एसआईबी की छापेमारी के बाद व्यापारियों को जीएसटी की गंभीरता समझ आने लगी है. उन्होंने कार्रवाई से राहत पाने के लिए सेल टैक्स विभाग के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं. एक सप्ताह के भीतर दो हजार से अधिक व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है. सैकड़ों आवेदन पाइप लाइन में हैं. अधिकारियों का कहना है कि अगर व्यापारी नियमानुसार व्यापार करें तो उन्हें इसका लाभ अवश्य मिलेगा.

एक सप्ताह के अभियान के दौरान कई व्यापारियों ने किया संपर्क
छापेमारी बंद होने के बावजूद बाजारों में है दहशत का माहौल, 5 करोड़ के कर अपवंचन की चल रही है जांच
प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पिछले कई साल से सेल टैक्स विभाग व्यापारियों के बीच जागरुकता अभियान चलाकर जीएसटी में फर्म रजिस्टर्ड कराने के लिए मोटीवेट कर रहा था। इसका रिस्पांस बेहद कमजोर था। रोजाना इक्का-दुक्का रजिस्ट्रेशन हो रहे थे। एक सप्ताह से विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी का असर हुआ कि महज सात दिन में 2200 व्यापारियों ने जीएसटी का दामन थाम लिया। इनमें से कई व्यापारियों कारोबार पुराना है लेकिन उन्हें रजिस्ट्रेशन अब जाकर कराया है।

होने लगा टैक्स का वारा न्यारा
विभाग की कार्रवाई के दौरान कुल 34.60 लाख रुपए के टैक्स की वसूली की गई और पांच करोड़ कर अपवंचन के मामले सामने आए हैं। इनमें सेल टैक्स विभाग ने सभी दस्तावेज जब्त कर उनकी जांच शुरू कर दी है। कर चोरी पकड़ में आने पर संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बहुत से व्यापारियों ने अपने सीए से संपर्क कर पेंडिंग टैक्स जमा कराने की रिक्वेस्ट की है। व्यापारी अपने ऊपर बकाया टैक्स और फाइन का निपटारा भी जल्द करा लेना चाहते हैं।

89 हजार फर्म रजिस्टर्ड हैं जीएसटी में
2200 फर्म का रजिस्ट्रेशन एक सप्ताह में हुआ
34.60 लाख रुपये छापा मारकर कराया गया जमा
05 करोड़ रुपये के कर अपवंचन की चल रही जांच

कार्रवाई के दौरान जीएसटी में नए पंजीयन हुए हैं। व्यापारी रजिस्ट्रेशन कराने केलिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कर संबंधी अनियमितताओं का समाधान भी ढूंढना शुरू कर दिया है।
हरिराम चौरसिया एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू सेल टैक्स प्रयागराज

Posted By: Inextlive