एएमए 23वें एमेकॉन में एक्सपट्र्स ने तमाम बीमारियों से बचाव व उपचार पर की चर्चा दिनभर चली मैराथन सेमिनार इलाज की नई तकनीकों की मिली जानकारी आप डायबिटिक या ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीडि़त हैुं और आपको नपुंसकता की समस्या है तो इसे प्लीज छिपाइए मत. अपने डॉक्टर से इसे डिसकस करिए. अन्यथा आने वाले समय में आप दिल की बीमारी के शिकार हो सकते हैं. यह कहना है मुंबई के सेक्सोलाजिस्ट डॉ. दीपक जुमानी का. वह रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के 23वें एमेकॉन सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नपुंसकता का सीधा संबंध हार्ट से है. अगर आप इसे छिपाएंगे तो आने वाले 5 से 7 सालों में हार्ट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। डॉ। जुमानी का कहना था कि अगर परिवार में डायबिटीज या बीपी की हिस्ट्री है तो 30 से 35 साल होने पर एक बार व्यक्ति से उसकी अंदरुनी और बाहरी समस्या की जानकारी जरूर ले लीजिए। हो सकता है वह समसया को छिपाकर हार्ट अटैक को दावत दे रहा हो। रविवार को आयोजित सेमिनार में देशभर से आए डॉक्टर्स ने तमाम बीमारियों के कारण, बचाव और उपचार पर चर्चा की। उन्होंने इलाज की आधुनिक तकनीकों पर भी अपने विचार व्यक्त किए।चेहरे की तरह पैरों को भी देखिए


फुट सर्जन डॉ। संजय शर्मा ने कहा कि डायबिटिक रोगियों को अपने पैरों की अधिक देखभाल करनी होगी। क्योंकि इसकी वजह से पैरों में सेंसेशन खत्म हो जाता है और रोगी फोड़े या फुंसी का पता नही लगता। ऐसे में घाव बड़ा होने पर मरीज का पैर सडऩ की वजह से भी काटना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि डायबिटिक फुट की वजह से दुनिया में हर बीस सेकंड में एक पैर काटा जाता है। इसलिए रोगियों को रोजाना आईने में अपना चेहरे देखने की तरह पैरों को भी गौर से देखना जरूरी है। सलाह दी है तो जरूर लगाएं चश्मा

बंग्लुरू से आई आई स्पेाश्लिस्ट डॉ। चैत्रा जयदेव ने कहा कि कोरोना काल में बहुत से बच्चे मायोपिया के शिकार हुए हैं। उनकी आई साइट वीक हो गई है। ऐसे में जिन बच्चों का डॉक्टरों ने चश्मे की सलाह दी है वह चश्म रेगुलर लगाएं। ऐसा नही करने पर उनकी आंखों की रोशनी काफी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेजिया कहते हैं और इससे बचाव के लिए पैरेंट्स को बच्चों को चश्मे की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन स्टडी ने बच्चों की आंखों को बहुत धोखा दिया है। ऐसे में बच्चों को चाहिए कि धूप में अधिक देर तक रहें जिससे उनकी आंखों को विटामिन मिलती रहे।त्वचा खराब न कर दे गोरेपन की क्रीमनागपुर से आए डॉ। विक्रांत सावजी ने कहा कि आजकल लेडीज और जेट्स दोनों धड़ल्ले से गोरेपन की क्रीम इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अधिक उपयोग से स्किन बेजान होने लगती है। यह पतली और लाल होने की लगती है। चमड़ी इतनी पतली हो जाती है कि तमाम रोग होने लगते हैं। इसलिए कोई भी क्रीम यूज करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। इन डॉक्टर्स ने भी दिए टिप्स

इसके अलावा अन्य डॉक्टर्स ने भी सेमिनार में तमाम बीमारियों पर चर्चा की। इनमें नई दिल्ली से आए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ। दीप दत्ता ने हार्मोन संबंधित बीमारियों, नागपुर के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ। विक्रांत जोशी त्वचा की बीमारियों के इलाज पर बात की। बेग्लुरु की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। चैत्रा जयदेव, सेक्सोलाजिस्ट डॉ। दीपक जुमानी मुंबई से, गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट डा। गौरदास चौधरी गुरुग्राम से, फूट सर्जन डॉ। संजय शर्मा बेग्लुरु से, पल्मोनोलाजिस्ट डॉ। दीप तलवार मेट्रो हॉस्पिटल सहित नोएडा से डॉ। दीप्शा कृपलानी, लखनऊ से डॉ। राजेंद्र प्रसाद, लखनऊ से डॉ। विकास अग्रवाल और डॉ। अंशु श्रीवास्तव, मुंबई से लीगल एक्सपर्ट डॉ। सुबोध गौर भी शामिल हुए। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। सुजीत सिंह व सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने सभी डाक्टरों का स्वागत किया। इस मौके पर डॉ। सुबोध जैन, डॉ। सरिता बजाज, डॉ। आलोक मिश्रा, डॉ। संतोष सिंह, डॉ। अनूप चौहान समेत अन्य मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive