उम्र और तैयारी दोनों पर भारी परीक्षाओं में देरी
कोरोना के कारण स्थगित परीक्षाओं में देरी प्रतियोगियों की बढ़ा रही मुसीबत
कॅरियर को लेकर असमंजस में प्रतियोगी, परीक्षा और इंटरव्यू का है इंतजार prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: परीक्षाएं संस्थाएं ही नहीं, कोरोना महामारी ने भी प्रतियोगियों के सब्र का जमकर इम्तेहान लिया है। करियर की संभावनाओं को तलाशते हुए दिन- रात तैयारियों में जुटे प्रतियोगियों के सपनों पर कोरोना महामारी ने भी जमकर कुल्हाड़ी चलाई है। ऐसे में जहां एक भर्ती के बाद दूसरे भर्ती में शामिल होने की उम्मीद बनती, वहीं वो उम्मीद कोरोना महामारी के कारण परीक्षाओं के स्थगित होने के कारण समय से पूरी नहीं हो सकी। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों और प्रतियोगियों के सपने भी टूटने के कगार पर पहुंचने लगे है। कई प्रतियोगी भी अब सरकारी नौकरी की आस छोड़ने पर मजबूर होने लगे हैं। क्योंकि परीक्षाओं में देरी उनकी तैयारियों और उम्र दोनों पर भारी पड़ रही है।तैयारियों पर भी पड़ रहा प्रभाव
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों ने बताया कि कोरोना के कारण परीक्षाओं के लेट होने से काफी प्रतियोगियों की उम्र सीमा समाप्त होने के कगार पर पहुंच गई है। यहीं कारण है कि प्रतियोगी पीसीएस जैसी परीक्षाओं में ओवर एज हो रहे प्रतियोगियों को एक या दो अतिरिक्त मौका देने की मांग कर रहे थे। प्रतियोगियों का कहना था कि कोरोना को देखते हुए संघ लोक सेवा आयेाग ने प्रतियोगियों को अतिरिक्त मौका देने की व्यवस्था की है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयेाग से भी पीसीएस की परीक्षाओं में कोरोना के कारण ओवर एज हो रहे प्रतियोगियों को भी एक या दो अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की गई थी। इसको लेकर पत्र भी आयोग को भेजा गया था। लेकिन अभी तक आयोग की ओर से उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका है।
रिवाइज आंसर की भी उठ रही मांग सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों कई मुद्दों पर आयोग के सामने अपनी मांगे रखी है। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को लेकर आयोग की ओर से कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की जा सकी है। इसमें विशेष रूप से हिंदी व इंग्लिश मीडियम माध्यम, स्केलिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट किया जाना, यूपी स्पेशल सब्जेक्ट खत्म करने का विरोध आदि शामिल है। इनके कारण सालों से तैयारी कर रहे प्रतियोगियों के सामने तैयारी का पैटर्न बदलने से दिक्कत हो रही है। जबकि काफी प्रतियोगी अब ओवर एज के कगार तक पहुंच चुके है। कोरोना के कारण स्थगित हुई थी ये परीक्षा - स्टैटिक्स आफिसर 2018- अस्टिेंट टीचर पॉलिटेक्निक
- यूनानी चिकित्सा अधिकारी स्क्रीनिंग परीक्षा 2018 - सम्मिलित राज्य कृषि सेवा प्री परीक्षा 2020 - प्रवक्ता पुरुष व महिला राजकीय इंटर कालेज प्री परीक्षा 2020 - स्टाफ नर्स पुरुष परीक्षा 2021 - पीसीएस प्री 2021 - सम्भागीय निरीक्षक प्राविधिक परीक्षा 2020 - सम्मिलित राज्य कृषि सेवा मेंस परीक्षा 2020 - आरओ, एआरओ विशेष व सामान्य चयन प्री 2021 - प्रवक्ता पुरुष व महिला राजकीय इंटर कालेज मेंस परीक्षा 2020 - प्रधानाचार्य श्रेणी 2, उप प्रधानाचार्य, सहायक निदेशक स्क्रीनिंग परीक्षा 2019 - पीसीएस मेंस 2021 - सहायक वन संरक्षक, क्षेत्रीय वन अधिकारी मेंस 2021 - प्रवक्ता राजकीय डिग्री कालेज स्क्रीनिंग परीक्षा 2020 - आरओ, एआरओ मेस 2021 नोट - इसमें से ज्यादातर परीक्षाएं अप्रैल, मई व जून में होनी थी। लेकिन कोरोना के कारण स्थगित कर दी गई। हालांकि आयोग की ओर से नया कैलेंडर जारी कर दिया गया है। जबकि कई परीक्षाओं और इंटरव्यू को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सालों से तैयारी करने वाले प्रतियोगियों को भी राहत मिलनी चाहिए। साथ ही उनकी स्केलिंग, हिंदी, इंग्लिश लैग्वेज आदि की मांगों पर भी अभी तक आयोग की ओर से कोई विचार नहीं किया गया है। कौशल सिंहअध्यक्ष, अध्यक्ष भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा