नक्शा के आवेदन को कब्रिस्तान की जमीन होने से खारिज कर दिया था पीडीए ने

प्रयागराज ब्यूरो । जिले में वटवृक्ष बन चुके माफियाराज के सीने पर शुक्रवार को फिर योगी का बुलडोजर गरजा। माफिया अतीक अहमद के करीबी मासुकुद्दीन उर्फ मकसूद की आलीशान इमारत को जेसीबी लगाकर ढहा दिया गया। बिल्डिंग ढहाने के पीछे सबसे बड़ी वजह जमीन कब्रिस्तान की बताई गई। जमीन कब्रिस्तान की होने के कारण ही उसके मकान का नक्शा पास नहीं हुआ था। नक्शा पास कराने के लिए वे आवेदन कर रखा था। जांच में जब यह मालूम चला कि जमीन कब्रिस्तान की है तो पीडीए ने आवेदन खारिज कर दिया था। अफसरों का दावा तो यहां तक है कि मासुकुद्दीन आपराधिक प्रवृत्ति का है। उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। दबंगई और लोगों को डरा धमका कर वह जमीनों पर कब्जा करने का काम किया करता है। उमेश पाल मर्डर केस में नामजद आरोपित व माफिया अतीक अहमद का वह बेहद करीबी बताया गया।

बड़ी संख्या में तैनात रही फोर्स
मासुकुद्दीन पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के अहमदपुर असरौली निवासी हबीबुद्दीन का बेटा है। शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक सब कुछ नार्मल था। अचानक पीडीए के अधिकारी जेसीबी लेकर भारी संख्या में फोर्स के साथ असरौली पहुंच गए। असरौली में पूरी टीम के पहुंचते ही इलाके के लोगों में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते टीम मासुकुद्दीन के आलीशान इमारत के पास जा पहुंची। यह सुनते ही मौके ग्रामीणों की भीड़ लग गई। पीडीए का बुलडोजर मासुकुद्दीन के मकान पर गरजने लगा। करीब ढाई से तीन बजे के बीच शुरू हुई यह कार्रवाई शाम छह बजे तक चली। इस बीच उसके महलनुमा पूरे मकान को बुलडोजर ने जमींदोज कर दिया। पीडीए की ओर से बताया गया कि उसके मकान का नक्शा पास नहीं था। फिर भी वह इतनी बड़ी हवेली बगैर नक्शा पास कराए खड़ी कर लिया था। पुलिस की मानें तो मासुकुद्दीन की यह हवेली कब्रिस्तान की जमीन पर थी। यही वजह था कि पीडीए ने नक्शा पास कराने के लिए उसके द्वारा किए गए आवेदन को खारिज कर दिया था। आवेदन खारिज होने के बावजूद वह दबंगई से मकान बनवा लिया था। ढहाए गए मकान की मौजूदा कीमत करीब एक करोड़ से अधिक आंकी गई है।

डेढ़ दर्जन से अधिक केस हैं दर्ज
पूरामुफ्ती पुलिस के मुताबिक मासूकुद्दीन के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। यदि उसके परिवार के अन्य सदस्यों के मुकदमों को ले लिया जाय तो अकेले उसी के परिवार में 40 के आसपास केस दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक करीब 25 साल से घूमफिर कर उसी के घर परिवार में प्रधान पद की कुर्सी है। वर्षों से प्रधान पद की मलाई खा रहा मासूकुद्दीन माफिया अतीक अहमद का बेहद करीबी और खास है। पुलिस के मुताबिक अतीक के बल पर ही वह लोगों की जमीनों को कब्जा करने व डरा धमका कर लिखवा लेने का काम किया करता था। अब पीडीए के अधिकारी उसके अन्य प्रॉपर्टी की भी जांच करेगी। अधिकारी कहते हैं कि जांच में मालूम चला है कि उसका यह मकान जिस जगह है वहां से एयरफोर्स का ट्रांसमिट एरिया शुरू हो जाता है। इसलिए एयरफोर्स के द्वारा उसके मकान के निर्माण पर आपत्ति जताई गई थी। इसके बावजूद मासूकुद्दीन मकान का निर्माण करा लिया।

मासुकुद्दीन आपराधिक प्रवृत्ति का है। उसके खिलाफ करीब डेढ़ दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। परिवार के दूसरे लोगों के मुकदमों को जोड़ दिया जाय तो दर्ज केस की संख्या 40 पार हो जाएगी। तोड़ा गया मकान कब्रिस्तान पर कब्जा करके बनाया गया था।
उपेंद्र प्रताप सिंह
थाना प्रभारी पूरामुफ्ती

Posted By: Inextlive