टेस्ट-दौड़ में सफल तब नियुक्ति क्यों नहीं
पुलिस भर्ती बोर्ड के सचिव कोर्ट में तलब
अभ्यर्थी ने टेस्ट क्लीयर कर लिया। दौड़ निर्धारित समय में पूरी कर ली। इसके बाद भी उसे नियुक्ति नहीं दिया जाना क्या उचित होगा। किसी शारीरिक विकृति से पीडि़त अभ्यर्थी की नियुक्ति को लेकर पुलिस भर्ती बोर्ड की पॉलिसी क्या है। इस सवाल के जवाब के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड के सचिव को तलब कर लिया है। नियमावली में बीमारी का जिक्र नहीं सिपाही भर्ती 2015 के अभ्यर्थी सूर्य प्रकाश की याचिका पर यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया।अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि याची को पुलिस मेडिकल बोर्ड ने हाइपोम्टिली, जिसमें व्यक्ति सामान्य लोगों की तरह दौड़ नहीं सकता और कूद नहीं सकता। इसके बावजूद याची ने निर्धारित 4 ़8 किमी की दौड़ निर्धारित समय से कम समय में पूरी की। कोर्ट ने पुलिस मेडिकल बोर्ड से हलफनामा मांगा था। हलफनामे में कहा गया याची जिस बीमारी से पीडि़त है उसमें व्यक्ति सामान्य लोगों की तरह कार्य नहीं कर सकता। कोर्ट का कहना था कि यदि याची सामान्य अभ्यर्थियों की तरह दौड़ सकता है तो नियुक्ति देने से इंकार करना क्या उचित होगा। याची के अधिवक्ता का कहना था कि पुलिस नियमावली में हाइपोम्टिली नामक बीमारी का कोई जिक्र नहीं है। कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से उसकी नीति पूछी है।