आया था जान बचाने खुद दे दिया जान
प्रयागराज ब्यूरो। अविवाहित रमेशचंद्र कौशाम्बी जिले के कसेहदा निवासी धनीराम के तीन बेटों में छोटा था। वह मुंबई में रहकर प्राइवेट नौकरी किया करता था। पिछले कुछ महीने से उसकी तबियत खराब चल रही थी। उसके कूल्हे में काफी दर्द रहता था। परिजन उसे लेकर धूमनगंज इलाके के एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। ऑपरेशन की सलाह पर परिवार के लोगों ने एडमिट कर दिया। बताते हैं कि गुरुवार को उसके ऑपरेशन की डेट फिक्स थी। दोपहर के वक्त वह उठा और टॉयलेट के अंदर चला गया। तीमारदार सोचे के वह थोड़ी देर में आ जाएगा। मगर काफी देर हो गई और वह बाहर नहीं आया। इस पर जब वह दरवाजे पर आवाज दिए तो वे कोई जवाब नहीं दिया। परिवार के लोगों की सूचना पर पहुंचे हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने दरवाजे को तोड़ दिया। अंदर वह फांसी के फंदे से लटकता हुआ दिखाई दिया। यह देख परिवार में कोहराम मच गया। पूछताछ में घर वालों ने बताया कि वह बीमारी की वजह से काफी परेशान रहता था।
युवक का हॉस्पिटल में ऑपरेशन होना था। ऑपरेशन के लिए डॉक्टर गुरुवार की डेट फिक्स किए थे। इसके पहले वह सुसाइड कर लिया। बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। पूछताछ में घर वालों ने पुलिस को बताया है कि वह बीमारी की वजह से काफी परेशान हो गया था।दिनेश सिंह, एसपी सिटी