संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा ध्वस्तीकरण से शांति व्यवस्था होगी प्रभावित


प्रयागराज ब्यूरो ।इलाहाबाद हाई कोर्ट के समीप स्थित श्री न्यायविद् (विराजमान) हनुमान मंदिर सुरक्षित एवं संरक्षित किए जाने की मांग की गई है। इस संबंध में हनुमान मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मिश्र ने निर्माण समिति (बिल्डिंग कमेटी) के चेयरमैन को पत्र भेजा है। इसकी प्रतिलिपि चीफ जस्टिस को भी भेजी गई है।आस्था का बड़ा केन्द्र है


समिति के अध्यक्ष का कहना है कि यह मंदिर 1936 में स्थानीय लोगों एवं तत्कालीन अधिवक्ताओं द्वारा स्थापित कराया गया था। वहां पूजन पहले से होता आ रहा है। मंदिर में आराध्य देव हनुमान की आदमकद प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा है, जहां लगभग 25 हजार लोग दर्शन पूजन करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता तथा हाई कोर्ट कर्मी व वादकारी-पैरोकार होते हैं। इससे यह आस्था का केंद्र है। मंदिर के दक्षिण दिशा में खाली जमीन लगभग 120 फीट चौड़ी तथा सामने की ओर पूरब की दिशा में भी लगभग 100 फीट चौड़ी जगह है। यहां अधिवक्ताओं का चैम्बर निर्माणाधीन है और नीचे वाहन पार्किंग बनाई जा रही है। वाहनों के सुरक्षित आवागमन के लिए तीन तीन लेन की सड़क भी प्रस्तावित है और इसके लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से मंदिर का ध्वस्तीकरण किए जाने की प्रक्रिया प्रस्तावित है। मिश्र के अनुसार मंदिर को बिना क्षति पहुंचाए भी अंबेडकर चौराहा बड़ाकर सड़क निर्माण एवं चौड़ीकरण प्रक्रिया पूर्ण की जा सकती है। यह सिद्ध मंदिर प्लेस आफ वर्शिप एक्ट 1991 से संरक्षित है। इसे तोड़े जाने की स्थिति में अधिवक्ताओं एवं जनमानस में आक्रोश की वजह से शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

बड़े हनुमान मंदिर में पांच दिवसीय अनुष्ठान का आगाजफोटो


कार्तिक माह में हनुमान जन्मोत्सव पर्व के अवसर पर संगम स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर में मंगलवार से पांच दिवसीय कार्यक्रम की भव्य शुरुआत हुई। इस अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया। दूर-दूर से भक्त बड़े हनुमान के दर्शन के लिए पहुंचे। गणेश स्थापना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज ने हनुमान जन्मोत्सव की तैयारियों को देखा। हर साल बड़े हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी पांच दिवसीय कार्यक्रम हो रहा है। मंगलवार सुबह बड़े हनुमान मंदिर में श्री गणपति अथर्वशीर्ष हवन शुरू हुआ। इससे पहले गणेश स्थापना हुई। बाघंबरी मठ के महंत बलबीर गिरी जी महाराज और दक्षिण भारत के 11 ब्राह्मणों सहित 51 पंडि़तों ने हवन कराया। वहीं हवन में 1100 लड्डूओं की भी आहुति दी गई। इसके बाद महाआरती हुई। वहीं संध्याकाल में प्रकार शुद्धि राक्षोघ्न हवन किया गया। 8 नवंबर बुधवार सुबह राम तारक मंत्र हवन और शाम को महासुदर्शन हवन होगा।

Posted By: Inextlive