यहां खाली कुर्सियां लेती हैं एसी-कूलर का मजा
प्रयागराज (ब्यूरो)।
केस 01स्थान- प्रयागराज जंक्शन पर स्टेशन डायरेक्टर का रूम
समय - 5:39श्चद्व
शनिवार शाम को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर जब 5:39 पर प्रयागराज जंक्शन के डायरेक्टर वीके द्विवेदी के रूम पर पहुंचा। वहां कमरे के बाहर कुंडी लगी थी। बाहर बैठे एक स्टाफ ने बताया कि साहब छुट्टी पर है। रिपोर्टर ने डायरेक्टर के रूम में सुबह एक कागज छूट जाने की बात कही। जिसपर स्टाफ ने कमरा खोलकर देखा। कमरे के अंदर एसी पंखे बराबर चल रहे थे। इधर-उधर देखने के बाद स्टाफ ने जवाब दिया कि अंदर कोई कागज नहीं दिखाई पड़ रहा है। रिपोर्टर ने डायरेक्टर से फोन पर इस बाबत जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि वह साढे तीन बजे ही निकल गए थे।
केस 02
स्थान - प्रयागराज जंक्शन पर टिकट परीक्षक कार्यालय रूम
समय - 5:41श्चद्व
प्रयागराज जंक्शन पर टिकट परीक्षक कार्यालय के अंदर कोई नहीं बैठा था। मगर सभी पंखे व एक कूलर बराबर चलता मिला। पूछने पर पता चला कि काफी देर से कोई नहीं है। कब आएंगे यह ठीक नहीं है। यह पंखे और कूलर ऐसे ही 24 घंटे चलते रहते है। इनको कोई बंद करने वाला नहीं है। क्योंकि बंद करने पर साहब भड़क जाते है। वहां से गुजर रहे एक यात्री ने भी हंसते हुये कहा। कौन सा अपने जेब से देना है।
स्थान - नगर निगम के अंदर पार्षद कक्ष रूम
समय - 5:52श्चद्व
यहां पर लगभग सभी अधिकारी जा चुके थे। सिर्फ कर्मचारी दिखाई पड़ रहे थे। पार्षद कक्ष में लगे सभी पंखे चलते मिले। कोई नहीं बैठा था। बाहर एक कर्मचारी ने पूछा, किसको ढूंढ रहे हैं, रिपोर्टर ने पूछा, इस कमरे में कब से कोई नहीं बैठा है। कर्मचारी ने जवाब दिया इसमें कुछ लोग दो बजे तक बैठे थे। उसके बाद से कमरा ऐसे ही खाली पड़ा है। यानी कि तीन घंटे से अधिक समय से पंखे बराबर चल रहे हैं।
यह आलम बिल्डिंग के ऊपर फ्लोर में बने दो रूम का था।
केस 04
स्थान - म्योहाल उपकेंद्र पर सहायक अभियन्ता का रूम
समय - 04:52श्चद्व
रिपोर्टर ने यहां पाया कि साहब कुर्सी पर नहीं थे। पूछने पर पता चला कि साहब काफी देर पहले निकल चुके है। मगर साहब के कमरे का एसी ऑन था। अंदर जाने पर पता चला कि पंखे भी चल रहे हैं। राजस्व अनुभाग कमरे में भी कोई नहीं था। लेकिन पंखे सभी चल रहे थे। जब बिजली विभाग के लोग ही जिम्मेदार नहीं है तो बाकि लोगों से क्या उम्मीद की जाएं। क्योंकि विभाग अच्छे से जानता है कि इस वक्त देश व तमाम राज्यों में किस तरह से बिजली का संकट गहराया है।