- प्री बोर्ड या हॉफ ईयरली नहीं दिया तो कैसे होगा स्टूडेंट्स का वैल्यूएशन

- 11वीं में स्ट्रीम सलेक्शन को लेकर यूपी बोर्ड व प्रदेश सरकार की ओर से नहीं जारी हुआ गाइडलाइन

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PRAYAGRAJ: यूपी बोर्ड की ओर से 10वीं बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निर्देश तो जारी कर दिया गया, लेकिन 11वीं में दाखिले के दौरान स्ट्रीम सलेक्शन को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में 11वीं में स्टूडेंट्स को स्ट्रीम सलेक्शन और उनकी मनचाही स्ट्रीम में दाखिला देना बड़ी चुनौती है। क्योकि यूपी बोर्ड में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल है, जहां पर प्री बोर्ड या हाफ ईयरली एग्जाम नहीं हो पाया है।

स्कूलों ने बनाया अपना मानक

11वीं में स्ट्रीम सलेक्शन के मुद्दे पर यूपी बोर्ड के स्कूलों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शासन या बोर्ड की ओर से इसको लेकर कोई स्पष्ट गाइड लाइन नहीं है। ऐसे में अपने स्तर से ही स्ट्रीम एलाट करने के लिए मानक बनाना पड़ेगा। उसमें भी उन स्टूडेंट्स के साथ ही दिक्कत होगी, जो 11वीं में स्कूल बदलने के मूड में है। उन स्टूडेंट्स को भी उनकी क्षमता के अनुसार स्ट्रीम एलाट करना होगा। ऐसे में कुछ स्कूलों ने अपने यहां 11वीं में टेस्ट के जरिए स्ट्रीम सलेक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। जिससे स्टूडेंट्स को उसकी क्षमता के अनुसार स्ट्रीम का आवंटन किया जा सके और वह भविष्य में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए खुद को बेहतर ढंग से तैयार कर सके।

टेस्ट के परसेंटेज पर एलाट करेंगे स्ट्रीम

सिटी के यूपी बोर्ड के ज्यादातर स्कूलों की प्लानिंग है कि वह 11वीं में दाखिले के पहले अपने यहां टेस्ट लेंगे। उसमें 65 से 70 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को पीसीएम एलाट करने की प्लानिंग है। जबकि 60 से 65 प्रतिशत अंक वालों को पीसीबी और 60 अंक वालों को कामर्स स्ट्रीम देने की तैयारी है। इसके लिए वह बच्चों को भी मोटिवेट करेंगे। जिससे उन्हें अपनी क्षमता का आकलन हो सके।

कई स्कूल की बोर्ड रिजल्ट पर टिकी निगाह

11वीं में स्टी्रम सलेक्शन लेकर दूसरी तरफ कई स्कूलों के प्रिंसिपल की अलग ही राय है। स्कूल के प्रिंसिपल की माने तो अभी वह यूपी बोर्ड के 10वीं रिजल्ट के मानकों का इंतजार करेंगे। अगर बोर्ड 9वीं के आधार पर 10 वीं का रिजल्ट जारी करता है। तो स्कूल भी 11वीं में दाखिले और स्ट्रीम एलाट करते समय उसी मानक को आधार बनाएंगे। स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में जब तक सरकार या प्रशासन की ओर से सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल आने को लेकर कोई निर्देश या गाइड लाइन नहीं जारी होता है। उस समय तक स्कूल के अंदर बच्चों को टेस्ट कराना संभव नहीं होगा। ऐसे में बच्चों को कैसे जज करेंगे कि वह किस स्ट्रीम को अपना सकते है। यहीं कारण है कि बोर्ड रिजल्ट तक वेट करना ही उचित लग रहा है।

- बोर्ड या सरकार की ओर से स्ट्रीम सलेक्शन को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं है। आने वाले स्टूडेंट्स का टेस्ट लेकर उनको स्ट्रीम सलेक्शन की सलाह दी जाएगी। इसके लिए मानक बना लिए गए है।

त्रिभुवन प्रसाद पाठक

प्रिंसिपल, सीएवी इंटर कालेज

- जहां तक बच्चों के टेस्ट लेने की बात है तो मुझे ये संभव नहीं लगता है। ऐसे में बोर्ड के रिजल्ट के आधार को ही स्ट्रीम एलॉट करने का मानक बनाकर बच्चों को मोटिवेट करने की प्लानिंग है।

स्वास्तिक बोस

प्रिंसिपल, एग्लो बंगाली इंटर कालेज

Posted By: Inextlive