रिश्वतखोरी इस कदर हावी है कि लोगों को खुद को जिंदा बताने के लिए भी रुपए देने पड़ रहे हैं. बात हो रही है पेंशनर्स की. उम्र की इस दहलीज पर ट्रेजरी आने वाले सीनियर सिटीजंस से खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है. मजबूरी में उन्हें देना भी पड़ रहा है. उन्हें इस बात का डर है कि पैसे नही देने पर उनकी पेंशन भी रुक सकती है. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बुधवार को स्टिंग आपरेशन में इस हकीकत का कैमरे में कैद कर लिया.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मुख्य कोषागार में इस समय जीवित प्रमाण पत्र जमा कराया जा रहा है। यूं तो यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है लेकिन पेंशनर्स फिर भी ट्रेजरी तक चलकर आते हैं। यहीं पर उनसे प्रमाण पत्र जमा कराने के एवज में प्रति पेंशनर सौ रुपए लिया जा रहा है। यह वसूली खुलेआम चल रही है। विभाग के आलाधिकारी भी इससे अनजान बने हैं। उनकी मौजूदगी में बूढ़े और बुजुर्ग पेंशनर्स से जबरन पैसे वसूले जाते हैं।

पूछने पर नही दे पाया जवाब
कलेक्ट्रेट स्थित ट्रेजरी में बुधवार को अवकाश के बावजूद भीड़ थी। दर्जनों पेंशनर्स अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने पहुंचे थे। रिपोर्टर ने कई पेंशनर्स से एक ही सवाल किया कि आप ऑनलाइन सुविधा होने के बावजूद यहां क्या करने आए हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद भी पिछले साल यहां पेंशन रोक दी गई। कुछ ने बताया कि मेरा अंगूठा स्कैन नही पाया तो कुछ ने कहा कि उन्हें ऑनलाइन सिस्टम की जानकारी नही है। पूछताछ में पेंशनर्स ने बताया कि यहां पर सौ रुपए देने के आप निश्चितं होकर घर जा सकते हैं। रिपोर्टर ने पूछा कैसे तो उन्होंने कहा कि मेज पर बैठा आदमी कागज जमा करा रहा है और बदले में सौ रुपए लेता है। इसके बाद आपको चिंता करने की जरूरत नही है। रिपोर्टर ने कर्मचारी को रुपए लेते हुए कैमरे में कैद कर लिया। फिर उससे पूछा तो उसने किसी सवाल का सही जवाब नही दिया

रिपोर्टर- यहां क्या हो रहा है?
कर्मचारी- पेंशनर्स का जीवित प्रमाण पत्र जमा किया जा रहा है।
रिपोर्टर- यह तो ऑनलाइन भी जमा होता है फिर आप अलग से यह क्यों कर रहे हैं?
कर्मचारी- अरे बूढ़े लोगों को ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं मालूम। वह यहीं आ जाते हैं।
रिपोर्टर- यह लोग तो कह रहे हैं ऑनलाइन अप्लाई करने के बावजूद पेंशन रुक जाती है?
कर्मचारी- यह तो अंदर वाले लोग ही बता पाएंगे। मेरा काम प्रमाण पत्र जमा कराना है।
रिपोर्टर- यह सौ रुपए सबसे क्यों लिए जा रहे हैं?
कर्मचारी- लोगों की मर्जी है, अपने मन से दे देते हैं।
रिपोर्टर- लेकिन उनका कहना है कि आप उनसे जमा करवा रहे हैं?
(इस सवाल पर कर्मचारी चुप हो गया)
रिपोर्टर- आपका नाम क्या है?
कर्मचारी- विनय।
(इसके बाद वह फिर से प्रमाण पत्र जमा कराने लगा)

हजारों पेंशनर्स से होती है वसूली
पेंशनर्स का कहना था कि कोषागार आए बिना उनकी पेंशन पास नही होगी। पेंशन रुकने के बाद पता चलेगा कि जीवित प्रमाण पत्र ही उनके पास तक नही पहुंचा। इस समय 40 हजार से अधिक पेंशनर्स यहां रजिस्टर्ड हैं और सबको नवंबर से पहले जीवित प्रमाण पत्र जमा कराना है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद पेंशनर्स घर से प्रक्रिया पूरी कराने के बजाय ट्रेजरी पहुंच रहे हैं।

ऐसे जमा करा सकते हैं सर्टिफिकेट
सरकार की ओर से पेंशनर्स को ऑनलाइन लिविंग सर्टिफिकेट जमा कराने की तमाम सुविधाएं दी गई हैं। इनमें तमाम बैंक और डाकघर की वेबसाइट के जरिए डोर स्टेप सेवा का लाभ लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया में घर पर कर्मचारी भेजकर पेंशनर्स के अंगूठे के निशान लिए जाते हैं और लिविंग सर्टिफिकेट जनरेट कर उसे ऑनलाइन जमा करा दिया जाता है। इसी तरह जन सेवा केंद्रों के जरिए भी जीवित प्रमाण पत्र ऑनलाइन करा सकते हैं।

पेंशनर्स की सोच है कि पैसे देने से उनका काम होता है। जबकि हमारे विभाग में किसी को प्रमाण पत्र लेंने के एवज में पैसे लेने की परमिशन नही दी गई है। अगर ऐसा है तो वह गलत है और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विवेक कुमार सिंह सीटीओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive