यहां लक्जरी गाडि़यों से डरती है पुलिस
चोरी की गाडि़यां लेकर शहर पार पहुंचे चोर कहीं भी पुलिस द्वारा नहीं हुई चेकिंग
वाहन चोरी करने वाले बिहारी गैंग के पांच गुर्गे गिरफ्तार, एक फारच्यूनर व पांच स्कार्पियो बरामदPRAYAGRAJ: स्कार्पियो व फारच्यूनर जैसी लक्जरी और महंगी गाडि़यों को चेक करने में पुलिस को डर लगता है। पुलिस की इसी डर का फायदा अंतरराज्यीय वाहन चोर गैंग के गुर्गे उठा रहे हैं। शहर से चुराई गई गाडि़यों को बगैर रोक-टोक गैर प्रांत व जनपद पहुंच जाते हैं। पुलिस इन गाडि़यों में किसी रसूख व पहुंच वाले वीआईपी के होने की आशंका से रोकने तक में हिचकती है। यह बातें गिरफ्तार किए गए गैंग के पांच गुर्गे रविवार को कबूल किए। वाहन चोरों के इस बिहारी गैंग के गुर्गो से पुलिस को चुराई गई एक फारच्यूनर व पांच स्कार्पियो भी मिली है। बरामद गाडि़यों की कीमत एक करोड़ से ऊपर की बताई गई। चोरी की इन गाडि़यों को बेचकर गुर्गे बिहार में लाखों की मिल्कियत बना रखे हैं। वहां इनकी आम शोहरत व्यापारी के रूप में है।
एसपी क्राइम ने किया खुलासाचुराई गई लक्जरी गाडि़यों की बरामदगी व चोरों की गिरफ्तारी का खुलासा एसपी क्राइम ने किया। पकड़े गए अंतरराज्यीय गुर्गो में में एक का नाम रामू उर्फ राज कुमार यादव है। वह बिहार के सिलवलिया बुचियान थाना सिलवलिया जिला गोपालगंज का निवासी बताया गया। जबकि मो। साद बिहार के इंगलिश थाना मैरवा जिला सिवान व तीसरा गुर्गा इसी जिले के थाना बसतपुर स्थित बरुवाकला निवासी प्रेम कुमार कुशवाहा है। मोै। मैनुद्दीन मियां सिवान के ही थाना महदेवा ओपी स्थित बिनसार का रहने वाला है। पांचवा शातिर चोर सुनीत कुणाल बिहार के जहानाबाद जनपद स्थित घोषी थाना क्षेत्र के बैना गांव का निवासी है। वाहन चोरी करने वाले बिहारी गैंग के गिरफ्तार गुर्गो में सुनीत बेहद शातिर है।
चोरी की गाडि़यों का फर्जी कागजात बनवाकर खुद के ट्रेवल में चलवाया करता था। चोरी की एक फारच्यूनर कार को फर्जी कागजात बनवाकर चार लाख रुपये में बेच चुका है। यह कार लखनऊ से चुराए थे। रामू गाडि़यों का शीशा तोड़ने का काम किया करता था। अन्य तीन गाडि़यों को बेचने, बिहार के सिवान जिले में आरटीओ कार्यालय से फर्जी कागजात बनवाने जैसे काम किया करते थे। इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से गाडि़यों के आटोमेटिक लॉक को खोलने में प्रेम कुमार कुशवाहा महारत हासिल कर रखा है। चुराई गई गाडि़यों में जार्जटाउन के डाक्टर की कारएसपी क्राइम ने बताया कि बरामद गाड़ी में एक कर्नलगंज में साक्ष्य जुटाए आए दरोगा की कार व जार्जटाउन से गायब डॉक्टर की कार भी शामिल है। यहां से चुराई गई गाडि़यों को लेकर शातिर चोर बिहार तक पहुंच गए और कहीं भी पुलिस की चेकिंग में यह पकड़े नहीं गए। जबकि जिले में रोज सैकड़ों बाइक व नार्मल कार के चालान चेकिंग कर रही पुलिस द्वारा किए जाते हैं।
कबाड़ी से खरीदते हैं चेचिस नंबर गैंग गाडि़यों में हर काम के एक्सपर्ट शामिल हैं, कार चोरी के लिए टीम के निकलते ही दूसरा ग्रुप कागजात व चेचिस नंबर की तलाश में जुट जाता है। इनकी नजर इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा नीलाम की जाने वाली एक्सीडेंट गाडि़यों पर भी होती है। इन गाडि़यों की बोली लगाने वाले कबाडि़यों को अच्छी कीमत देकर गुर्गे कागजात सहित उसे खरीद लेते हैं। फिर चुराई गई गाड़ी पर एक्सीडेंटल गाड़ी का चेचिस नंबर उकेर कर उसी के कागज पर चोरी की गाड़ी बेच देते हैं। जिन गाडि़यों के कागजात इन्हें ऐसे नहीं मिलते उसका वह दलाल के माध्यम से सिवान या आसपास के जनपदों के आरटीओ कार्यालय से फर्जी कागजात बनवा लेते हैं।गिरफ्तार पांचों वाहन चोर बिहारी गैंग के एक्टिव व शातिर मेंबर है। इनकी गिरफ्तारी व गाडि़यों की बरामदगी में एसओजी/ सर्विलांस, एसओजी गंगापार व सिटी, नारकोटिक्स टीम द्वारा कड़ी मेहनत के बाद की गई। इस शानदार कार्य के लिए टीम को पुरस्कृत किया जाएगा।
आशुतोष मिश्र, एसपी क्राइम