- ओलंपिक में हॉकी खिलाडि़यों की सफलता पर सिटी में भी सेलिब्रेशन

- पूर्व ओलंपियन और कोच सफलता के पीछे बेहतर स्ट्रैटिजी को मानते हैं मुख्य कारण

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PRAYAGARAJ: टोक्यो ओलंपिक में देश के महिला व पुरूष हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन से संगम नगरी में भी सेलिब्रेशन शुरू हो गया। दोनों टीमों के सेमीफाइनल में पहुंचने की खुशी के साथ ही सिटी के खिलाड़ी और कोच को उम्मीद है कि दोनों टीमें फाइनल में भी अपना ऐसा ही करिश्मा दिखाएंगी। वहीं सिटी के सीनियर हॉकी कोच और पूर्व ओलंपियन इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण खिलाडि़यों के साथ ही कोच की मेहनत और स्ट्रैटिजी मानते हैं। उनका कहना है कि खिलाडि़यों को सही तरह से मेहनत कराने के साथ ही उनकी कमियों को पकड़ने और उसे दूर करने में कोच की सबसे बड़ी भूमिका होती है। जिसका रिजल्ट आज हमारे दोनों टीमों की सफलता के रूप में है।

रीड करके ट्यूनिंग बनाने से आते हैं ऐसे रिजल्ट

सिटी के फेमस हॉकी खिलाड़ी और दो बार ओलंपिक में देश की तरफ से खेलने वाले पूर्व ओलंपियन दानिस मुजतबा का मानना है कि हर कोई की ट्रेनिंग अलग होती है। हर कोच के अंदर अलग तरीके का टैलेंट होता है। ऐसे में जो कोच अपने प्लेयर को सही तरीके से रीड कर लेता है। उससे कोच और खिलाडि़यों के बीच शानदार ट्यूनिंग बन जाती है। जिसके कारण ऐसे रिजल्ट आना कोई बड़ी बात नहीं है। क्योकि मेहनत तो सभी खिलाड़ी करते हैं। ऐसी सफलता से नए लड़के भी मोटिवेट होते हैं। उन्हें भी स्पो‌र्ट्स में करियर की संभावनाएं दिखाई देती है। वहीं नए खिलाड़ी भी ऐसे ही प्रदर्शन के लिए प्रैक्टिस करते है। ऐसे में जरूरी है कि इस तरह की सफलता को आगे भी कंटीन्यू रखा जाए। इस बार के हॉकी के मैच में भारतीय खिलाडि़यों के बीच शानदार ट्यूनिंग दिखी। ये लगातार कड़ी मेहनत और प्रैक्टिस से ही बनती है।

खिलाडि़यों की कमियों पर मेहनत है जरूरी

ओलंपियन दानिस मुजतबा बताते हैं कि नए कोच का पहला काम होता है कि वह खिलाडि़यों का फीडबैक लेता है। उसके बाद उनकी कमियों को पकड़कर उस पर अधिक मेहनत कराता है। फिर वह चाहे फारवर्ड लाइन हो या फिर डिफेंस और अटैक हो। सबसे जरूरी बात होती है कि डी ब्रीफ करना। यानी प्रैक्टिस के दौरान या मैच के दौरान खिलाडि़यों के वीडियो को उन्हें दिखाना और उसकी कमी को दूर करने के टिप्स देना। जिससे वह अपनी कमियों व वीक प्वाइंट को पकड़ सके और बेहतर कर सके।

नए कोच से पड़ा है काफी फर्क

रेलवे की हॉकी कोच व पूर्व ओलंपियन पुष्पा श्रीवास्तव बताती हैं कि प्रयागराज की दो रेलवे की खिलाड़ी भी महिला हॉकी टीम का हिस्सा है। निशा रेलवे में कामर्शियल डिविजन में है। जबकि गुरजीत कौर कार्मिक में जॉब करती है। इनकी कोच पुष्पा श्रीवास्तव ने कहा कि खिलाडि़यों के चयन से लेकर उनकी बेहतर प्रैक्टिस तक में कोच की अहम भूमिका होती है। दोनों ही खिलाडि़यों के चयन से लेकर उनकी प्रैक्टिस के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी है। जिसका रिजल्ट दिख रहा है। उन्होंने कहा कि नए भारतीय महिला हॉकी की कोच और महिला खिलाडि़यों की मेहनत का नतीजा ये सफलता है। उन्होंने कहा कि जब एक कोच टीम बनाता है तो सिर्फ जीतने के लिए ही सोचता है। कोच पुष्पा श्रीवास्तव ने रेलवे की दोनों ही खिलाडि़यों के साथ पूरी टीम को बधाई देते हुए फाइनल में भी बेहतर परफार्मेस की उम्मीद जताई।

सिटी में सुविधाएं बढ़ाना है जरूरी

पूर्व ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी दानिस मुजतबा ने कहा कि प्रयागराज में हॉकी खिलाडि़यों के लिए सुविधाएं बढ़ाना बेहद जरूरी है। तभी इस तरह की सफलता मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि 2015 में सिटी में हॉकी का एस्टोटर्फ ग्राउंड तैयार करने के लिए मंजूरी हुई थी। उसके लिए ग्रांट यानी बजट भी जारी हो गया था। लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण आज तक ग्राउंड नहीं बन सका। जबकि इंटरनेशनल मैच के लिए खिलाडि़यों को तैयार करने में इसी ग्राउंड पर प्रैक्टिस जरूरी है।

- ओलंपिक में भारतीय महिला व पुरुष टीम का ये बेस्ट प्रदर्शन चल रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है बेहतर कोचिंग और खिलाडि़यों की मेहनत।

दानिस मुजतबा, पूर्व ओलंपियन

- महिला हॉकी टीम मे प्रयागराज में रेलवे की ओर से खेलने वाली दो खिलाड़ी है। दोनों के चयन के लिए काफी मेहनत की थी। दोनों ने शानदार प्रदर्शन से सिटी का नाम रौशन किया है।

पुष्पा श्रीवास्तव, पूर्व ओलंपियन व महिला हॉकी कोच

- हॉकी का सिटी में पुनर्जन्म जैसा होगा। हॉकी की लोकप्रियता बढ़ेगी और नए खिलाड़ी भी हॉकी से जुड़ेंगे। जिससे खेल को और अधिक खिलाड़ी मिलेंगे। एस्टोटर्फ के कई ग्राउंड देश में हो गए है।

राजेश वर्मा

- 20 साल से अधिक हो गया। बचपन से आज तक डिपार्टमेंटल हॉकी का प्रदर्शन कभी नहीं देखा। ओलंपिक में ऐसा प्रदर्शन आज तक नहीं देखा। ऐसा लग रहा है कि हम खुद खेल रहे हैं।

अरविन्द यादव, हॉकी नेशनल प्लेयर

- ओलंपिक में इतना अच्छा प्रदर्शन की क्या कहने। कोच का प्रदर्शन बहुत सुंदर है। बेहतर कोचिंग का असर दिख रहा है। हर फील्ड के अलग कोच है।

आशीष द्विवेदी, हॉकी प्लेयर

Posted By: Inextlive