- बाजार में अलग-अलग डिजायनों की पिचकारियों के साथ, रंग-बिरंगे मुखौटे और बिग हैं मौजूद

- होली पर दिखेगा कोरोना से लेकर सियासत का रंग

- कोरोना वैक्सीन पिचकारी से भागेगा कोरोना

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PRAYAGRAJ:

रंगों के उत्सव होली का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। पूरे शहरवासी होली के रंग में रंगना चाहते हैं, इसके लिए बाजार भी सज गए हैं। बच्चों की पंसद को देखते हुए अलग-अलग डिजायन और मुद्राओं वाली पिचकारियों के साथ- साथ मुखौटे और रंग-बिरंगी बिग भी उपलब्ध हैं। वहीं बाजार में सिंथेटिक के साथ हर्बल रंग और गुलाल भी है। लेकिन इस बार होली पर कोरोना के साथ ही साथ सबसे ज्यादा चर्चित बंगाल चुनाव का असर भी दिखने लगा है। होली पर लोगों को रंगों से सराबोर करने के लिए इस बार मार्केट में कोरोना पिचकारी मौजूद है। जिसकी सीधी टक्कर इस बार वैक्सीन पिचकारी से होगी। इसके साथ ही इस बार बंगाल चुनाव की तर्ज पर ममता गुलाल को सीधी टक्कर देने के लिए मोदी पिचकारी मौजूद है। जो पूरे होली के रंग को बंगाल चुनाव के रंग में रंगने को तैयार है। ममता गुलाल की कीमत 25 रुपए से शुरुआत है, तो मोदी पिचकारी 250 रुपए की है।

राफेल करेगा रंगों को बौछार

होली के पर्व में इस बार राफेल का दम भी दिखने को बेताब है। राफेल लड़ाकू विमान जहां एक तरफ देश की वायु सेना को मजबूत कर रहा है। तो इस बार होली में भी राफेल लोगों पर रंगों की बौछार करने को तैयार है। मार्केट में राफेल लड़ाकू विमान पिचकारी की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। साथ ही बच्चों के पसंदीदा कार्टून डोरेमॉन, पब्जी जैसे गेम के नाम से तैयार पिचकारियों की डिमांड भी बनी हुई है। पिचकारी और रंगों के होलसेल विक्रेता कादिर बताते हैं कि होली को लेकर पिछले एक साल के अंदर सामने आयी नई चीजों को बेस्ड बनाकर पिचकारी आदि चीजें मार्केट में उपलब्ध है। साथ ही इन रोचक चीजों के नाम से मौजूद इन सामानों की बिक्री भी उसी प्रकार तेजी से हो रही है।

भूतिया मुखौटे की डिमांड बरकरार

होली पर भूतिया मुखौटे की डिमांड पिछले सालों के तरह ही इस बार भी मौजूद रहे। चौक में होली पर पिचकारी, रंग और मुखौटे की शाप के ओनर अंकित टंडन ने बताया कि भूतिया मुखौटे बच्चों से लेकर बड़ों तक की पहली पसंद है। साथ ही इस बार हर्बल गुलाल की डिमांड पिछले सालों के मुकाबले अधिक है। क्योकि कोरोना महामारी के कारण लोग केमिकल युक्त चीजों से बचना चाहते हैं। उधर मार्केट की डिमांड को देखते हुए बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं के ग्रुप इस समय हर्बल गुलाल तैयार करने में जुटा है। उसकी डिमांड भी लगातार बढ़ रही है।

- हर्बल गुलाल की डिमांड कोरोना को देखते हुए इस बार पिछले सालों के मुकाबले अधिक है। साथ ही सामान की भी कमी है। क्योकि होल सेल दुकानदार ने कोरोना को देखते हुए ज्यादा स्टाक नहीं रखा है।

अंकित टंडन, शॉप ओनर

- होली पर इस बार कोरोना और बंगाल चुनाव पर बेस्ड सामान सबसे अधिक है। उनकी डिमांड भी है। खासतौर पर ममता गुलाल व मोदी पिचकारी मार्केट में अधिक डिमांड में है।

कादिर भाई

होलसेल विक्रेता

Posted By: Inextlive