चलती रहे जिंदगानी तो बचान होगा पानी
-होली पर वाटर सेविंग के लिए सबने बढ़ाया हाथ
- छात्र भी गंभीर, अलग-अलग जगहों पर जलाई पानी बंद बोतलों की होली ALLAHABAD: आईनेक्स्ट की मुहिम का असर दिखने लगा है। पानी बचाने के लिए लोग गंभीर हैं और अभियान छेड़कर इसकी शुरुआत भी कर दी है। होली पर पानी व्यर्थ न हो, इसके लिए सोमवार को पानी की बंद बोतलों की होली जलाई गई। छात्रों ने इविवि के वीसी से मुलाकात कर हॉस्टलों में मौजूद नलों में टूटी लगवाने जाने की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस ओर कदम बढ़ाया है। छेड़ रखा है अभियानइलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्टूडेंट राम बाबू तिवारी 2011 से सेव वाटर को लेकर अभियान चला रहें है। राम बाबू बताते है कि उनके गांव में काफी संख्या में तालाब को पाट दिया गया था। जिसे लेकर कई महीने तक अभियान चलाया गया। पिछले महीने उन्होंने एयु वीसी को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने वीसी से अनुरोध किया कि हास्टलों में मौजूद नलों में टोटी लगाई जाए।
पानी के कमी के कारण -प्रति व्यक्ति जल की खपत में वृद्धि -जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होना -भूजल स्तर में गिरावट आना -जल की गुणवत्ता की समस्या -जल का आवश्यकता से अधिक दोहन होनाकैसे बचाएं पानी
-आवश्यकता के अनुसार ही जल का उपयोग करें -इस्तेमाल के बाद पानी के नलों को बंद रखें फव्वारे के स्थान पर बाल्टी और टब आदि में पानी भर कर करें स्नान -सूखे रंगों से होली खेलें, प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें - सामूहिक जगह पर खेलें होली, शरीर पर अच्छी तरह से तेल लगाएं क्या कहते हैं लोग लगातार जल स्तर नीचे जा रहा है। मगर फिर भी किसी को कोई फिक्र नहीं है। अगर ऐसी ही हालत रही तो आने वाले दिनों में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है। मैं शहर और गांव में जाकर लोगों को जागरूक कर रहा हूं। राम बाबू तिवारी छात्रावास में वाटर हार्वेस्टिंग की जरुरत है। अगर ऐसा होता है तो हम आने वाले दिनों में लाखों लीटर पानी की सेविंग कर सकते है। शहर में जल के गिरते स्तर को देखते हुए सभी आगे आएं। अरविंद पाण्डेय मैं जिस गांव में रहता हूं वहां पानी की किल्लत है। हैंडपम्प और कई कुंए सुख चुके है। लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। आशीष गुप्ता आग के हवाले हुई बोतलेंविश्व जल दिवस की पूव्र संध्या पर पीसीबी हास्टल के पास राम बाबू तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में पानी के बंद बोतलों की होली जलाई गई। राम बाबू का कहना था कि भूजल का दोहन पानी बंद बोतलों के कारोबार के कारण हो रहा है। तालाबों पर अवैध कब्जा भी इसका एक कारण है। इस अवसर पर अजय परिहार, अरविंद, देवाशीष यादव, रितेश मौर्य, नितिन सिंह, राजकुमार, रीतेश पाण्डेय आदि छात्रा उपस्थित थे।