कातिल दो या इससे अधिक की संख्या में रहे होंगे लिहाजा वे उस पर भारी पड़ गए.

प्रयागराज (ब्यूरो) चाकू से हुए हमले के कारण खून से लथपथ लैब टेक्नीशियन अंदर चारपाई के पास जमीन पर गिर पड़ा। उसकी मौत कंफर्म करने के बाद कातिल चहारदीवारी लांघ कर भाग निकले। सूचना पर पहुंची फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड की टीम के द्वारा भी जांच की गई। बरामद उसके मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पुलिस द्वारा दी गई सूचना उसके नाते रिश्तेदार और स्टॉफ के लोग भागकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।


कत्ल की ही थी कातिलों की मंशा
जिस आवास में लैब टेक्नीशियन की हत्या हुई, उसके अंदर से मोबाइल और पर्स आदि सामान गायब नहीं हैं।
ऐसे में माना जा रहा है कि कातिलों का इरादा लूटपाट या चोरी जैसी घटना को अंजाम देने का नहीं था
हत्यारों का मकसद सिर्फ और सिर्फ लैब टेक्नीशियन बबली राम जाटव की हत्या करने का ही रहा होगा
क्राइम सीन को देखते हुए पुलिस अनुमान लगा रही कि अंदर कत्ल की यह वारदात रात करीब दस बजे के पहले की है
क्योंकि जमीन पर फैला हुआ उसका खून थोड़ा बहुत जम गया था। जबकि बॉडी से ब्लड का निकला भी बंद था
कातिल बड़े शातिर थे, यही वजह है कि मौके पर जिस औजार से कत्ल किया गया हत्यारे उसे छोडऩा उचित नहीं समझे


वहां अकेले ही रहते थे
काल्विन हॉस्पिटल में एसएलटी यानी लैब टेक्नीशियन बबलीराम जाटव फूलपुर आवास में अकेले ही रहते थे। वर्ष 2004 में उसकी पत्नी लालती देवी की मौत हो चुकी थी। उसके तीन बच्चों में एक बेटी और दो बेटे चंद्रप्रकाश व चंद्रशेखर हैं। बताते हैं कि वह बेटी की शादी कर चुका है और वे ससुराल में रहती थी। जबकि उसके दोनों अविवाहित बेटे पढ़ाई के लिए बाहर रहते थे। काल्विन में तैनाती से पूर्व वह फूलपुर के हॉस्पिटल में ही पोस्टेड थे। उसी वक्त ब्लाक के सरकारी आवास में उसे कमरा एलाट हुआ था। ट्रांसफर काल्विन हॉस्पिटल में होने के बावजूद वे वहां का रूम नहीं छोड़ा। स्टॉफ के लोग बताते हैं कि प्रति दिन वह फूलपुर से ड्यूटी के लिए अप और डाउन किया करते थे।


मजबूरी का पता नहीं, कातिल हैं परिचित
लैब टेक्नीशियन बबलीराम जाटव की काल्विन में तैनाती होने के बाद भी उसकी ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि वे शहर में नहीं रह रहे थे। जितना पैसा वह फूलपुर से रोज आने और जाने में किराया या पेट्रोल में खर्च किया करता था, उतने में उसे यहां किराए पर रहने लायक बेस्ट रूम मिल जाता। फिर ऐसी क्या बात थी कि वह इतना किराया भाड़ा लगाकर हर रोज अपडाउन किया करते थे। यह सवाल लोगों के जेहन में उसके कत्ल के कारण को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जन्म ले रही हैं। वहां परिवार का कोई नहीं रहता तो उसके हर रोज शहर से फूलपुर जाने की जरूरत क्यों पड़ रही थी। वहां इतना उसका घनिष्ठ या क्लोज कौन था जिसके लिए वह शहर में से हर रोड अपडाउन किया करते थे। खैर अब लोगों के इस सवाल का जवाब सिर्फ पुलिस की जांच के बाद ही क्लियर हो सकेगा। क्राइम सीन को देखते हुए ऐसा माना जा रहा कि कातिल उसके परिचित के ही रहे होंगे। अब परिचित कोई दुश्मन था या दोस्त यह बात तफ्तीश का विषय है।

वर्जन
सरकारी आवास में स्वास्थ्य कर्मी की हत्या हुई है। वे यहां पर अकेले ही रहता था जबकि पोस्टिंग काल्विन हॉस्पिटल हैं। बॉडी पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई है। तहरीर मिलने के बाद उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यशपाल सिंह, थाना प्रभारी फूलपुर

Posted By: Inextlive