं के लिए शासन से मांग भी की है। एचआई में हैं अस्सी फीसदी मरीजहोम आइसोलेशन यानी एचआई में इस समय 80 फीसदी मरीज हैं। इन मरीजों को कोरोना के हल्के लक्षण हैं और घर पर आइसोलेट रह कर यह मरीज अपना इलाज कर रहे हैं। इनको डॉक्टर की सलाह दी जा रही है। अब इन लोगों को दवाएं भी दी जानी है। प्रशासन ने ऐसे मरीजों और उनके परिजनों के घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब इनको दवा के लिए आरआरटी यानी रैपिड रिस्पांस टीमों का इंतजार करना होगा। यह टीमें घर घर कोरोना जांच कराने में भी अपना सहयोग देंगी।
सर्व करने के लिए 400 से अधिक टीमेंइसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने घर घर में सर्वे के लिए भी कुल 456 टीमें बनाई हैं। यह टीमें तमाम एरिया में घूमकर वहां का हालचाल लेंगी और पाजिटिव मरीजों के घरों की निगरानी भी करेंगी। यह टीमें कंटेनमेंट जोन के लोगों की जांच में भी सहयोग करेंगी। इन टीमों को शहर के 159389 घरों के सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है। इन टीमों की सूचना के आधार पर मोबाइल जांच वैन भी संबंधित इलाकों में जाकर सैंपल लेंगी।
केवल थर्मल स्कैनर और पल्स आक्सीमीटर खरीदें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि होम आइसोलेशन में रहने वालों को दवाएं विभाग उपलब्ध कराएगा। लोगों को केवल पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर खरीदना है। अगर आरआरटी दवाएं नही पहुंचा रही हैं तो इसकी शिकायत हमसे दर्ज कराई जा सकती है। जरूरी हो गई है निगरानी बता दें कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की निगरानी अब बेहद जरूरी हो गई है। क्योंकि हॉस्पिटल्स में बेड लगभग भरे हुए हैं और अगर इन मरीजों की हालत खराब होती है तो भर्ती कराने में दिक्कत पेश आएगी। इसलिए सरकार चाहती है कि एचआई के मरीजों की पूरी निगरानी कर इनको घर पर ही रहने दिया जाए। जिससे यह ठीक होकर दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं।आरआरटी टीमों को घर घर दवाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीमें मरीजों के घर जाकर उनको सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। लोगों को दवाएं नही खरीदनी है। इस संबंध में टीमों को निर्देशित किया जा रहा है।
डॉ। आरएस ठाकुर एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज