हेलमेट लगाना बेहद जरूरी है. अगर बिना हेलमेट सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं तो फिर जान जाने का खतरा बना रहता है. रोड एक्सीडेंट का शिकार हुए लोगों में मौत का सबसे बड़ा कारण ब्रेन हैमरेज होता है. डॉक्टर्स का कहना है कि सिर में गहरी चोट लग जाने के बाद मरीज को बचाना बेहद मुश्किल होता है. कई बार तो लोगों की ऑन स्पाट डेथ होती है. हर बार यही देखने में आता है कि संबंधित ने हेलमेट नही पहना हुआ था.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। रोड एक्सीडेंट में बाइक सवार ने अगर हेलमेट नही पहना है तो सिर पर गहरी चोट लग सकती है। इससे दिमाग की नसें फट जाती हैं और अधिक खून बहने से मरीज ब्रेन हैमरेज का शिकार हो जाता है.उसकी जल्द ही मौत होती है। यह सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है। कई बार मरीज अपंगता का शिकार हो जाता है क्योंकि दिमाग में तमाम ऐसी नसें होती हैं जो शरीर के दूसरे अंगों को संचालित करती हैं। उनमें ब्लड का संचार नही हो पाने या ब्लॉक हो जाने से हमेशा के लिए अपंगता हो सकती है। कई मरीज ऐसे भी सामने आए हैं जिनको मेमोरी लॉस हो गया है और उनको कुछ याद नही आता है। आंखेां की रोशनी भी चली जाती है।

हमेशा के लिए खराब हो गया चेहरा
सड़क दुर्घटना में अगर गहरी या गंभीर चोट नही भी लगी है तो भी मरीज को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। अक्सर देखा जाता है गले या नाक की हड््डी टूट जाती है जिससे ठीक होने में महीनों का समय लग जाता है। दस फीसदी ऐसे भी लोग होते हैं जिनका चेहरा सड़क की रगड़ लगने से हमेशा के लिए खराब हो गया। जिसे डिस फिगरमेंट कहा जाता है। ऐसे में मामलों में प्लास्टिक सर्जरी में लाखों खर्च करने के बाद ही वापस सुंदरता पाई जा सकती है। इसलिए हेलमेट पहनने से केवल सिर नही बल्कि चेहरे का भी बचाव होता है।

लेना चाहिए कवर्ड हेलमेट
डॉक्टर्स कहते हैं कि दुर्घटना ग्रस्त ऐसे भी लोग आते हैं जिनका चेहरे का हिस्सा अधिक डैमेज हुआ होता है। पूछताछ में पता चलता है कि उन्होंने चेहरे को कवर करने वाला हेलेमेट नही खरीदा था। वह गिरे तो चेहरे पर अधिक चोट आई। इसलिए सेफ्टी प्वाइंट आफ व्यू से ऐसा हेलमेट लेना चाहिए जो चेहरे को भी कवर करे। अब सभी कंपनियां ऐसा हेलमेट बना रही हैं। नकली हेलमेट आधे अधूरे स्ट्रक्चर के आते हैं जिनका दाम भी काफी कम होता है।

हमारे पास इमरजेंसी में ऐसे भी मरीज आते हैं जिनकी नसे फट गई होती हैं और खून थक्का जम जाता है। ऐसे मरीजों को बचाना बेहद मुश्किल होता है। पता चलता है कि उन्होंने हेलमेट नही पहन रखा था। चेहरे पर भी काफी चोट आती है।
डॉ। संतोष सिंह, ट्रामा एक्सपर्ट, एसआरएन अस्पताल

हमारे दिमाग में बड़ी संख्या में नसें होती है। जब चोट लगती है उनमें से कई डैमेज हो जाती है। इससे उनसे जुड़े अंगों में अपंगता की शिकायत हो जाती है। कई बार लोगों को पूरानी चीजें याद नही रहती हैं।
डॉ। सौरभ आनंद, न्यूरो सर्जन

एक नजर में आंकड़े
जनवरी से अब तक प्रयागराज में हुए कुल सड़क हादसे- 1142
हादसों में मृतकों की कुल संख्या- 507
घायलों की संख्या- 721

Posted By: Inextlive