उप्र सरकार के कृषि मंत्री बलदेव सिंह औलख ने बुधवार को सर्किट हाउस में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. जिसमें बताया गया कि वर्षा की कमी के दृष्टिगत प्रयागराज मण्डल में धान के क्षेत्राच्छादन लक्ष्य 378362 हेक्टर के सापेक्ष 355708 हेक्टर 94.01फीसदी हुआ है. मण्डल में कुल क्षेत्राच्छादन लक्ष्य 570341 हेक्टर के सापेक्ष 552593 हेक्टर 96.89 फीसदी क्षेत्राच्छादन हुआ है. इस पर मंत्री द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि खाली क्षेत्रों में तोरिया बाजरा सब्जी इत्यादि फसलों की बुआई कराकर शत-प्रतिशत क्षेत्राच्छादन कराया जाए.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। संयुक्त कृषि निदेशक डॉ। आरके मौर्य द्वारा अवगत कराया गया कि प्रयागराज मण्डल में माह जून, जुलाई और अगस्त की सामान्य वर्षा 653.56 मिमी के सापेक्ष अब तक 323.82 मिमी वर्षा हुयी है। जनपद प्रयागराज में सामान्य वर्षा 664.93 मिमी के सापेक्ष 293.25 मिमी (44.1 फीसदी), कौशाम्बी में सामान्य वर्षा 664.93 मिमी के सापेक्ष 164.51 मिमी (24.74फीसदी), फतेहपुर में सामान्य वर्षा 619.81 मिमी के सापेक्ष 289.60 मिमी (46.72फीसदी) एवं प्रतापगढ़ में सामान्य वर्षा 664.57 मिमी के सापेक्ष 547.92 मिमी (82.45 फीसदी) वर्षा हुयी है। जनपद कौशाम्बी में सबसे कम वर्षा हुयी है। मंत्री द्वारा कंटीजेन्ट प्लान के अनुसार फसल आच्छादन कराये जाने के निर्देश दिए गए।

रोस्टर के अनुसार चल रही नहरें
उप कृषि निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि मेजा, बारा तहसील का कुछ भू-भाग असिंचित है, शेष भूभाग में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा है। नहरें रोस्टर के अनुसार चल रही है। वर्षा की कमी से जनपद में सूखे की स्थिति है। इसको ध्यान में रखकर रणनीति तैयार कर कार्यवाही की जा रही है। कृषि विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्मिकों एवं बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों को समन्वय कर क्षेत्र का निरन्तर सर्वे करने एवं फसल क्षति की स्थिति में क्षतिपूर्ति हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान् निधि योजनान्तर्गत ई-केवाईसी एवं भूलेख सत्यापन की समीक्षा में निर्देश दिए गए कि इस कार्यक्रम को गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्व ढंग से सम्पादित कराया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न हो। विकास खण्ड स्तर, तहसील स्तर एवं जनपद स्तर पर प्रतिदिन इसकी मानीटरिंग की जाए। जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य द्वारा बताया गया कि जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। कृषकों को कृषि निवेशों की कमी नहीं होने दी जाएगी।

Posted By: Inextlive