आधा परसेंट सोना कम तो चार हजार की चपत
हालमार्क में 14 कैरेट को शामिल किए जाने के बाद व्यापारियों का बढ़ा सिरदर्द
सोना गलाने के अलावा नहीं बचा कोई विकल्प, करोड़ो का होने जा रहा नुकसान प्रयागराज हालमार्क में 14, 18 और 22 कैरेट को शामिल किए जाने के बाद ज्वैलरी व्यापारियों का सिरदर्द बढ़ गया है। उनका सबसे बड़ा संकट 18 कैरेट से कम सोने से बने गहने हैं। अगर यह हालमार्क के लिए गए तो आधा परसेंट भी शुद्धता कम होने पर इन्हें तत्काल 14 कैरेट की कैटैगरी में डाल दिया जाएगा। ऐसे में दस ग्राम सोने में व्यापारियों को चार हजार की चपत लगेगी। बड़े पैमाने पर होने वाले इस नुकसान को लेकर व्यापारियों का पसीना छूटने लगा है। ज्वैलरी व्यापारियों के लिए ऐसा सोना गलाने के अलावा कोई रास्ता नही बच रहा है। इस कैटेगरी में बनाते हैं सबसे ज्यादा जेवरज्वैलरी व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह 14 से 18 कैरेट के बीच सबसे ज्यादा जेवर बनाते हैं। वर्तमान में उनके स्टाक में यह जेवर सबसे ज्यादा हैं। अधिकतर यह देखने में आता है कि 18 कैरेट के हिसाब से बनाए गए जेवर में सोने की शुद्धता कुछ कम रह जाती है। ऐसे में इनकी जांच हुई तो तत्काल यह 18 से 14 कैरेट की मुहर में आ जाएंगे।
महंगी पड़ जाएगी सोने की चोरी
जो ज्वैलरी व्यापारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं उनको कम नुकसान हो सकता है। बहुत से व्यापारी ऐसे हैं जो दाम 18 कैरेट का लेते हैं और माल उससे कम शुद्धता का देते हैं। ऐसे व्यापारियों का लंबा नुकसान हो सकता है। ऐसे में उनके पास सोना गलाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नही है। मार्केट में सबसे ज्यादा जेवर 18 कैरेट के ही बनाए जाते हैं। इसमें 75 फीसदी सोने की मात्रा होती है। हर तरफ से होगा नुकसान ज्वैलरी व्यापारियों को दोनों तरफ से नुकसान होने जा रहा है। वह सोना गलाएंगे तब भी उनका घाटा लगना तय है। ऐसे में उन्हें फिर से ज्वैलरी बनानी हो और पुरानी ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज बेकार जाएगा। यह भी बता दें कि 14 कैरेट में सोने की मात्रा महज 58.5 फीसदी ही रह जाती है। इसलिए केवल 14 कैरेट सोना की ज्वैलरी लोग नही बनवाते हैं। इस कैटेगरी के बने जेवर पालिश उतरने के बाद तांबे की तरह नजर आते हैं। जल्द शामिल होंगी तीन नई कैटेगरीसरकार की ओर से हालमार्क में जल्द ही तीन नई कैटैगरी शमिल की जानी हैं। इनमें 20, 23 और 24 कैरेट हैं। इसके बाद 18 से 24 कैरेट के बीच 19 और 21 कैरेट के सोने के जेवर ही बचेंगे। जिनमें हालमार्क नहीं लगा होगा। हालांकि इस मानक के सोने के गहने बहुत कम बनते हैं। कुल मिलाकर आने वाला समय ज्वैलरी व्यापारियों के लिए संकट की घड़ी ला सकता है।
18 कैरेट से थोड़ा भी सोना कम होने पर उत्पाद पर 14 कैरेट की मुहर लगाई जाएगी अधिकतर जेवर 17 से 18 कैरेट के बीच बनाए जाते हैं 14 कैरेट की मुहर लगाने पर 58.5 फीसदी ही सोना ही शुद्ध माना जाएगा। यह परिस्थिति ज्वैलरी व्यापारियों के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है। इससे निपटने में काफी नुकसान हो जाएगा। लोगों को बताकर गहने बनाए जाते हैं फिर भी वह बाद में चोरी का आरोप लगा देते हैं। इस नियम से हर तरह से व्यापारियों का ही नुकसान होने जा रहा है। दिनेश सिंह अध्यक्ष, प्रयाग सराफा व्यापार मंडल प्रयागराज जिनके पास ऐसी कंडीशन होगी उनको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हमलोग तो शुरू से हालमार्क ज्वैलरी बेच रहे हैं इसलिए चिंता की बात नहीं है। पंकज सिंह, राणा ज्वैलर्सअगर सोना 18 कैरेट से कम है तो उसे 14 कैरेट में रखा जाएगा। इसलिए जिनके पास गहने हैं वह उसकी जांच करा लें और हो सके तो गलाकर नई ज्वैलरी तैयार करें।
अभिनव, राजवंश ज्वैलर्स